हाइपोथायरायडिज्म Publish Date : 22/12/2023
क्या है हाइपोथायरायडिज्म
डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्माेन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होती है। यह डाइट हार्माेन के स्राव को प्रभावित कर सकता है। थायराइड से पीड़ित लोगों के लिए यहां कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जिनसे आपको बचने की जरूरत है। थायराइड की समस्या से बचने के लिए पांच चीजों को अपनी डाइट से निकाल बाहर करें! ज्बकि यह भी एक सत्य है कि हाइपोथायरायडिज्म पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं को प्रभावित करता है।
हाइपोथायरायडिज्म के रूप में जाना जाने वाला अंडरएक्टिव थायराइड
एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त हार्माेन का उत्पादन नहीं करती है। इस स्थिति के कारण हार्माेन का असंतुलन कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। शुरू में थायराइड थायरॉयड लक्षण नहीं भी दिख सकते परन्तु बाद में पैरों में दर्द होने की शिकायत कई लोगों को होती है। कुछ लोगों के पैरों में दर्द चलने से शुरू हो जाता है और जब वे चलना बंद कर देते हैं तो विश्रामावस्था में पैरों से दर्द गायब हो जाता है और दोबारा चलने से फिर वही दर्द उभर जाता है। कभी-कभी बुजुर्ग लोग अक्सर पैरों में दर्द होने की शिकायत करते हैं। कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पैरों में दर्द चलने से कम हो जाता है पर लेटने पर दर्द की तीव्रता बढ़ जाती है।
हमारे देश में पैरों में दर्द होने का सबसे बड़ा कारण टांगों की रक्त धमनियों की बीमारी है। यह रक्त धमनियां पैरों को ऑक्सीजनयुक्त शुद्ध खून की सप्लाई करती है, जिससे पैर अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर शुद्ध खून की ज्यादा मात्र पैरों को उपलब्ध करा सकें। परन्तु जब ये रक्त धमनियां किसी वजह से शुद्ध रक्त को आवश्यक मात्रा में टांगों को नहीं पहुंचा पाती हैं तो टांगों में चलने से दर्द शुरू हो जाता है, क्योंकि चलने से या पैरों का व्यायाम करने से शुद्ध ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ जाती है जो रुग्ण धमनी पूरा नहीं कर पाती है। अगर आप मधुमेह के मरीज हैं या धूम्रपान, सिगरेट, बीड़ी व हुक्का के आदी है या फिर तंबाकू और उससे बने पदार्थों जैसे जदायुंक्त पान मसाला, खैनी वगैरह के आदी हैं और साथ ही साथ पैरों में दर्द को लेकर परेशान हैं तो होशियार हो जाइए नही तो आपको पैरों की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
थायराइड में कुछ में फूडस से करें परहेज
की अवस्था में, यह स्थिति थकान, वजन बढ़ना, मांसपेशियों में कमजोरी, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि, बालों का गिरना, कठोर जोड़ों, अवसाद जैसे लक्षणों को जन्म दे सकती है। अगर इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाता है, तो अंडरएक्टिव थायरॉइड से हृदय रोग, खराब मानसिक स्वास्थ्य, बांझपन, अस्वास्थ्यकर वजन कम होने का खतरा भी बढ़ सकता है। डाइट प्लान के माध्यम से इस स्थिति को मैनेज करने में एक प्रभावी भूमिका निभा सकती है। हाइपोथायरायडिज्म के दुष्प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए हेल्दी और बैलेंस डाइट का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
इस लेख में, आप उन खाद्य पदार्थों को समझेंगे, जिन्हें आपको इस स्थिति से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए बचना चाहिए।
सोया
अध्ययन बताते है कि जो महिलाएं अधिक समय तक सोया उत्पादों का सेवन करती हैं, वे हाइपोथायरायडिज्म के उच्च जोखिम से पीड़ित हो सकती हैं। सोया उत्पादों में प्लांट-आधारित एस्ट्रोजन भी शामिल होता है। एस्ट्रोजन का बढ़ा हुआ स्तर थायराइड के असंतुलन का कारण बन सकता है। इसलिए सोया उत्पादों की खपत को कम करने की सलाह दी जाती है।
बहुत ज्यादा आयोडीन
हाइपोथायरायडिज्म के कुछ रूप आयोडीन के अपर्याप्त स्तर के कारण होते हैं। इसलिए, बहुत से आयोडीन को अपने आहार में शामिल करते हैं बहुत अधिक आयोडीन हार्माेन पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इसलिए अपने आहार में बहुत अधिक आयोडीन शामिल करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें।
कुछ सब्जियां
पोषक तत्वों से युक्त कुछ सब्जियां थायराइड हार्माेन के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। अगर आप जोखिम में है तो ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, फूलगोभी, केल, शलजम, ब्रोकोली और बॉक चोव जैसी कुछ क्रूसिफेरस सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
वसायुक्त भोजन
वसा आपके स्वास्थ्य के लिए विभिन्न तरीकों से हानिकारक है। वसा को स्वस्थ और अस्वास्थ्यकर वसा में विभाजित किया जा सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि फैटी थायरॉयड हार्माेन दवाओं को अवशोषित करने की आपके शरीर की क्षमता को परेशान कर सकता है। तले हुए खाद्य पदार्थों, वसायुक्त खाद्य पदार्थों और अत्यधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के अपने सेवन को सीमित करें।
कैफीन
बहुत अधिक कैफीन थायरॉयड हार्माेन के अवशोषण को अवरुद्ध कर सकता है। अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से हानिकारक है। यह अनिंद्रा और कई पाचन मुद्दों को भी जन्म दे सकता है। ऐसे में कैफीन के सेवन से परहेज करना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।