आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की सहायता से सेहत की देखभाल Publish Date : 10/12/2023
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की सहायता से सेहत की देखभाल
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
अब एआई करेगा ब्रेस्ट कैंसर की जांच, मानसिक स्थिति का आकलन और सेहत की भविष्यवाणी जैसे सभी कार्य एआई की सहायता सेः-
प्रस्ताव बनाकर तैयार किया गया
वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग थर्मल इमेजिंग और एआई के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराने की तैयारी में है और इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसके तहत यह नई तकनीक देश के समस्त स्वास्थ्य संस्थानों में आरम्भ करने की प्लानिंग है। एक लाख महिलाओं में 897 में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या देखने को मिलती है। केवल यही नहीं यह समस्या महिला और पुरुष दोनों को हो सकती है।
‘‘आने वाले एक दशक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से सेहत की सूरत पूरी तरह बदलने जा रही है। बीते दो सालों में पूरे देश से लेकर राज्यों तक में ऐसे कई प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। इनमें एआई से ब्रेस्ट कैंसर की जांच, मानसिक स्थिति का आकलन और सेहत की भविष्यवाणी समेत अन्य कई चीजें भी शामिल हैं।’’
सवाल-जवाब बताएगा मानसिक स्थिति
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की सहायता से स्वास्थ्य विभाग मानसिक रूप से बीमार मरीजों के लिए मैटल हेल्थ असेसमेंट ऐप भी बना रहा है। मनोचिकित्सक के पास जाने में महसूस करने वाले लोग भी अब घर बैठे अपनी मानसिक स्थिति जांच कर सकेंगे। इसके साथ ही उसके लिए जरुरी काउंसलिंग व इलाज भी ऐप की सहायता से अब अपने फोन पर ही प्राप्त कर सकेंगे। ऐसा करने के लिए आपको ऐप पर पूछे गए कुछ सवालों के जवाब देने होंगे।
एआई के माध्यम से श्रेष्ठ उपचार विधि पता लगाने के प्रयास जारी
स्वास्थ्य विभाग की ही तरह एम्स में भी मानसिक रोगियों के लिए ऐसी ही एक अनूठी पहल करने जा रहा है। एम्स एआई के जरिए एक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम विकसित कर रहा है। इससे प्रत्येक मरीज के लिए डिप्रेशन की श्रेष्ठ उपचार विधि की भविष्यवाणी की जा सकती है। इसे कार्य रूप प्रदान करने के पहले एक रोध किया जाएगा, जिसमें रक्त के नमूनों का जीनोम विश्लेषण भी शामिल होगा।
एआई करेगा सेहत के प्रति भविष्यवाणी
हमीदिया में ऐसी मशीनें इंस्टॉल की जानी प्रस्तावित है जो लोगों को भविष्य में होने वाली बीमारियों के बारे में भविष्यवाणी कर सकेंगी। आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस युक्त कियोस्क मशीन में कैंसर, मधुमेह, मेंटल हैल्थ और हार्ट समेत अन्य बीमारियों के डाटा, उनके लक्षण एवं केस हिस्ट्री सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां स्टोर होंगी। इन्ही जानकारियों के साथ चैट बॉक्स के माध्यम से मरीजों से कुछ सवाल किए जाएंगे।
दिन हो या रात एआई, करेगा सेहत की मॉनिटरिंग
देश के विभिन्न निजी संस्थानों में एआई बेस्ड कंटीन्यू ग्लूकोज मॉनिटरिंग पर फिलहाल काम किया जा रहा है। इसमें भी मरीज के पेट और हाथ की त्वचा में एक छोटा सा सेंसर लगाया जाता है, जो लगातार शरीर में मधुमेह के स्तर पर नजर रखता है। इसके साथ ही यह इससे जुड़ी जानकारियों को उसके साथ जुड़ी डिवाइस पर शो करेगा और इससे क्या खाने से कितना गुगर लेवल बढ़ता है इसकी भी तत्काल जांच की जा सकेगी।
लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर हैं।