प्लास्टिक में पैक भोजन का सेवन करने से हो सकती है मधुमेह की परेशानी      Publish Date : 07/12/2023

                     प्लास्टिक में पैक भोजन का सेवन करने से हो सकती है मधुमेह की परेशानी

                                                                                                                                                                      डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

प्लास्टिक में पैक भोजन की थाली या पॉलिथीन में पैक की गई सब्जी, दालें और पैकेटबंद जूस या प्लास्टिक में पैक्ड अन्य खाद्य सामग्रियाँ आपको बीमारी भी दे सकते हैं। एक अध्ययन के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि जो लोग इस तरह के भोजन का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं उनमें मधुमेह की आशंका अधिक बढ़ जाती है।

                                                                         

मधुमेह के अन्य कारणों का पता लगाने के लिए गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन शुरू किया गया तथा अध्ययन में कुल 50 महिलाएं शामिल की गई। 30 महिलाओं की सैंपलिंग जांच में गर्भावस्था के दौरान इन्हें गेस्टेशनल डायबिटीज पाई गई है। आमतौर पर चार से 18 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं इस टाइप के मधुमेह का शिकार होती है।

अच्छी बात यह है कि प्रसव के बाद 90 प्रतिशत महिलाओं में यह मधुमेह अपने आप ही समाप्त हो जाता है। महिलाओं की जांच में इसका कारण प्लास्टिक की सामग्री में खाद्य सामग्री का पैक्ड होना बताया गया है। दरअसल, प्लास्टिक और पॉलिथीन में विसफाइनल एसीआई नामक केमिकल का प्रयोग किया जाता है और यह खाने में शामिल होकर कई तरह की बीमारियां पैदा कर देता है।

गर्भावस्था में महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उन्हें यह रोग जकड़ लेता है। जिन महिलाओं को गेस्टेशनल डायबिटीज होती हैं, उन्हें यह रोग लगने का सबसे अधिक खतरा रहता है। करीब 60 प्रतिशत महिलाएं, प्रसव के कुछ समय बाद फ्रंटल डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं, और उनका वजन बढ़ जाता है।

                                                                  

इसके साथ ही पैदा होने वाले बच्चों का वजन भी बढ़ जाता है और पैदा होने वाले बच्चे का वजन सामान्य से अधिक रहता हैं। इसलिए सभी लोगों को प्लास्टिक बैगों में पैक खाने का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि उसके हमारी सेहत पर दूरगामी में दुष्प्रभाव पड़ते हैं।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ।