पूरी दुनिया में लगभग प्रत्येक तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित Publish Date : 04/12/2023
पूरी दुनिया में लगभग प्रत्येक तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के द्वारा उच्च रक्तचाप के दुनियाभर में पड़ रहे प्रभाव पर इसकी पहली रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में कहा कि प्रत्येक पांच में से चार व्यक्तियों का पर्याप्त तौर पर इलाज नहीं किया जा रहा है। वहीं अगर देखा जाए, तो वर्तमान में उच्च रक्तचाप से दुनियाभर में प्रत्येक तीन में से एक व्यक्ति प्रभावित है।
इस रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया कि अगर देश स्वास्थ्य कार्यक्रमों को तेजी से बढ़ाते हैं तो 2023 और 2050 के बीच 7.6 करोड़ मौतों को रोका जा सकता है। उच्च रक्तचाप के प्रभावी इलाज की सहायता से स्ट्रोक से 12 करोड़, दिल के दौरे से 7.9 करोड़ और हार्ट फेल होने से 1.7 करोड़ होने वाली मौतों पर भी कारगर लगाम लगाई जा सकती है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश, क्यूबा, भारत और श्रीलंका सहित 40 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों के द्वारा अपने स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू कर उच्च रक्तचाप के मामलों को समय के साथ कम भी किया है।
हालांकि, उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों की संख्या वर्ष 1990 और वर्ष 2019 के बीच दोगुनी हो गई। यह संख्या 65 करोड़ से बढ़कर अब 1.3 अरब लोगों पर पहुंच गई है। वहीं विश्व स्तर पर उच्च रक्तचाप से पीड़ित लगभग आधे लोग वर्तमान में अपनी इस बीमारी से पूरी तरह से अनजान हैं।
दुनिया में क्षेत्रों के अनुसार उच्च रक्तचाप के मामले
क्षेत्र हाई बीपी प्रभावी उपचार
अफ्रीका 36 12
अमेरिका 45 36
दक्षिण-पूर्व एशिया 32 14
यूरोप 37 26
पूर्व-मध्य 38 15
पश्चिमी प्रशांत 28 18
वैश्विक 33 21
- (सभी मामले प्रतिशत में! सोत डब्ल्यूएचओ)
बदलाव जो साबित होते हैं मददगार
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जीवनशैली में लाए गए सकारात्मक बदलाव जैसे स्वस्थ आहार का सेवन करना, तंबाकू छोड़ना और अधिक सक्रिय रहना आदि के माध्यम से रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, इसके रोकथाम के लिए इस बीमारी का शीघ्र पता लगाना और उसके प्रभावी प्रबंधन से भी उचित देखभाल की जा सकती है।
उच्च रक्तचाप के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं
हाई बीपी के कारण दिल का दौरा, हार्ट फेल. गुर्दे को नुकसान और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक स्वस्थ्य व्यक्ति का सामान्य रक्तचाप 140/90 एमएमएचजी होना चाहिए।
हाई बीपी बीमारी के कारण
- अधिक उम्र और आनुवंशिकी के कारण उच्च रक्तचाप का खतरा।
- अधिक नमक वाला भोजन करना।
- शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना।
- अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना।
‘‘उच्च रक्तचाप को सरल तरीके, कम लागत वाली दवाओं के माध्यम से प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। जबकि अभी तक उच्च रक्तचाप नियंत्रण के कार्यक्रम उपेक्षित ही हैं, और इसमें व्यापक रूप से तेजी लाने की जरूरत है।“
- टेड्रोस एडनोम घेबियस महानिदेशक, डब्ल्यूएचओ।
इसके अलावा कुछ शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से भी उच्च रक्तचाप को कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में दावा किया कि हाई बीपी की समस्या से ग्रस्त बुजुर्गों के लिए प्रति दिन कम से कम सात हजार कदम चलना भी लाभकारी सिद्व हो सकता है। हाई बीपी के चलते हार्ट का फेल होना, हार्ट अटैक का आना और हार्ट स्ट्रोक आदि का जोखिम बढ़ जाता है।
इस शोध का यह निष्कर्ष जर्नल ऑफ कार्डियोवस्कुलर डेवलेपमेंट एंड डिजेज में प्रकाशित किया गया था। अमेरिका की आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी से सम्बद्व शोध के मुख्य लेखक डक-चुन ली ने कहा कि शोधदल ने अपने इस अध्ययन के दौरान 68 से 78 वर्ष के बुजुर्गों को शामिल किया था, जो किए गए अध्ययन से पूर्व प्रतिदिन चार हजार कदम चलते थे।
शोधदल ने अमेरिकन कॉलेज ऑफ र्स्पोट्स मेडिसिन की अनुशंसा पर इन लोगों को प्रतिदिन तीन हजार कदम अतिरिक्त चलने का लक्ष्य दिया। इसके बाद इन प्रतिभागियों का सिस्टोलिक और डास्टोलिक ब्लड प्रेशर क्रमशः सात और चार अंक की औसत से कम हुआ।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ के मेडिकल ऑफिसर हैं।