सर्दियों में सांस की बीमारियों का बढ़ सकता है प्रकोप      Publish Date : 28/11/2023

                                                          सर्दियों में सांस की बीमारियों का बढ़ सकता है प्रकोप

                                                                                                                                                डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                          

चीन में फैल रही है सांस की बीमारी का दायरा और भी बड़ा हो सकता है। चीन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बच्चों में माइकोप्लाज्मा के कारण फैले निमोनिया में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। चीन ने कहा है कि सर्दियों के दौरान सांस की बीमारी एक बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले सकती है।

चीन के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के प्रवक्ता मी फेंग ने कहा है कि सामान्य इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से बच्चों के बीमार होने के मामले सामने आए हैं। चीन ने फीवर क्लीनिक की संख्या में बढ़ोतरी की गई है, इससे मरीजों को समय रहते बेहतर उपचार मिल सकेगा।

बीजिंग के यू एन अस्पताल के प्रमुख फिजिशियन डॉक्टर ली टाँगजेंग का कहना है कि स्कूल और कार्यकालों से इस रोग के प्रसार की संभावना ज्यादा है जिससे अगले कुछ सप्ताह में मामले बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा है कि नए वर्ष के शुरुआत और छुट्टियों के दौरान इसकी दूसरी लहर भी देखने को मिल सकती है। लोगों की भीड़ बढ़ने के साथ ऐसे मामलों में तेज बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

                                                                                   

चीन में बीजिंग में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया की माइकोप्लाज्मा के बाद चीन में फ्लू और एडिनोवायरस का सिलसिला भी तेज हो गया है। बीजिंग के बाद तियानजीन और शंघाई में बीमारी से ग्रस्त बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

वायरस नया तो वयस्क लोगों को खतरा

यूनिवर्सिटी ऑफ़ हॉन्गकॉंग के वायरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर जिन डॉग यान का कहना है कि अभी यही पता चला है कि यह पुराना वायरस है और अगर यह वायरस नया है तो यह व्यस्क को लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। वह बताते हैं कि माइकोप्लाज्मा एक सामान्य पैथोजन है जो पांच और उसके अधिक उम्र के बच्चों में निमोनिया का कारण बनता है। बीजिंग में इस संक्रमण की दर करीब 40 प्रतिशत है, जो वर्ष 2019 की तुलना में करीब डेढ़ गुना ज्यादा है।

चीन की हर स्थिति पर है पेनी नजर

                                                              

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि चीन में फैली सांस की बीमारी कोरोना महामारी से पहले जितनी अधिक नहीं है। संगठन के महामारी विभाग की निदेशक मारिया वैन खेरकोव का कहना है कि चीन में हाल के दिनों में जो भी मामले मिले हैं उनमें नया कुछ भी नहीं है। संगठन ने इसकी तुलना कोरोना महामारी से पहले की स्थिति से की है, जिससे पता चलता है कि सब कुछ नियंत्रण में है और संगठन चीन की हर स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।

भारत में निमोनिया से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग है तैयार

                                                                     

चीन में रहस्यमयी बीमारी के बाद सभी राज्यों में एर्लट जारी कर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। चीन में बच्चों के फेफड़ों में जलन के साथ तेज बुखार, खांसी और जुकाम के केस लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसी किसी भी स्थिति बढ़ने पर हर स्थिति के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है। जिले के निजी एवं सरकारी अस्पताल में बच्चों के इलाज और संसाधनों का होना सुनिश्चित कर दिया गया है।

मौसम में बदलाव होने के साथ ही बच्चों में निमोनिया का प्रकोप बढ़ जाता है। स्थिति के गंभीर होने पर बच्चों को अस्पताल में भर्ती कर वेंटिलेटर पर इलाज करना पड़ रहा है। अभी बच्चों में निमोनिया का ऐसा संक्रमण नहीं मिल रहा है कि जिसकी रोकथाम इलाज मुश्किल हो रहा हो। जिन बच्चों में निमोनिया बुखार के लक्षण मिले हैं उन्हें स्कूल से अवकाश दिला दें और साथ ही उनका इलाज प्रारंभ करा दिया जाए। इसके कारण यदि बच्चों के फेफड़ों में जलन के साथ तेज बुखार के लक्षण दिखाई दें तो उनका इलाज तुरंत प्रारंभ करना चाहिए। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बनाए गए इनफेक्शन कंट्रोल प्रोटोकोल का पालन पूरी तरह से करना चाहिए।

अस्पतालों के लिए की गई एडवाइजरी जारी

                                                                   

  • अस्पतालों में बेड और स्टाफ की कमी ना हो इस पर ध्यान दिया जाए।
  • जरूरी दवाएं एंटीबायोटिक का आवश्यक स्टॉक सुनिश्चित किया जाए।
  • ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहे।
  • ऑक्सीजन प्लांट और वेंटीलेटर सही काम कर रहे हो।
  • किट और टेस्टिंग किट सदैव और पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहे।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ।