दांत के दर्द और इसके सही इलाज की अनदेखी न करें Publish Date : 22/11/2023
दांत के दर्द और इसके सही इलाज की अनदेखी न करें-
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर
किसी के दांत दर्द होना एक आम समस्या है, जो मामूली झुंझलाहट से लेकर एक गंभीर परेशानी के रूप में सामने आ सकती है। मेडिकल लैंग्वेज में दांतों के दर्द को ओडोटेल्जिया या डेंटल पेन भी कहते हैं। यह दांत के भीतर या आस-पास की संरचनाओं में हो सकता है। दांत दर्द के मुख्य कारण निम्न प्रकार से हैं-
दांत में सड़न होनाः- बैक्टीरिया के माध्यम से उत्पन्न होने वाला एसिड दांत के इनेमल को क्षति पहुँचा देते हैं, इससे दांत में कैविटी या दंत क्षय हो जाता है, जो सेंसिटिविटी व दर्द होने का मुख्य कारण बन जाता है।
मसूड़ों में होने वाले विभिन्न रोगः- पेरीडोंटल रोग जैसे जिन्जिवाइटिस और पेरीडोटिटिस के कारण मसूड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है। इसकी एडवांस्ड स्टेज में दांत कमजोर होकर हिलने लगता है।
दांत में फ्रैक्चर होनाः किसी दुर्घटना या किसी सख्त चीज को दांतों से काटने की कोशिश करने पर दांत में फ्रैक्चर हो जाता है। ऐसे में दर्द के साथ दांत का प्रभावित हिस्सा अतिसंवेदनशील हो जाता है।
दांत में फोड़ाः जब दांत का संक्रमण आस-पास के ऊतकों में फैलने लगता है तो यह फोड़े का कारण भी बन सकता है। इसके कारण दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
संवेदनशीलताः ठंडी, गरम या मीठी चीजों लिए संवेदनशीलता का महसूस होना इसका शुरुआती संकेत है। ध्यान न देने पर दांत व मसूड़ों में दर्द व झनझनाहट रहने लगती है।
ऐसे मिलेगा आराम
टीथ ग्राइंडिंगः यह एक आम समस्या है, जो तनाव की अधिकता या दांतों का उचित रेखा में नही होने के कारण अकसर सोते समय कुछ लोग दांतों को पीसने लगते हैं। ऐसा लगातार होने से समय के साथ दांतों को भी नुकसान पहुंचने लगता है। फ्रैक्चर या जबड़े में दर्द रहने लगता है। इसके उपचार के लिए पर डॉक्टर मरीजों को कस्टम-फिटेड माउथगार्ड पहनने की सलाह देते हैं।
दांत की फिलिंगः दांत कैविटी ठीक करने के लिए यह एक बुनियादी प्रक्रिया होती है। दांत की कैविटी को साफ करके दांत में फिलिंग कर दी जाती है। आमतौर पर डेंटिस्ट फिलिंग मेटेरियल के रूप में अमलगम या कम्पोजिट रेजिन का इस्तेमाल करते हैं। दांत की कैविटी की अनदेखी करने पर रूट कैनाल तक की नौबत आ जाती है।
रूट कैनाल थेरेपी (आरसीटी):- जब दांत में कैविटी अधिक गहरी हो जाती है या फिर फ्रैक्चर या दुर्घटना के कारण इन्फेक्शन दांत के सबसे भीतरी भाग डेंटल पल्प तक पहुंच जाता है, तब इस प्रक्रिया को अपनाया जाता है। इसमें प्रभावित पल्प को पहले अच्छी तरह साफ करके संक्रमण रहित किया जाता है। बाद में इसे सील करने के लिए फिलिंग मटीरियल भरा जाता है। ऐसा न करने पर असहनीय दर्द बना रहता है।
ये हो सकते हैं नुकसान
■ दांत का संक्रमण दूसरे दांतों व चेहरे के हिस्सों में फैल कर गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इस कारण सूजन, जलन, बेचेनी व नींद की समस्याएं भी होने लगती हैं।
■ दांत को बाहर निकालने की नौबत आ सकती है।
■ मुंह के पूरे स्वास्थ्य व हाइजीन पर इसका असर पड़ता है। लगातार दर्द रहने से आत्मविश्वास भी कम होता है।
■ दूसरे दांतों तक जाने वाली नसों के संपर्क मैं आने पर दर्द तेज होता है। जलन बढ़ जाती है। इलाज जटिल और प्रक्रिया अधिक महंगी हो जाती है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ के मेडिकल ऑफिसर है।