कोविड के चपेट में आए लोगों को बाद में भी हो सकती हैं बीमारियां Publish Date : 17/11/2023
कोविड के चपेट में आए लोगों को बाद में भी हो सकती हैं बीमारियां
डॉ0 दिव्यान्शु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
हाल ही में एक शोध से यह बात सामने आई है कि कोविड-19 संक्रमण के पांच महीने बाद इसके लगभग एक तिहाई रोगियों में कई गंभीर बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इन रोगियों के कई अंगों, विशेष रूप से फेफड़े, मस्तिष्क और गुर्दे आदि में असामान्यताएं पाई गई है।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन पर आधारित ‘‘द लैसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन” में प्रकाशित अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि कोविड संक्रमण के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीजों के फेफड़ों में काफी असामान्यताएं देखी गई जो लगभग 14 गुना थी। मस्तिष्क में यह तीन और गुर्दे से संबंधित असामान्यताएं लगभग दो गुना अधिक थी।
एमआरआई से सामने आया कि गंभीर कोविड संक्रमण, उम्र और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त मरीज अधिक प्रभावित दिखे। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के रेडक्लिफ मेडिसिन विभाग के डॉ. बेट्ठी रमन ने कहा, हमें एमआरआई में लगभग तीन में से एक मरीज के अंगों में असामान्यताएं देखने को मिली हैं। यह निष्कर्ष अस्पताल में भर्ती होने के बाद 500 कोविड के रोगियों की एमआरआई के बाद सामने आया।
यह शोध कोविड-19 के 259 मरीजों पर किया गया जिसमें से 52 मरीजों को विशेष निगरानी पर रखा गया। यूके में 13 स्थानों पर भर्ती किए गए मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के औसतन पांच महीने बाद हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े, लिवर और गुर्दे को कवर करने वाले एमआरआई स्कैन से गुजरना पड़ा। इन रोगियो का रक्त परीक्षण भी किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि कुछ अंग चोट के साक्ष्य से भी संबंधित रहे है।
■ लॅसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि कोविड संक्रमण के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीजों के फेफड़ों में असामान्यताएं पायी गई। यह लगभग 14 गुना अधिक थी।
■ जबकि मस्तिष्क से सम्बन्धित यह असामान्यताएं तीन और गुर्दे से संबंधित असामान्यताएं दो गुना अधिक थी।
■ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के रेडक्लिफ मेडिसिन विभाग के डॉ. बेट्टी रमन ने कहा, हमें एमआरआई में लगभग तीन में से एक मरीज के अंगों में यह असामान्यताएं देखने को मिली।
उदाहरण के लिए, फेफड़ों की एमआरआई में असामान्यताओं के साथ सीने में जकड़न और खांसी के लक्षण सीधे विकारों से जुड़े नहीं हो सकते। अस्पताल में भती रहे पूर्व कोविड रोगियों में हृदय और लिवर के नुकसान का स्तर खास निगरानी में रखे गए, मरीजों के समान ही था। इस शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई कि अस्पताल में भर्ती होने वाले उन रोगियों में भी असामान्यताएं पाई गई जिन्होंने कोविड के बाद खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सूचना दी थी।
डॉ. बेट्ठी रमन ने कहा कि एमआरआई में मरीजों के दो से अधिक अंग प्रभावित थे। उन्होंने बताया, शोध से प्राप्त निष्कर्ष गुर्दे, मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित प्रभावों पर प्रकाश डालते हैं। विशेषरूप से ऐसे लोगों पर जो कि कोविड-19 से संक्रमित होने कारण अस्पताल में भर्ती रहे हैं।
लेखक: डॉ0 दिव्यान्शु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर हैं।