स्वस्थ   लिवर      Publish Date : 18/10/2023

                                                                      लिवर को स्वस्थ बनाए रखें

                                                                                                                                        डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                                 

अच्छी सेहत के लिए जरूरी है लीवर का अच्छा होना

मोटापा और अस्वस्थ जीवन शैली शरीर के जिन अंगों को सबसे अधिक प्रभावित करती है उनमें सबसे महत्वपूर्ण अंग हमारे शरीर का लीवर होता है। डायबिटीजए हाइपरटेंशनए थायराइड और अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल से नान एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का जोखिम अधिक बना रहता है। यह समस्या आगे चलकर लीवर सिरोसिस में बदल जाती है।

अगर आप अल्कोहल का सेवन कर रहे हैं तो यह लीवर सिरोसिस को खुला निमंत्रण है इसलिए जरूरत इस बात की है कि अपने लीवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अल्कोहल का सेवन कम से कम या ना करें तो अच्छा होगा।

लीवर को स्वच्छ रखने के लिए रहे सतर्क

लीवर को स्वच्छ रखने के लिए बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। लीवर की बीमारी का एक बहुत सामान्य कारण हैण् वायरल हैपेटाइटिस हैपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी वायरस से लीवर की कार्य क्षमता में कमी आने लगती है ।

शुरुआत में लिवर की बीमारी के कोई खास लक्षण नहीं दिखते और कई बार लीवर के अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ती है और उसके उपरांत भी लक्षण नहीं मिल पाते लेकिन कुछ सी सम्मान जाचों के उपरांत पता आसानी से लगाया जा सकता है कि पेशेंट को हैपेटाइटिस बी है या सी।

                                                                   

कैसे बचे संक्रमण से

हैपेटाइटिस बी दुनिया भर में होने वाली एक सबसे आम समस्या है। देखा गया है कि यह बीमारी मां से बच्चे में फैलती है और यह शरीर में लंबे समय तक बनी रहती है। रक्त जांच या रक्तदान करते समय या गर्भावस्था में जांच के दौरान पता चलता है कि हैपेटाइटिस बी पॉजिटिव है।

शुरुआत में ही इसका पता लगाने से उपचार आसान हो जाता है वही हेपेटाइटिस सी आमतौर पर इंजेक्शन के दोबारा इस्तेमाल से होता है किसी संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाने से भी इसकी आशंका रहती हैए हालांकि इसमें अब कमी देखी जा रही है।

लीवर की बीमारी से जुड़े लक्षण

.    लीवर की कार्यप्रणाली बाधित होने से थकान महसूस होती है।

.    पेट के ऊपरी भाग में दर्द और खिंचाव हो सकता है।

.    कुछ लोगों में देखा गया है कि लीवर में कमी होने पर गैस की समस्या बढ़ जाती है।

.    अगर पेट बाहर निकलता है या गर्दन काली पड़ जाती है तो यह लीवर की बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।

.    खाने के बाद पेट में भारीपन सीधे हाथ में भारीपन लगना आदि कुछ मरीजों में लक्षण दिखाई देते हैं।

.    थकान कमजोरी के साथ साथ पेट में अपच होने की समस्या बनी रहती है।

कैसे अपने लीवर को रखें सुरक्षित

                                                    

.    शराब को पूरी तरह से ना कह दे।

.    नियमित हैपेटाइटिस सी की जांच कराते रहें।

.    धूम्रपान बिल्कुल ही छोड़ दें।

.    योगा कर मांसपेशियों को मजबूत करें इससे लीवर स्वस्थ होगा।

डिस्क वॉक को दिनचर्या में शामिल करें

अचानक आपका वजन बढ़ रहा हो या फिर अचानक बहुत अधिक घट रहा हो तो सतर्क रहें। आपको अपने वजन को अनुपात को दुरुस्त रखने की आवश्यकता है।

खाने में इन बातों का रखें विशेष ध्यान-

.    चीनी और चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखें।

.    फ्री शुगर को बिल्कुल भी ना ले।

.    ब्लैक कॉफी का सेवन एक बेहतर विकल्प है।

.    मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन अवश्य करें।

.    खाने में थोड़ी हल्दी का उपयोग अवश्य करें।

.    मोरिंगा लीफ पाउडर की एक चम्मच शाम को दूध के साथ ले।

उपलब्ध है लीवर का उपचार-

हैपेटाइटिस पी और हैपेटाइटिस सी दोनों के लिए ही इलाज अब बहुत आसानी से उपलब्ध है हालांकि शुरुआत में ही इसका पता चलना चाहिए। जब रोग अधिक बढ़ जाता है तो लीवर को काफी नुकसान हो जाता है इसलिए अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है यदि कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो लीवर की जांच अवश्य करा लें। जिससे समय पर उसका इलाज शुरू किया जा सके और आपकी सेहत को सुरक्षित रखा जा सके इसके लिए आप अपने निकटतम हॉस्पिटल में या किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क कर इलाज प्रारंभ करें।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।

डिस्कलेमर: उक्त लेख में प्रकट किए गए विचार लेखक के अपने मौलिक विचार हैं।