निपाह वायरस के खतरे से कैसे बचे      Publish Date : 19/09/2023

                                                       निपाह वायरस के खतरे से कैसे बचे

                                                                                                                                        डॉ दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                        

निपाह वायरस का प्रकोप पूरे देश में तेजी से फैल रहा है, यह बीमारी चमगादड़, जो फलों के पेड़ पर बैठते हैं, उनके द्वार मनुष्यों में फैल सकती है धीरे-धीरे स्थिति खराब हो सकती है। संक्रमित लोगों में आमतौर पर इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, समान अवस्था में इस संक्रमण के लक्षण 5 से 14 दिन में दिखाई देने प्रारंभ होने लगते हैं।

कैसे होते हैं लक्षण

तीव्र स्वसन, संक्रमण तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, गले में खराश, जी मिचलाना, उल्टी एवं चक्कर आना, असमान निमोनिया और मस्तिष्क में सूजन आदि इस वायरस से संक्रमित होने का प्रमुख लक्षण है। अगर मरीज की स्थिति ज्यादा खराब है तो वह 24 से 48 घंटे की भीतर कोमा में भी जा सकता है। निपाह वायरस की रोकथाम के प्रयास देश में तेजी से प्रारंभ कर दिए गए हैं, ऐसे में यदि किसी व्यक्ति में इन्फ्लूएंजा के जैसे लक्षण दिखाई देते है तो उसे तुरंत चिकित्सक से परामर्श से करना चाहिए। चिकित्सक लक्षणों के आधार पर रोगी को संक्रामक रोग विशेषज्ञ के पास भी भेज सकता है।

संक्रमित मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को मास्क, टोपी, दस्ताने और हाथ धोने जैसी बुनियादी सावधानियां बरतनी चाहिए। जिन लोगों के पास घरेलू पशु है या खेत में जानवर है तो उन्हें दूषित फल खाने से रोकना चाहिए। ऐसे में ताड़ी सहित दूषित खजूर के रस के सेवन से भी बचना चाहिए और देखभाल करने वालों को भी पशुओं उचित दूरी का पालन करते हुए पशुओं का काम करना चाहिए।

                                                 

क्या अंतर होता है वायरस और बैक्टीरिया में

बैक्टीरिया अन्य जीवों के अंदर पाए जाने वाले ऐसे कोशिकीय सूक्ष्मजीव होते हैं जिनकी संख्या लाखों में होती है, तो वहीं दूसरी ओर वायरस एक अकोशिकीय सूक्ष्मजीव होते हैं जो किसी जीवित कोशिका के संपर्क में आते ही जीवित हो जाते हैं और वह काफी घातक सिद्व होते हैं।

डरने की आवश्यकता नहीं सावधानी से बचेंगे हम

वायरस से बचाव के लिए सबसे पहले हमें समझना होगा कि निपाह वायरस के लिए कोई दवा या टीका वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है, इसलिए लोगों में निपाह वायरस के संक्रमण को कम करने या रोकने का एकमात्र तरीका जागरूकता फैलाना है। खाने से पहले फलों को अच्छी तरह से धोएं और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के बाद सावधानियां का पालन करें।

                                              

साथ ही मास्क पहन कर रखें भीड़ भाड़ वाले स्थान पर, खांसी और छींक के माध्यम से भी इसका असर तेजी से होता है। निपाह वायरस से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोते रहें, बार-बार अपनी आंखों या मुंह को छूने से बचें। चमगादड़ों के रहने वाले पेड़ों या अन्य जगहों के संपर्क में आने से बच्चे को रोकें और पौष्टिक खाना खाते रहे तथा पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीते रहे और स्थिति के खराब होने पर चिकित्सक से सलाह ले। आपको सावधान रहने की जरूरत है इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह जांच करने के उपरांत इसका आसानी से इलाज भी किया जा सकता है।

डॉ दिव्यांशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर प्यारेलाल हॉस्पिटल मेरठ।