प्लैन्क पॉजिशन में होल्ड करते समय फोलो करने योग्य टिप्स      Publish Date : 22/08/2023

                                            प्लैन्क पॉजिशन में होल्ड करते समय फोलो करने योग्य टिप्स

                                                 

वर्तमान समय में अपनें आप को फिट रखने और अपने स्टेमिना को बनाए रखने के लिए हम लोग विभिन्न तरकों को अपनाते हैं। हालांकि, इसके लिए वर्कआऊट करना सबसे अधिक लाभदायक माना जाता है, क्योंकि इसके माध्यम से आप अपनी बॉडी को एक बेहतर शेप प्रदान कर पाने में सफल होते हैं। वर्कआऊट करते समय अपनी बॉडी के अलग-अलग भागों को ध्यान में रखकर एक्सरसाइजेज की जाती हैं। लेकिन यदि कोर को स्ट्राँग करने के बारे में बात की जाए तो इसके लिए प्लैन्क करना काफी अच्छा माना जाता है। प्लैन्क को करते समय उसको होल्ड करना थोड़ा सा कठिन भी हो सकता है, परन्तु हमारे इस लेख में दी गई कुछ टिप्स को अपनाकर आप इसे बेहतर तरीके से होल्ड कर सकते हैंः-

समय में धीरे-धीरे ही वृद्वि करें-

प्लैन्क करने के दौरान आप 10 सेकंड से लेकर 30 सेकंड तक होल्ड कर सकते हैं। यह बात अलग है कि कुछ लोग प्लैन्क पॉजिशन में एक मिनट तक का होल्ड करने में सक्षम होते हैं। परन्तु यहाँ इस बात का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है कि एकदम से ऐसा कर पाना सम्भव नही है।

यदि आप एक बिगनर हैं तो इसके प्रारम्भ में समय को कम ही रखना उचित रहता है, और इसके बाद आप धीर-धीरे करते हुए अपने होल्ड करने के समय को बढ़ा भी सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से प्लैन्क करते हैं तो इससे आपको अपने होल्ड करने के समय को बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।

अपनी बॉडी एलाइनमेन्ट का रखें विशेष ध्यान-

                                                                    

कई बार ऐसा होता है कि हम लोग प्लैन्क तो करते हैं परन्तु उसे होल्ड करते समय अपने बॉडी एलाइनमेन्ट पर उचित ध्यान नही दे पाते हैं। जिसके कारण प्लैन्क करने का कोई विशेष लाभ हमें प्राप्त नही हो पाता है। अतः इस बात का ध्यान रखें कि प्लैन्क को होल्ड करते समय आपका सिर एवं पैर एक ही सीध में व्यवस्थित रहें। प्लैन्क के दौरान आप अपने हिप्स को ढीला छोड़ने अथवा उन्हें बहुत ऊँचा उठाने से भी बचकर ही रहना उचित रहता है।

अपनी सांसों को न रोकें-

    प्लैन्क करते समय यह भी एक छोटा परन्तु महत्वपूर्ण टिप है, जो आपके बहुत काम आ सकता है। कई बार जब हम प्लैन्क करते हैं तो इस दौरान अपनी सांसों को भी होल्ड कर लेते हैं। परतु इनफैक्ट आपको सामान्य तरीके से ही लेते रहना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी मसल्स को आवश्यक ऑक्सीजन की प्राप्ति होती रहती है।

अपने आप को वार्मअप भी करें-

                                                    

प्लैन्क एक्सरसाईज करने से पूर्व आपको अपने आपको वार्मअप करना भी आवश्यक होता है। जब आप ऐसा करते हैं तो इससे आपके कोर एवं अन्य मसल्स भी वार्मअप होती हैं, क्योंकि ऐसा करने से आपका शरीर प्लैन्क करने के लिए तैयार होता है और ऐसा करने से बाद में प्लैन्क करने के दौरान होल्ड करना अधिक आसान हो जाता है।  

 

                                                                          बिना सोचे समझे खाने की आदत

                                                        

खाने के साथ तनाव या फिर भावनात्मक संम्बन्ध हो गया, लेकिन इसके साथ ही यह इसका बायोलॉजिकल अर्थात जैविक सम्पर्क भी होाता है। लम्बे समय तक दिमाग में तनाव बने रहने से हमारे शरीर के अन्दर कार्टिसोल नामक हार्मोन अधिक तीव्रता के साथ रिलीज होता है, जो हमारी भूख अधिक बढ़ाने का काम करता है, और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में यह हार्मोन अधिक मात्रा में पाया जाता है।

इस सब में सबसे बड़ी बात तो यह है कि इससे पीड़ित व्यक्ति का खाने पर कोई नियन्त्रण नही होता है। इसके दौरान पीड़ित क्या खा रहा है और वह हेल्दी भी है अथवा नही, उसे इस बात की चिंता भी नही रहती है। उसका जोर केवल और केवल खाने पर ही होता है और वह किसी समय कुछ भी खा लेता हैं। इस दौरान कई बार तो उसका पेट भर जाता है तो कई बार पेट भी नही भरता है।

यह भी तनाव का ही एक लक्षण होता है, क्योंकि एक भूख तो आपके पेट से सम्बन्धित होती है तो दूसरी आपकी भावनाओं से सम्बन्ध रखती है, जिसकी कभी भीर पूर्ति नही हो पाती है। अतः ऐसे में पीड़ित अपने मन को खुश एवं शांत रखने के लिए खाना खाते हैं। हाल ही में फिनलैण्ड के 5 हजार पुरूष एवं महिलाओं पर एक अध्ययन किया गया, जिसमें पाया गया कि पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में स्ट्रेस इटिंग अधिक होती है।

                                                                  

                                                  

ऐसे में कुछ भी खाने से पूर्व ही यह विचार करें कि आप क्यों और क्या खा रहे हैं। क्या आपको सच में भूख लगी है अथवा केवल मन को शांत रखने के लिए ही खाना खा रहें हैं और जो कुछ भी आप खा रहें हैं, उसके खाने से अपाके शरीर को भी कुछ लाभ मिलेगा अथवा नही, या बस आप इसे ऐस ही खा रहें हैं।

आप पूरे दिन में जब भी कुछ खाएं तो उसे अपनी डायरी में लिख लें, इससे आपको यह ज्ञात हो जायेगा कि आपने कब और क्या खाया था। इसके लिए आप अपनी डायरी में खाने के चार्ट को मेन्टेन करें, इसके साथ ही इसमें हेल्दी एवं अनहेल्दी खाने की सूची भी बनाएं। जब आप बाजार में जाते हैं तो वहाँ पर केवल हेल्दी चीजें जैसे कि फल-सब्जी, ड्राई-फ्रूट्स, नेचुरल फ्रूट्स आदि ही खरीदें।

इसके साथ ही आप तनाव को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के विकल्पों का चयन कर सकते हैं। जिनमें मेडिटेशन, एक्सरसाईज एवं योगासन आदि का सहारा भी ले सकते हैं। प्रातःकाल एवं सांयकाल में थोड़ा-थोड़ा समय इनके लिए निकालने से आपका तनाव भी कम होगा और आपका मन खाने से भी दूर ही रहेगा। इससे आपकी पाचन क्रिया एवं मेटाबॉलिज्म अच्छे रहेंगे और हार्मोन्स का संतुलन भी शरीर में बना रहेगा।

                                                                    

यदि आपको खाना खाने की बहुत अधिक इच्छा होती है तो आप इसके लिए इस प्रकार के विकल्पों का चयन करें जो हेल्दी हों। इसके लिए आप घर में ही बने कुछ स्नैक्स और कम कैलोरी वाले फ्रूट्स का सेवन भी कर सकते हैं। इसके साथ ही अपने खाद्य विशेषज्ञ से भी बात करें। यदि आवश्यक हो तो आप इसके लिए अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं यह आपकी सहायता एक रूटीन को फोलो करने में मिलेगी।

भोजन तन्त्र होता है प्रभावित

                                                                   

दिल्ली स्थित मानव व्यवहार एवं संबद्व विज्ञान संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ0 ओम प्रकाश के अनुसार, स्ट्रेस ईटिंग के पीछे कई मेडिकल कारण भी होते हैं। तनाव के दौरान लोग कई बार ओवर ईटिंग करते हैं तो कई बार अंडर ईटिंग भी करते हैं, यह दोनों ही स्थितियाँ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। हमारे शरीर के भोजन तन्त्र में विभिन्न प्रकार के हार्मोन्स पर निर्भर करता है। भूख और शरीर में विद्यमान ग्रन्थ्यिों के बीच एक गहरा रिश्ता होता है।

                                                              

जब भी आप अधिक तनाव लेते हैं तो हमारे शरीर के अन्दर उपलब्ध हॉर्मोन्स भी इससे प्रभावित होते हैं, जिससे हमारा भोजन तन्त्र पूरी तरह से ही बिगड़ जाता है और आपको इस बात की खरबर नही रह पाती है कि आप कब और क्या, कम या अधिक हेल्दी अथवा अनहेल्दी खा रहे हैं अथवा नही।