हैजा से बचने के लिए भारत ने किया नया टीका तैयार      Publish Date : 22/05/2025

   हैजा से बचने के लिए भारत ने किया नया टीका तैयार

                                                                                                                                        डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

शरीर की विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए भारत ने टीका खोज में एक और नई सफलता प्राप्त की है। भारतीय शोधकर्ताओं ने अब हैजा संक्रमण से बचने के लिए एक टीका विकसित किया है और इसके सभी परीक्षण पूरी तरह से सफल रहें हैं। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने अभी तक इस पर हुए तीसरे चरण के परीक्षण परिणाम भी जारी कर दिए हैं। इसके बाद जल्द ही इसके बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद लगाई जाने लगी है। कंपनी ने इस टीके को हिलकोल का नाम दिया है, जो कॉलरा, हैजा जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव करने के लिए उपयोग किया जाएगा। यह दूषित पानी या भोजन के माध्यम से फैलने वाली बैक्टीरिया जनित बीमारी है।

                                                          

कंपनी ने दावा किया है कि परीक्षण परिणाम में यह टीका एक वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार पाया गया है। यह हैजा बैक्टीरिया के दो प्रमुख स्ट्रेन वह-गवाह और इनवा के खिलाफ एंटीबायोटिक पैदा करने में सक्षम है। इस परीक्षण यह भी कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन से अनुमति प्राप्त दुनिया भर में मौजूद हैजा में भारत के इस हिलकोल के परिणाम में बड़ा अंतर नहीं है। इस परीक्षण को वैक्सीन नमक जनरल में प्रकाशित किया गया है। इसके अलावा तीसरे चरण के प्रशिक्षण में कुल 1800 लोगों को शामिल किया, जिसमें भारत के अलग-अलग हिस्सों से वयस्क बच्चे और 1 से 5 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया था। इन सभी को तीन अलग-अलग समूह में विभाजित करने के बाद जब तुलनात्मक अध्ययन किया गया तो टीका की दो खुराक ने हेजा से बचाव के लिए पूरी तरह सुरक्षित एंटीबॉडी विकसित की।

भारत बायोटेक ने जारी बयान में कहा है कि टीका की 14 दिन के भीतर दो खुराक लेना अनिवार्य है। कंपनी ने बताया कि यह हिलकोल एक सिंगल स्टैंड टीका है यह हैजा, कॉलरा जीवाणु के दो स्टैंड को निष्क्रिय करके बनाया गया है, जिसमें खास किस्म की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो अन्य टीकों में नहीं किया जाता है इससे यह हैजा के दो अलग-अलग स्टैंड के खिलाफ एक जैसी सुरक्षा देने में मदद करता है।

भारत में हैजा से 9 साल में 263 लोगों की मौत हुई है

                                                         

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में हर साल 1000 लोगों की आबादी पर औसतन 1.6 हैजा मामले मिल रहे हैं, जबकि तीव्र दस्त को लेकर 1000 की आबादी पर औसतन 40 मामले मिल रहे हैं। साल 2011 और 2020 के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में 565 बार हेजा का प्रसार बढ़ने के मामले पाए गए हैं, जिनमें करीब 45759 लोग इस बीमारी की चपेट में आए और उनमें से 263 लोगों की मौत हुई।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।