30 वर्ष की आयु होने के बाद बढ़ता है बीमारियों का खतरा      Publish Date : 27/04/2025

30 वर्ष की आयु होने के बाद बढ़ता है बीमारियों का खतरा

                                                                                                             डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

उम्र का बढ़ना तो तय है और जब उम्र बढ़ेगी तो रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होगी, शरीर कमजोर होगा, और इसी कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। इसके सम्बन्ध में चिकित्सक कहते हैं कि इस समस्या से बचने के लिए समय-समय पर शारीरिक जांचें कराते रहना बहुत आवश्यक होता है। जांच में यदि कोई भी बीमारी सामने आती है तों उसका समय से उपचार किया जा सकता है। आजकल की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपने के लिए भी समय नहीं है।

                                       

महिलाएं घर और परिवार की जिम्मेदारियों के चलते अपनी सेहत को नजरअंदाज करती हैं. तो पुरुष ऑफिस के कामकाज और अन्य जिम्मेदारियों के चलते अपनी सेहत के प्रति लापरवाह रहते हैं। लेकिन यदि आपकी उम्र 30 साल के आसपास है तो आपको कुछ जांचे नियमित रूप से अवश्य कराते रहना चाहिए, जो इस प्रकार से हैं-

मधुमेहः चाहे आप में मधुमेह के लक्षण नही भी दिख रहे हों या परिवार में पहले किसी की कभी मधुमेह की समस्या न हुई हो, बावजूद इसके आपको 30 वर्ष की आयु के बाद फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट, रैंडम प्लाज्मा ग्लुकोज टेस्ट, पोस्टप्रैडियल ब्लड शुगर टेस्ट, एचबीए सी जैसी जांचे अवश्य ही करानी चाहिए।

रक्त चापः उच्य रक्तचाप नियंत्रित न होने पर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए आप घर पर ही ब्लड प्रेशर मॉनिटर लाकर अपनी जांच स्वयं ही कर सकते हैं।

हड्डियों की जांचः ऑस्टियोपोरोसिस होने पर हड्डियां कमजोर होने लगती है और इससे मल्टी फैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आप डुअल-एनर्जी एक्स-रे, एब्जॉपटियोमेट्री स्कैन की जांच करा लें। इस जांच से हड्डियों में कमजोरी, विटामिन डी की कमी और बोन डेंसिटी का पता लगाया जा सकता है।

थायरॉइडः थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी के कारण अंडर एक्टिव थायरॉइड या हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। यह ग्रथि हॉर्मोन टी-3, टी-4 और टीएसएच का लॉस करती है, जो शरीर के चयापचय को नियंत्रित करने का काम करती है। इनमें से कोई भी परिवर्तन शरीर में गंभीर परिवर्तन अथवा समस्या उत्पन्न कर सकता है।

कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्टः इस जांच की मदद से रक्त में मौजूद रेड ब्लड सेल्स, काइट ब्लड सेल्स, हीमोग्लोबिन का स्तर, और प्लेटलेट्स आदि की संख्या पता चल जाती है। स्वस्थ रहने के लिए इनका एक संतुलित मात्रा में होना बहुत जरूरी होता है।

लिवर और किडनी लिवर फंक्शन टेस्टः लिवर और किडनी लिवर फंक्शन टेस्ट से यह पता लगता है कि आपका लिवर और किडनी सही तरीके से काम कर रहें है या नहीं। अगर आप मधुमेह, उच्छ रक्तचाप या दिल की बीमारी से ग्रसित हैं तो किडनी फंक्शन टेस्ट जरूर कराएं।

विटामिन बी-12 और आंखों की जांचः शरीर में विटामिन बी-12 की कमी खतरनाक साबित हो सकती है। इसकी कमी से नसों में दर्द रहना, सुन्नपन, थकान, सिर दर्द और चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियां हो सकती है। अतः नियमित रूप से आंखों की जांच कराने से मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी उम्र से संबंधित होने वाली इन सभी समस्याओं की सही समय पर पहचान कर उनका उचित उपचार किया जा सकता है।

उचित जीवनशैली और आहारशैली का पालन

उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों और हडिडयों में कमजोरी आने लगती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होने लगती है। इसके अलावा वजन बढ़ना, मधुमेह होने का जोखिम, हृदय संबंधी समस्याएं, तनाव, अवसाद और हडिडयों से संबंधित समस्याएं हो सकती है। इनसे बचने के लिए एक उचित जीवनशैली और आहारशैली पर विशेषरूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। प्रतिदिन व्यायाम योग और मेडिटेशन करते रहें। इसके अलावा चिकित्सक के परामर्श के अनुसार हर छह महीने या एक साल में अपना पूरा हेल्थ चेकअप अवश्य ही कराएं।

दिल की धड़कनों की जांच

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराकर आप दिल के रोग और स्ट्रोक के विकास के जोखिम को कम कर सकते हैं। इस जांच में टोटल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल, एलडीएल वीएलडीएल, ट्राइग्लिसराइड आदि के स्तर का पता चल जाता है।

कैंसर की जांच

हर साल ब्रेस्ट स्क्रोंनिग कराने से महिलाओं में शुरुआती स्टेज में गांठ बनने से रोकने में मदद मिल सकती है। महिलाएं साल में एक चार पैप स्मीवर और मैमोग्राम आदि करा सकती हैं। पुरुष प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं के लिार डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन और प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन करा सकते हैं। इसके साथ ही लंग कैंसर के लिए एक्स-रे, कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सालाना मल की जांच करानी भी जरूरी है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।