लिवर के फैटी होने से बढ़ जाता है कई रोगों का खतरा      Publish Date : 21/04/2025

   लिवर के फैटी होने से बढ़ जाता है कई रोगों का खतरा

                                                                                                               डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

‘‘यदि आपके परिवार में बीपी, शुगर, हार्ट, थायरायड, कैंसर एवं स्ट्रॉक का इतिहास है तो आपमें लिवर के फैटी होने का खतरा बढ़ जाता है।’’

चुकन्दर, अखरोट, सेब और मूली इत्यादि का सेवन करना फैटी लिवर में होता है अत्याधिक लाभ, खानपान के माध्यम से इसका नियंत्रण करना होता है है आसान।

 यदि आपके परिवार में बीपी, शुगर, हार्ट, थायरायड, कैंसर एवं स्ट्रॉक आदि का इतिहास है तो आपमें लिवर के फैटी होने का खतरा बढ़ जाता है। यह फैट हमारी रक्तवाहिनियों के माध्यम से हृदय में पहुँचकर हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। फैट का निर्माण विभिन्न रापेगों का कारण भी नता है। इसके बारे में डाक्टर्स का कहना है कि लगभग 50 प्रतिशत लोगों के लिवर में वसा की मात्रा अधिक है और बड़ी संख्या में लोग लिवर फायब्रोसिस, सिरोसिस और कैंसर आदि के रिस्क जोन में हैं।

                                          

शराब की एक बूँद भी होती है खतरनाक- डाक्टर्स का कहना है कि एल्कोहल और मोटापा दोनों फैक्टर्स के मिलने से स्थिति अधिक खतरनाक रूप धारण कर लेती है। धूम्रपान, वसायुक्त खानपान, शारीरिक श्रम की कमी, देर से भोजन करना और नींद के पूरी नही होने से लिवर के फैटी होने का रिस्क अधिक होता है।

फैटी लिवर के लक्षणों में पेट के दाएं हिस्से में दर्द, गॉल ब्लेडर में पथरी, डकार अधिक आना और सोते समय खर्राटें लेना आदि शामिल होते हैं। हमारे डाक्टर दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि इस समस्या का पता लगाने के लिए वर्ष में एक बार पेट का अल्ट्रासाउंड कराकर देख लेना चाहिए।

अपनी लम्बवई के अनुसार ही वजन को रखें मेंटेन

                                   

चिकित्सकों का कहना है कि मोटापे और फैटी लिवर में नजदीकी रिश्ता है। ऐसे में यदि आपकी लम्बाई 170 सेमी है तो अपने वजन को 70 किग्रा. तक ही सीमित रखें। इसी प्रकार महलएं अपनी लम्बाई में से 105 घटाने के जो बचे उसी के बराबर अपना वजन बनाए रखें।

चुकंदर का रस और मिलेट्स हैं अमृतः जिला अस्पताल मेरठ के फिजिशियन डॉ0 दिव्यांशु सेंगर बताते हैं कि चुकंदर में बीटीलेन नामक एंटीऑक्सीडेंट अवयव होता है, जो आपके लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। छिलका सहित सेब, मूली, बाजरा, रागी और सत्तु आदि भी काफी लाभकारी रहते हैं। कॉफी भी आपके लिवर को डिटॉक्स करती है। इसके अलावा काला चना, रंगीन सब्जियां, अखरोट और कच्ची हल्दी भी लिवर के लिए बेस्ट टॉनिक होते हैं।

‘‘भूख में कमी, पीलिया, हल्का बुखर और थकान जैसी समस्याएं हैं तो आपको अपने लिवर की तत्काल जांच करवानी चाहिए। इस स्थिति में आपको मैदा का सेवन करना छोड़ देना चाहिए और गेहूँ एवं बाजरे के आटे की रोटियों का सेवन करना चाहिए। आंवला, मुनक्ख, संतरा, सेब और अमरूद आदि लिवर के लिए उत्तम फल हैं। इसी प्रकार सब्जियों में पालक, मेथी, बथुआ, परवल, भिण्ड़ी, करेला आदि सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं। इसके साथ ही सुबह को नियमित रूप से व्यायामक करने से भी आपका लिवर स्वस्थ रहता है।’’

- डॉ0 सुशील शर्मा, आयुर्वेदिक चिकित्सक।

‘‘एल्कोहल और मोटापे का एक साथ होना एक घातक अवस्था होती है। 50 प्रतिशत से अधिक लोगों का लिवर फैटी है और उनमें से एक तिहाई लोगों के लिवर एंजाइम्स बिगड़े हुए हैं। फायब्रोस्कैन टेस्ट के माध्यम से पता किया जाता है कि मरीज की लिवर कितना हार्ड हो चुका है। यदि लिवर में 66 प्रतिरूात से अधिक फैट जमा है तो यह स्थिति दिल के लिए भी खतरा बन सकती है। यदि आप अपने वजन को दस प्रतिशत तक कम कर लेते हैं तो आपके लिवर का फैट भी कम हो जाता है। इसके लिए आप एसजीपीटी को 10 से 15 के आसपास ही बनाएं रखें और प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाएं।’’

- डॉ0 सत्यार्थ चौधरी, पेट एवं उदर रोग विशेषज्ञ, मेरठ।

“हेपेटाइटिस बी, सी, संक्रमण और लिवर सिरोसिस से कई बार कैंसर भी बन जाता है। अगर किसी मरीज के लिवर में कैंसर है तो ऑपरेशन के द्वारा उसका निदान किया जाता है, परन्तु यदि यह कैंसर लिवर से आहर अन्य अंगों तक भी फैल चुका है तो एह एक जटिल अवस्था होती है। ऐसे में मरीज की आयु, कैंसर की स्टेज तथा अन्य स्थितियों को देखते हुए मरीज का उपचार निर्धारित किया जाता है। अतः लोगों से अपील है कि वह अपने लिवर की सेहत को ठीक रखने के लिए खानपान की शुद्वता पर विशेष ध्यान दें।“

                                                                                        - डॉ0 अमित जैन, कैंसर रोग विशेषज्ञ, वेलेंटिस अस्पताल

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।