
बाल सफेद होने का एक बड़ा कारण तनाव Publish Date : 11/04/2025
बाल सफेद होने का एक बड़ा कारण तनाव
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
बालों का सफेद होना काफी हद तक आनुवांशिकी पर निर्भर करता है। आमतौर पर पहली बार सफेद बाल बीस से पचास साल की आयु के बीच कभी भी दिखाई दे सकते हैं। पुरुषों में सफेद बालों की शुरुआत अक्सर कनपटी और कलम के पास से होती है, जबकि महिलाओं में सिर के सामने वाले हिस्से से बाल सफेद होना शुरू होते हैं। आमतौर पर यह देखा गया है कि 50 से 60 साल की आयु के बीच बाल तेजी से सफेद होते हैं। लेकिन बात यह है कि हम जो कुछ जो भी कुछ करते हैं, क्या उससे बाल सफेद होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है, और ऐसा है तो इसे धीमा करने के लिए हम क्या कुछ कर सकते हैं।
शरीर पर प्रत्येक बाल त्वचा पर बने अतिसूक्ष्म रोमछिद्र से बाहर निकलता है। हमारी त्वचा पर ये रोमछिद्र ठीक वैसे ही होते हैं, जैसे किसी एक छोर पर सुरंग का खुला हुआ मुंह। इन रोमछिद्रों में दो अलग-अलग प्रकार की स्टेम कोशिकाएं होती हैं। एक, केराटिनोसाइट्स, जो केराटिन प्रोटीन का उत्पादन करती है। यह प्रोटीन बालों को बनाती और उन्हें पुनर्जीवित करती है। दूसरी स्टेम कोशिका मेलानोसाइट्स होती है, जो मेलेनिन का उत्पादन करती है। मेलेनिन बालों और त्वचा को रंग प्रदान करता है। मेलेनिन भी दो प्रकार का होता है, पहला जो कि हमारे बालों के रंग को निर्धारित करता है। एक-यूमेलेनिन, जो काले-भूरे रंग का होता है और दूसरा फियोमेलेनिन, जो लाल-पीला रंग लिए हुए होता है। ऐसे में हमारे बालों का रंग इन विभिन्न उत्पादित रंगों की मात्रा से ही निर्धारित होता है। काले और भूरे बालों में ज्यादातर यूमेलेनिन होता है। लाल बालों में फोमेलेनिन सबसे ज्यादा होता है, जबकि सुनहरे बालों में थोड़ी-थोड़ी मात्रा इन दोनों रंगों की होती है। तनाव को कम करके और खान-पान अच्छा रखकर समय से पहले बालों को सफेद होने से बचाने में हमे सहायता प्राप्त हो सकती है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कोशिकाओं की सक्रियता में कमी आने लगती है और बालों के छिद्र में स्थित स्टेम कोशिकाएं भी मेलेनिन का उत्पादन करना कम कर देती हैं। इससे हमारे बाल सफेद होने लगते हैं। क्या तनाव भी हमारे बालों को सफेद कर सकता है? यह अक्सर पूछा जाने वाला एक सवाल है। इसका जवाब है- जी हाँ। तनाव के कारण आपके बाल सफेद हो सकते हैं। हालांकि ऐसा तब होता है जब ऑक्सीडेटिव तनाव (जब शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का स्तर कम हो जाता है) बालों के छिद्र और स्टेम कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और मेलेनिन का उत्पादन बंद या कम हो जाता है। इसलिए स्वस्थ रहकर, तनाव कम कर, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचकर बालों को जल्द सफेद होने से बचाया जा सकता हैं।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं