स्मार्टफोन से 40 प्रतिशत तक बढ़ता है अनिद्रा का जोखिम      Publish Date : 01/04/2025

  स्मार्टफोन से 40 प्रतिशत तक बढ़ता है अनिद्रा का जोखिम

तकनीकी के इस आधुनिक दौर में स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे उपकरणों का उपयोग स्वाभाविक रूप से तेजी से बढ़ रहा है, तो वहीं इन डिवाइसों की लत हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर भी डाल सकती है।

                                                  

हाल ही में किए गए एक नए अध्ययन के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि सोने से पहले एक घंटा स्मार्टफोन टीवी और कंप्यूटर में बिताने से अनिद्रा का जोखिम लगभग 60 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। नार्वे में 18 से 28 वर्ष की आयु के 45,000 से अधिक छात्रों पर किए गए इस अध्ययन में यह भी ज्ञात हुआ है कि इससे नींद का कुल समय भी लगभग आधे घंटे अधिकतम कम हो सकता है।

फ्रंटियर्स इन सायकेट्री जनरल में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य लेखक और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के जॉनसन हेडलैंड ने कहा चाहे आप सोशल मीडिया पर समय बताएं या फिर रिलीज या ओटीटी प्लेटफार्म पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फर्क सोते समय स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी में रहने वाली कुल अवधि यानी स्क्रीन टाइम से पड़ता है।

हेडलैंड ने कहा कि ऐसे तो छात्रों में नींद की समस्याएं होना अपने आपमें बहुत आम है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि बिस्तर पर जाने के बाद 1 घंटे तक स्क्रीन में बिताने से अनिद्रा के लक्षणों की 59 फ़ीसदी अधिक होने की संभावना है और इससे नींद की कुल अवधि भी 24 मिनट कम हो सकती है।

स्मार्टफोन के स्क्रीन की नीली रोशनी आंखों के लिए हानिकारक

अधिक स्क्रीन टाइम का क्या है प्रभाव

स्क्रीन टाइम का मतलब है कि आप स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टीवी या टैबलेट जैसे स्क्रीन वाले डिवाइस का उपयोग करने में कितना समय व्यतीत करते हैं। इस अध्ययन के अनुसार स्क्रीन टाइम जितना अधिक होता है आपकी नींद भी उतनी अधिक प्रभावित होती है। अध्ययनकर्ताओं ने सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल या अन्य किसी उपकरण का प्रयोग नही करने की सलाह दी है, क्योंकि स्क्रीन टाइम पर अधिक समय देने के कारण लोगों में नींद की समस्या पैदा हो जाती है।

बिस्तर पर मोबाइल चलाने के क्या है दुष्प्रभाव

                                                     

  • नींद में व्यवधान पड़ना।
  • नींद का पैटर्न का बिगड़ जाना।
  • नींद की गुणवत्ता खराब हो जाती है।
  • देर से नींद आती है।
  • शरीर की आंतरिक घड़ी यानी सेकैडियन रिदम प्रभावित होती है। यह घड़ी निर्धारित करती है कि आप कब सबसे अधिक सतर्क रहते हैं और कब नहीं।
  • कब सोने के लिए तैयार होते हैं।

इसके दुष्प्रभावों कैसे बच सकते हैं-

                                                   

  • सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल को अपने से दूर रखें अर्थात इसका प्रयोग बन्द करें।
  • ब्लू लाइट फिल्टर को ऑन करें।
  • अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए रात को किताब पढ़े या ध्यान करें।