
कम उम्र में सर्वाइकल की समस्या से निपटनें के उपाय Publish Date : 23/03/2025
कम उम्र में सर्वाइकल की समस्या से निपटनें के उपाय
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
वर्तमान की आधुनिक जीवनशैली के चलते कम उम्र में सर्वाइकल दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पहले यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ देखी जाती थी, लेकिन अब युवावर्ग भी इससे काफी प्रभावित हो रहा हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण होता है- तनाव और माइग्रेन। तनाव के कारण हमारी मांसपेशियां कड़ी जाती हैं, जो गर्दन और कंधे के क्षेत्र के दर्द को बढ़ा देती हैं। विशेष रूप से जब माइग्रेन और तनाव दोनों एक साथ होते हैं, तो यह स्थिति सर्वाइकल दर्द को और भी गंभीर बना देती है।
(1) तनाव और माइग्रेन का सर्वाइकल दर्द से संबंधः- सर्वाइकल दर्द मुख्य रूप से गर्दन और कंधे के क्षेत्र में होता है। यह दर्द अक्सर मांसपेशियों की कसावट, नसों पर दबाव या लंबे समय तक गलत पोजिशन में बैठने के कारण होता है। लेकिन आजकल युवाओं में सर्वाइकल दर्द का सबसे बड़ा कारण तनाव और माइग्रेन है। माइग्रेन और तनाव के कारण जब मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, तो यह गर्दन और कंधे में तेज दर्द, अकड़न और भारीपन का कारण बन जाता है। कई बार इस दर्द के कारण सिर दर्द भी हो सकता है, जिसे ‘टेंशन हेडेक’ कहा जाता है।
(2) तनाव और चिंता से दर्द कैसे बढ़ता है?:- तनाव और चिंता के कारण शरीर की मांसपेशियां संकुचित हो जाती हैं। यह समस्या खासकर उन लोगों में अधिक होती है जो दिनभर कंप्यूटर या मोबाइल के सामने बैठकर काम करते हैं। जब हम चिंता या तनाव में होते हैं, तो हमारी मांसपेशियों में भी तनाव लगातार ही बना रहता है, जिससे धीरे-धीरे यह दर्द शुरू हो जाता है। यह दर्द गर्दन के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर कंधे तक फैलता है और कभी-कभी पीठ तक भी जा सकता है।
(3) सर्वाइकल दर्द और तनाव से निपटने के उपायः-
(A) ध्यान और योग तनाव को कम करने का प्रभावी उपाय हैं। रोजाना केवल 15-20 मिनट ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव का स्तर भी कम होता है। योग में गर्दन और कंधों को मजबूत बनाने के लिए कुछ विशेष आसन होते हैं, जैसे कि भुजंगासन, सर्वांगासन, और मत्स्यासन आदि। यह आसन मांसपेशियों को खींचते हैं और उन्हें मजबूत बनाते हैं।
(B) जो लोग ऑफिस में लंबे समय तक काम करते हैं, उन्हें हर 30-40 मिनट में एक छोटा सा ब्रेक अवश्य ही लेना चाहिए। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों का तनाव कम होता है और दर्द की संभावना भी कम हो जाती है। बैंक और गर्दन की स्ट्रेचिंग रोजाना करना बेहद जरूरी है। इससे मांसपेशियों में लचीलापनआता है और तनाव कम होता है।
(C) तनाव कम करने के लिए कुछ खास तकनीकें जैसे कि डीप ब्रीदिंग, मेडिटेशन, और प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन का अभ्यास प्रतिदिन करते रहना चाहिए। डीप ब्रीदिंग से मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है और मानसिक शांति मिलती है। इसके लिए पहले आप एक गहरी सांस लें, और फिर संास को धीरे-धीरे इसे छोड़ें।
(D) रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे चलना, जॉगिंग, और साइक्लिंग जैसी गतिविधियाँ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दृष्टि से लाभकारी होती है एवं तनाव दूर करती है। व्यायाम से एंडॉरफिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है. जो प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करता है और आपके मूड को भी बेहतर बनाता है।
(E) संतुलित आहार लेना भी सर्वाइकल दर्द और तनाव के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन क्, ठ12, और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार मांसपेशियों को मजबूत बनाने और तनाव को कम करने में मदद करते हैं। अतः बचाव के लिए आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं क्योंकि पानी की कमी भी तनाव और दर्द को बढ़ाती है।
(F) तनाव और दर्द से बचने के लिए 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना भी बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही सही पोजिशन में सोये ताकि गर्दन व पीठ पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
(4) तनाव से जुड़ी अन्य समस्याएं जो सर्वाइकल दर्द को बढ़ाती हैं:-विशेषज्ञों ने भारतीय जनमानस को जागरूक करते हुए कहा कि तनाव के कारण न केवल सर्वाइकल दर्द ही नहीं बल्कि अन्य प्रकार की कई समस्यएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जो इस दर्द को और भी बढ़ा सकती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार से हैं:-
(1) तनावग्रस्त सिरदर्दः लंबे समय तक तनाव में रहने से सिरदर्द हो सकता है, जो गर्दन के दर्द का कारण भी बन सकता है।
(2) अनिद्रा तनाव और चिंता से नींद बाधित हो सकती है, जिससे मांसपेशियों को आराम नहीं मिलता और इसके फलस्वरूप दर्द बढ़ जाता है।
(3) डिप्रेशनः लंबे समय तक तनाव से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे सर्वाइकल दर्द की गंभीरता बढ़ सकती है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।