आखिर दिल क्यों हो रहे हैं कमजोर      Publish Date : 23/02/2025

                     आखिर दिल क्यों हो रहे हैं कमजोर

                                                                                                                                               डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

असंतुलित खान-पान एवं वायु प्रदूषण के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। वैसे तो हार्ट अटैक के मामले पूरे देश और दुनिया के लिए ही एक गम्भीर चिंता के विषय बने हुए है। लेकिन कुछ प्रदेशों में इसकी संख्या बढ़ती जा रही है यदि हम हिमाचल प्रदेश की बात करें तो इस पहाड़ी राज्य में इस तरह की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि होना एक चिंता का विषय है।

                                                            

हिमाचल प्रदेश में न तो बहुत अधिक वायु प्रदूषण है और न ही यहां दूषित पानी का संकट व्याप्त है, परन्तु इसके उपरांत भी यहां हार्ट अटैक के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ग्लोबल वार्डन ऑफ डिजीज की एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में लगभग 14 प्रतिशत मौत हार्ट अटैक के कारण ही हो रही है। राज्य हार्ट अटैक के मामलों में देश में पांचवें स्थान पर आता है, तो वहीं हाई ब्लड प्रेशर और बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के मामले में दूसरे स्थान पर आता है।

यह आंकड़ें बेहद चिंता का विषय है, यह आंकड़े बताते है कि राज्य में हार्ट अटैक किस तरह से अपने पैर पसार चुका है। वर्ष 2000 तक दुनिया भर में लगभग 14 मिलियन व्यक्तियों की मौत हार्ट अटैक के कारण से हुई और जबकि वर्ष 2019 तक यह आंकड़ा 18 मिलियन लोगों तक पहुंच गया है। ऐसे में यदि हम वर्ष 2024 की बात करें तो इस वर्ष में हार्ट अटैक की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हुई है और आंकड़ा लगभग 20 मिलियन लोगों तक पहुंच चुका है।

                                                                

देखा जाए तो शरीर का प्रत्येक अंग हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, लेकिन सबसे अधिक दिल का तंदुरुस्त रहना तो बहुत जरूरी है। लेकिन इसमेें सबसे खास बात तो यह है कि अब हार्ट अटैक के शिकार केवल उम्र दराज लोग ही नहीं बल्कि युवा भी बड़ी संख्या में हो रहे हैं और आजकल छोटे-छोटे बच्चों में इस तरह की समस्या हो जाना लगातार लोगों के सामने चुनौती बनती जा रही है। वायु प्रदूषण इसका सबसे बड़ा कारण बनकर सामने आया है साथ ही हमारा गलत खानपान और जीवन शैली भी इसमें अहम रोल अदा कर रही है।

दिल को स्वस्थ रखने के लिए हमें इन दोनों को ठीक रखना ही होगा और साथ ही चिंता और तनाव आदि से भी बचकर रहना होगा। हमें अब प्रकृति के साथ जुड़ना होगा और साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखना होगा। हमारे देश में तो संतुलित आहार के लिए पर्याप्त मात्रा में सब्जियां, दाल और फल आदि मौजूद है, लेकिन पश्चिम की देखा देखी हमने अपना खान-पान खराब कर लिया है। इसलिए सभी लोगों को प्रयास करना होगा की वह संतुलित आहार का सेवन करते रहें और लोग अपनी दिनचर्या पर भी आवश्यक ध्यान दें तो इससे लोगों का हृदय ठीक बना रहेगा।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।