
अपेंडिसाइटिस की समस्या Publish Date : 13/02/2025
अपेंडिसाइटिस की समस्या
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
वर्तमान जीवन-शैली में सिर दर्द से लेकर पेट तक शरीर में कहीं भी दर्द होना एक आम समस्या है। हालांकि, इस दर्द के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिसमें ज्यादा तनाव लेना और अत्यधिक तला-भुना खाना आदि शामिल हो सकते है। मगर जब पेट में होने वाला यह दर्द नाभि के पास से शुरू होकर धीरे-धीरे पेट के दाहिनी और नीचे की तरफ बढ़ता है तो यह अपेंडिसाइटिस की समस्या का संकेत भी हो सकता है। अपेंडिक्स शरीर का एक छोटा अंग होता है, जो छोटी और बड़ी आंत के जोड़ पर स्थित होता है। वैसे तो यह अंग शरीर के लिए कोई महत्त्व नहीं रखता, पर अगर इसमें कोई परेशानी आ जाए तो यह गंभीर रूप भी ग्रहण कर जीवन को दुष्कर बना सकता है।
क्या है अपेंडिसाइटिसः
अपेंडिसाइटिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अपेंडिक्स में सूजन या संक्रमण हो जाता है। इस समस्या का यदि समय पर उचित उपचार न मिले तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है। अपेंडिसाइटिस की गंभीर स्थिति होने पर अपेंडिक्स फट जाता है और इसका संक्रमण पूरे पेट में फैल सकता है। यह स्थिति जानलेवा भी होती है। चिकित्सकों के अनुसार, यह बीमारी ज्यादातर 10 से 30 वर्ष की आयु के लोगों में अक्सर देखी जाती है। मगर कुछ वर्षों से अपेंडिसाइटिस के मामले अधिक उम्र के लोगों में भी पाए जाने लगे हैं।
अपेंडिसाइटिस के शुरुआती लक्षणः
अपेंडिसाइटिस के लक्षणों में पेट केनिचले दाहिने हिस्से में तेज दर्द होना शामिल है। शुरुआत में इसका दर्द नाभि के पास महसूस होता है और फिर धीरे-धीरे दाहिने से निचले पेट की ओर बढ़ता जाता है। इसके अलावा भूख में कमी, उल्टी, बुखार, गैस, दस्त और कब्ज़ जैसी समस्या होती है। इस दौरान मरीज को पेट पर दबाव डालते ही तेज दर्द महसूस होता है और हल्की सूजन रहती है।
अपेंडिसाइटिस के कारणः
अपेंडिसाइटिस की समस्या उस समय होती है, जब अपेंडिक्स (आंत के अंतिम हिस्से) में सूजन या संक्रमण हो जाता है। इसके मुख्य कारणों में अपेंडिक्स का ब्लॉक होना शामिल है, जैसे कि फेकल पदार्थ, कीटाणु या अन्य पदार्थ, जो अपेंडिक्स के मुंह को बंद कर देते हैं। इससे बैक्टीरिया की वृद्धि होती है, जिसके कारण सूजन और संक्रमण उत्पन्न हो जाती है। कभी-कभी आंत में सूजन, संक्रमण या कैंसर भी अपेंडिक्स को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा खाने में रेशेदार पदार्थों की कमी और आनुवंशिक प्रवृत्ति भी शामिल होती है।
अपेंडिसाइटिस से बचाव के उपायः
हालांकि अपेंडिसाइटिस को पूरी तरह से रोक पाना सम्भव नही है, लेकिन कुछ उपाय इसके होने की आशंका को कम कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहला कदम है स्वस्थ आहार को अपनाना, जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक हो, जैसे- फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि। इससे आंतों की सेहत बेहतर रहती है और अपेंडिक्स में ब्लॉकेज होने का खतरा कम होता है। नियमित व्यायाम भी आंतों की गतिशीलता को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही पर्याप्त पानी पीने की आदत डालें। इसके अलावा किसी भी पेट की समस्या या संक्रमण को कभी भी नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर से परामर्श करें।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।