दांतों को बनाए रखें सुरक्षित      Publish Date : 07/02/2025

                             दांतों को बनाए रखें सुरक्षित

                                                                                                                                      डॉ0 दिव्यान्शु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

सुंदर सफेद और स्वस्थ दांत न केवल आकर्षक मुस्कान और चेहरा को सुंदरता प्रदान करते हैं बल्कि यह आत्मविश्वास भी बढ़ाते हैं, लेकिन दांतों की देखभाल के लिए आपको विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसलिए अपने दांतों पर समुचित ध्यान देकर उनको खराब होने से बचाएं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सुबह आंखें भी हड़बड़ाहट में ही खुलती है और प्रातः उठते ही व्यक्ति अपने कामों में लग जाना रोज की दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा है।

                                                                   

ऐसे में कई बार आप बिना ब्रश करे ही सुबह की चाय भी पी लेते होंगे, तो दिन भर कभी कुछ तो कभी कुछ खातें भी रहते होंगे। परंतु खान-पान की या आदत और साफ सफाई का ध्यान न रखना, दातों की समस्याओं को बढ़ाता है जो कि दांतों में सड़न और क्षति का कारण भी बन सकता है और आपके दांतों को धीरे-धीरे खराब कर सकता है। इसलिए आपको अपने दांतों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

दांतों की खराबी का कारण क्या हो सकता है

                                                                      

दांतों के खराब होने का मुख्य कारण है मुंह में बैक्टीरिया का बढ़ना। दरअसल हमारे में मुंह में हर समय बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो भोजन की शर्करा और खाद्य वस्तुओं को खाते हैं। यह बैक्टीरिया शर्करा से एसिड का उत्पादन करते हैं जो दांतों के इनेमल को कमजोर करती है। इनेमल दांतों की सबसे कठोर परत होती है और यह दांतों को बचाने का काम करती है। ऐसे में जब इनेमल कमजोर हो जाती है तो इससे दांतों में छोटे-छोटे छेद बन सकते हैं, इनको सड़न या कैविटी कहते हैं। अगर समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो संक्रमण गहरा हो सकता है और आपके दांत टूट भी सकते हैं।

कैसे दिखाई देते हैं लक्षण

दांतों के खराब होने के संकेत शुरुआत में हल्के होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे समस्या बढ़ती हैं यह लक्षण भी गहरे होते जाते हैं। इनमें दांतों में दर्द, खासकर मीठा या ठंडा और गरम खाने पर होता है। सेंसिटिविटी जो कि इनेमल के क्षतिग्रस्त होने का संकेत होता है, दांतों में छेद या काले धब्बे दांतों की सड़न का संकेत हो सकती है। साथ ही गम से खून आना दांतों की गंभीर समस्या का संकेत देता है, जिसे आपको समय पर पहचान कर बचाव के लिए उपाय करने चाहिए।

समय पर इलाज कराएं

                                                               

यदि आपको लगता है कि आपके दांत खराब हो रहे हैं तो समय रहते किसी डेंटिस्ट से चेकअप कराएं। दांतों के इलाज के कई तरीके हैं जो कि स्थिति पर निर्भर करते हैं। मसलन फीलिंग दांतों में हल्की सदन या कैविटी से बनी जगह को भरता है, क्राउन यानी डेंटल कैप तब किया जाता है जब दांत की सड़न बहुत अधिक बढ़ जाती है और उसकी संरचना काफी कमजोर हो जाती है। क्राउन दांत की संरचना को सुरक्षित करता है और यदि संक्रमण दांत की जड़ तक पहुंच चुका है तो फिर रूट कैनाल किया जाता है। इसमें डेंटिस्ट दांत की जड़ को साफ करके उसे पूर्ण संरक्षित करते हैं।

अगर दांत पूरी तरह से ही खराब हो चुका है और उसे उखाड़ने की आवश्यकता है तो डेंटल इंप्लांट्स का विकल्प होता है। इस प्रक्रिया में एक नया दांत पुराने दांत के स्थान पर लगा दिया जाता है।

आप इस बात को समझने की यदि एक बार दांतों का एनिमल खराब हो गया तो उसे रोकने का कोई भी तरीका उपलब्ध नहीं है। इसलिए आपको रोजाना सुबह शाम ब्रश करना चाहिए और ब्रश के साथ-साथ माउथवॉश का इस्तेमाल भी करते रहें। दांतों को स्वस्थ्य रखने का यही सबसे बेहतरीन तरीका भी होता है। इसके अतिरिक्त नमक के पानी से गरारे करना और आप जितना अपने दांतों को साफ रखेंगे और रखेंगे उतना ही दांतों को सुरक्षित रख पाएंगे।

इसलिए कम से कम 6 महीने में दांतों के डॉक्टर से क्लीनिंग कराएं अन्यथा दांतों में कैलस जमा हो जाएंगे। यह कैलस दांतों को खराब कर देते हैं और साथ ही जितना हो सके कैल्शियम युक्त भोजन का सेवन करें और दांतों में कोई भी परेशानी महसूस करने पर तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श से अवश्य करें।

दांतों को सुरक्षित रखने के लिए सावधानियां

दांतों को खराब होने से बचाने के लिए दो बार फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करें, यह दांतों को क्षति से बचाता है और एनामेल को मजबूत करता है। अगर दांत में कोई खाद्य सामग्री फस जाए तो निकालने के लिए फ्लाश का उपयोग करें। साथ ही मीठे और अम्लीय पदार्थ का सेवन कम से कम करें। इनके स्थान पर हरी सब्जियां, फल और कैल्शियम से भरपूर आहार का सेवन करें। हर 6 महीने में एक बार डेंटिस्ट से चेकअप जरूर कराएं ताकि दांतों की समस्याएं समय रहते पहचानी जा सके और उसका उचित उपचार समय पर ही किया जा सके।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।