
GBS: क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम Publish Date : 29/01/2025
GBS: क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
महाराष्ट्र पहले से ही बर्ड फ्लू के संक्रमण से परेशान था, इसी बीच जीबीएस की एंट्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव बढ़ा दिया है। यहां पुणे के एक मरीज मौत हो गई है और 100 से अधिक लोगों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं।
आखिर क्या है यह बीमारी Guillain-Barre Syndrome: देश इन दिनों कई प्रकार की गंभीर और संक्रामक बीमारियों की चपेट में है। पहले एचएमपीवी और फिर बर्ड फ्लू के संक्रमण ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ाई और अब महाराष्ट्र के कई शहरों में गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बढ़ते मामलों ने लोगों को डरा दिया है। महाराष्ट्र पहले से ही बर्ड फ्लू के संक्रमण से परेशान था, इसी बीच जीबीएस की एंट्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव बढ़ा दिया है।
गिलियन बैरे सिंड्रोम को लेकर सामने आ रही हालिया जानकारियों के अनुसार पुणे के एक मरीज मौत हो गई है, जो महाराष्ट्र में इस बीमारी से होने वाली पहली संदिग्ध मौत है। पुणे में 100 से अधिक लोगों में जीबीएस के मामले दर्ज भी किए गए हैं। विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे इन मरीजों में से करीब 16 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि करीब 19 मरीज 9 वर्ष से कम उम्र के और करीब 10 मरीज 65-80 की आयु वाले हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ये बीमारी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को प्रभावित कर रही है।
महाराष्ट्रे के कई हिस्सों में बढ़ती इस बीमारी को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को अलर्ट किया है। क्या ये कोई नई संक्रामक बीमारी है, ये बीमारी कैसे बढ़ रही है और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है, आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
कोविड-19 के दौरान भी चर्चा में थी ये बीमारी
जून 2021 में जब कोविड की दूसरी लहर चल रही थी उसी दौरान कई देशों में गिलियन बैरे सिंड्रोम के मामलों को लेकर भी चर्चा तेज हो गई थी। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में बताया है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स के रूप में कुछ लोगों में गुलियन-बैरे सिंड्रोम की समस्या देखी जा रही है। हालांकि बाद में कुछ अन्य अध्ययनों में वैक्सीनेशन के इस दुष्प्रभाव को पूरी तरह से नकारा गया था।
गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बारे में जानिए
गिलियन बैरे सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर अटैक कर देती है। इस वजह से मरीजों को कमजोरी, सुन्न होने या फिर लकवा मारने जैसे दिक्कतें हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ जीबीएस की समस्या को मेडिकल इमरजेंसी के तौर पर देखते हैं, जिसमें रोगी को तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। इलाज न मिलने पर जान जाने का भी खतरा हो सकता है।
क्लीवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि दुनियाभर में हर साल लगभग एक लाख लोगों को यह समस्या होती है, हालांकि यह दिक्कत क्यों होती है इसका सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। अगर समय पर रोग का उपचार किया जाए तो इससे आसानी से ठीक हो सकते हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान भी गिलियन बैरे सिंड्रोम के मामले देखे गए थे।
गुलियन-बैरे सिंड्रोम के क्या लक्षण होते हैं?
मेडिकल रिपोर्ट्से के मुताबिक ये बीमारी आपके पेरीफेरल नर्वस को अटैक करती है। ये तंत्रिकाएं मांसपेशियों की गति, शरीर में दर्द के संकेत, तापमान और शरीर को छूने पर होने वाली संवेदनाओं का एहसास कराती हैं। इन तंत्रिकाओं को होने वाली क्षति के कारण आपको कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।
- हाथ और पैर की उंगलियों, टखनों या कलाई में सुई चुभने जैसा एहसास।
- पैरों में कमजोरी जो शरीर के ऊपरी हिस्से तक फैल सकती है।
- चलने या सीढ़ियां में असमर्थ होना।
- बोलने, चबाने या निगलने में परेशानी होना।
- पेशाब पर नियंत्रण न रह जाना या हृदय गति का बहुत बढ़ जाना।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।