डायबिटीज कम करने के लिए इनका सेवन करें      Publish Date : 14/07/2023

                                                      डायबिटीज कम करने के लिए इनका सेवन करें

                                                      

मधूमेह के रोगियों को खानपान पर विशेष सावधानियाँ रखनी पड़ती हैं। जहां तक फल एवं सब्जियों की बात की जाए तो प्रत्येक सब्जी में पोषक तत्व व फाइबर की मात्रा अलग-अलग होती है। इसलिए अपनी डाइट में इनकी मात्रा का अधिक से अधिक समावेश करना चाहिए। कुछ सब्जियां दूसरी सब्जियों की तुलना में इन्सुलिन रेजिस्टेंस में अधिक प्रभावी होती हैं और यह ब्लड ग्लूकोस के स्तर को कम रखती हैं।

विशेषज्ञों की बात मानी जाए तो गैर-स्टार्च युक्त सब्जियां, फाइबर की अधिकता के कारण स्टार्च युक्त सब्जियों की तुलना में डायबिटीज रोगी के लिए बेहतर होती है। गैर-स्टार्च युक्त सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, लेट्यूस, रंग-बिरंगी शिमला मिर्च, हरी प्याज, गोभी, ब्रोकली, बंद गोभी, अंकुरित अनाज, बींस, गाजर, सोयाबीन, मशरूम की फलियां, बैंगन व शलजम आदि गैर-स्टार्च युक्त सबिज्यों को नियमित अपने आहार में अनिवार्य रूप शामिल करना चाहिए।

                                               

वहीं स्टार्च युक्त सब्जियों में मक्का, शकरकंद, सीताफल, मटर और आलू आदि को खासतौर पर शामिल किया जाता है, अतः आलू का सेवन बहुत ही नियंत्रित मात्रा में किया जाना चाहिए क्योंकि आलू में कार्बाेहाइड्रेट अधिक होता है और आलू को अधिक सेवन करने पर यह भी डायबिटीज के मरीज को नुकसान भी दे सकता है।

आहार विशेषज्ञों (डाइटीशियन्स) के अनुसार गैर-स्टार्च युक्त सब्जियों का सेवन करने से फाइटोकेमिकल्स का उत्पादन बढ़ता है और यह कार्ब्स को कम करता है। इसके अलावा इनमें फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है एवं स्टार्च और शुगर की मात्रा कम होती है। अतः एक कटोरी सब्जी का सेवन करने पर 5 ग्राम से कम कार्बाेहाइड्रेट शरीर को प्राप्त होता है, जो कि मधुमेह रोगियों के लिए उचित स्तर है।

                                                        

इसके अलावा गैर-स्टार्च युक्त सब्जियों में शरीर की सूजन को कम करने के गुण भी विद्यमान होते र्हैं और इसी गुण के कारण इनका सेवन हृदय तंत्र के रोगों, टाइप-टू डायबिटीज और कई तरह के कैंसर और मोटापा आदि को रोकने में भी सहायक साबित होते हैं। इसलिए हम लोग अपने भोजन में आवश्यकता के अनुसार सुधार कर और उनकी सही मात्रा लेकर डायबिटीज को कम करने में सफल हो सकते हैं।