खतरनाक है ब्लड शुगर के लेवल का बढ़ना Publish Date : 14/01/2025
खतरनाक है ब्लड शुगर के लेवल का बढ़ना
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
मानव के रक्त में शर्करा अर्थात ब्लड शुगर का एक समान्य लेवल होता है। ब्लड शुगर, प्रमुखतया रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को कहते हैं। इसके अतिरिक्त हमारे शरीर में कुछ अन्य प्रकार की शुगर भी होती हैं जिन्हें फ्रक्टोज और गेलेक्टोज के रूप में जाना जाता है। रक्त में उपलब्ध ग्लूकोज, शरीर की ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत होता है। ग्लूकोज की अनुपस्थिति में शरीर के समस्त अंगों को काफी नुकसान पहुँच सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी कारण के चलते दिल के ब्लड सर्कुलेशन में कोई रूकावट आती है तो ऊर्जा की कमी होने के चलते दिल धड़कनें भी रूक सकती हैं और इसी स्थिति को दिल का दौरा या हार्ट अटैक कहते हैं। इस अटैक के कारण मरीज की मौत तक भी हो सकती है।
अतः शरीर के समस्त अंगों और उनके सेल्स को सही प्रकार से कार्य करने के लिए रक्त में ग्लूकोज की उचित सप्लाई का बने रहना भी जीवन के लिए बहुत आवश्यक होता है। हालांकि, ब्लड शुगर की कमी या अधिकता दोनों ही स्थितियां जीवन के लिए गम्भीर समस्या उत्पन्न कर सकती हैं।
क्या होता है ब्लड शुगर का सामान्य लेवल
सामान्य स्थिति में, ब्लड शुगर का लेवल 4 से 6 मिलीमोल प्रति लीटर अथवा 70 से 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच होता है। जबकि भोजन कर लेने के बाद ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। प्रातः काल उठने के समय सबसे कम ब्लड शुगर का लेवल होता है। हमारे शरीर की पैंक्रियाज ग्रन्थि से स्रावित विभिन्न हॉर्मोंस हमारे ब्लड शुगर को सही तरीके से नियंत्रित रखने में सहायता करते हैं।
उदाहरण के लिए, उपवास के दौरान जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है तो ग्लूकोन हॉर्मोन के प्रभाव से, ग्लाईकोजन से ग्लूकोज का निर्माण लिवर में होता है तो ब्लड शुगर का लेवल भी कंट्रोल हो जाता है।
वहीं दूसरी और जब खाना खाने के बाद ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है तो इंसुलिन नामक हॉर्मोन के प्रभाव से रक्त से अतिरिक्त ग्लूकोज को लिवर और माँसपेशियों में भेज दिया जाता है और लिवर में ही अतिरिक्त ग्लूकोज को ग्लाईकोजन के रूप में स्टोर कर लिया जाता है।
ब्लड शुगर के बढ़ने पर दिमाग को नुकसान
ब्लड शुगर के हाई होने पर हमारे दिमाग के उन भागों को नुकसान पहुँचता है, जिनका सम्बन्ध हमारी याददास्त के साथ होता है। यदि परिवार में मधुमेह का इतिहास रहा है तो आपको नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर की जांच कराते रहना चाहिए। पोष्टिक एवं संतुलित भोजन करते हुए एक सक्रिय जीवन व्यतीत करने से लाभ होता है।
ब्लड शुगर के बढ़ने से त्वचा को नुकसान
मधुमेह और ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का प्रभाव हमारी त्वचा पर भी पड़ता है। उच्च ब्लड शुगर के कारण शरीर के तरल पदार्थों में कमी आने लगती है, जिससे त्वचा शुष्क हो जाती है। ऐसा होने पर त्वचा में सदैव ही खुजली बनी रहती है और कभी-कभी तो त्वचा लाल होकर फटने भी लगती है। इसके चलते रोगाणुओं के संक्रमण की आशंका भी बलवती हो उठती है। इसके समाधान के लिए आपको अधिक मात्रा में पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए और इसके साथ ही लोशन या फिर मॉइश्चराजर की भी यथासम्भव प्रयोग करते रहना चाहिए।
रक्त प्रवाह बिगड़ना
ब्लड शुगर के हाई होने पर ब्लडसर्कुलेशन पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और इसके कारण टाँगें अथवा पैर भी खराब हो सकते हैं, केंकि पैरों पर ही पूरे शरीर का भार रहता है। स्नायुतंत्र में गड़बड़ी के चलते पैरों में दर्द, सूजन और सर्द-गर्म का अनुभव होता है और पैर सुन्न हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में पैरों में सुई चुभाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नही होती है और बाद में इसके गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
ऐसा होने से अल्सर, गैंग्रीन और सबसे दुःखद स्थिति पैर के कटने की स्थिति भी बन सकती है। अतः सभी से अपील है कि समय समय पर अपने शरीर की सभी जांचे अवश्य ही कराते रहना चाहिए।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।