प्री-डायबिटीज पता करें कि कहां है आप      Publish Date : 31/12/2024

                      प्री-डायबिटीज पता करें कि कहां है आप

                                                                                                                                                डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

मेडिकल भाषा में प्री-डायबिटीज डायबिटीज की उस स्थिति को कहते हैं जो टाइप-2 डायबिटीज से पूर्व की स्थिति होती है। परन्तु आमतौर पर प्री-डायबिटीज के मरीजों में डायबिटीज के लक्षण स्पष्ट नही हो पाते हैं। ऐसे में इस प्रकार की डायबिटीज का अर्थ यह होता है कि ऐसे मरीज डायबिटिक तो होते हैं, परन्तु उनके ब्लड शुगर का लेवल इतना नही होता है कि वह डायबिटीज के टेस्ट में आ सके।

चेक करें कि आप कहां है

                                                                   

यदि आप एक डाबिटिक पर्सन हैं तो फॉस्टिंग के समय आपकी डायबिटीज 126 मि.ग्रा. से अधिक है और पी. पी. शुगर (खाना खाने के आधा घंटे बाद) 200 मि.ग्रा. से अधिक होती है और इसी प्रकार यदि आप डायबिटिक पर्सन नही हैं तो आपकी फॉस्टिंग शुगर 100-126 और पी. पी. शुगर (खाना खाने दके 2 घंटे बाद) 140-200 मि.ग्रा. है तो यही अवस्था प्री- डायबिटीज की अवस्था कहलाती है। यदि हम इसी बात को दूसरे शब्दों में कहें तो ब्लड की जांच में खाली पेट शुगर 100 से अधिक एवं भोजन करने बाद अथवा 75 ग्राम ग्लूकोज का सेवन करने के बाद ब्लड शुगर का लेवल 140 से अधिक होने पर भी इसे प्री- डायबिटीज की स्थिति कहते हैं।

यदि आपको डायबिटीज है

अगर आपकी फॉस्टिंग शुगर लेवल 100 मि.ग्रा. से कम है और पी. पी. शुगर (खाना खाने के 2 घंटे बाद) का लेवल 140 मि.ग्रा. से कम है तो आप समझ लें कि आपको डायबिटीज नही है।

आखिर क्यों है खतरनाक प्री- डायबिटीज की अवस्था

प्री-डायबिटीज की अवस्था आपको डायबिटीज के शुरूआत की सूचना देता है। प्री-डायबिटीज वाले लोगों को भी डायबिटीज के दुष्परिणाम भुगतने का खतरा डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के जितना ही होता है।

बचाव के लिए क्या करें

यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर होता है, इस समय अगर डायबिटीज से बचाव के उपयों को अपनाया जाए तो फिर डायबिटीज बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकना सम्भव होता है।

प्री-डायबिटीज के लक्षण

यह सत्य है कि अधिकतर मरीजों में प्री-डायबिटीज के लक्षण स्पष्ट नही होते हैं, लेकिन कुछ लक्षणों के माध्यम से इसका अनुमान लगाया जा सकता है। इन लक्षणों में आधिक और बार-बार प्यास लगना, अधिक मात्रा में पेशाब आना, अस्पष्ट दृष्टि और बेहोशी होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

कैसे करें प्री-डायबिटीज से बचाव

                                                               

यदि आप एक स्मोकर हैं, तो आपको स्मोकिंग तुरंत ही बंद कर देनी चाहिए। क्योंकि स्मोकिंग करने से किसी भी व्यक्ति के ब्लड शुगर का लेवल एकाएक बढ़ जाता है और वहीं यदि कोई डायबिटीज का मरीज स्मोकिंग करता है तो उसके ब्लड शुगर के लेवल में ऐसा उछाल आता है जो कि उस मरीज के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकता है।

आप अपने वजन को नियंत्रित रखें और अगर आप ओवरवेट हैं और अपने वेट को 5 से 10 प्रतिशत तक भी कम कर लेते हैं तो ऐसा करने से आकी सेहत पर काफी सकारात्मक प्रभाव पडेगा।

आपका खानपान संतुलित और पोषण युक्त होना चाहिए। हमारे शरीर में सोडियम की मात्रा अधिक होने से पानी का जमाव होता है जिससे ब्लड का आयतन बढ़ जाता है और इससे हमारा रक्तचॉप बढ़ने लगता है। अतः आपको सलाह दी जाती है कि भोजन में नमक की कम मात्रा का ही सेवन करें। आमतौर पर लोग 10 ग्राम नमक प्रतिदिन सेवन करते है तो इसकी मात्रा को 3 ग्राम प्रतिदिन के स्तर तक लेकर आ जाना चाहिए। इसके साथ ही कृत्रिम नमीकन, अचार और पापड़ आदि को तो पूरी तरह से बंद ही कर देना चाहिए।

                                                              

यदि आप हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल आदि के पेशेंट है तो इनका नियंत्रण करना भी आपके लिए आवश्यक है।

आप अपने भोजन में पोटेशियम युक्त सामग्री का समावेश बढ़ा सकते हैं। डिब्बा बंद सामग्री का प्रयोग तो बिलकुल ही न करें और साथ ही सैचुरेटेड फैट की मात्रा को भी नियंत्रित करें। इसके अतिरिक्त अपने भोजन में कैल्शियम और मैग्निशियम की मात्रा को भी संतुलित करें। विशेष रूप से फाइबर युक्त खाद्य सामग्री जैसे- छिलके युक्त फल, सोग/चोकर युक्त आटा या ईसबगोल आदि के सेवन को वरीयता प्रदान करें।

प्री-डायबिटीज की सिथति को मात देने के लिए एक्सरसाईज करना भी बहुत आवश्यक है, प्रति सप्ताह कम से कम 30 मिनट व्यायाम आवश्यक रूप से करें, हालांकि, इसकी शुरूआत आप 10 या 15 मिनट से भी कर सकते हैं, इसके लिए तेज कदमों से 30 मिनट तक पैदल चलना भी एक सर्वोत्तम व्यायाम माना जाता है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।