सेहत में फायदेमंद है फाइटो न्यूट्रिएन्ट्स Publish Date : 17/12/2024
सेहत में फायदेमंद है फाइटो न्यूट्रिएन्ट्स
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
भोजन हमारे को स्वस्थ बनाये रखने और रोगों के इलाज एवं रोकथाम के लिए एक औषधि के रूप में कार्य करता है। हम जिस भोजन को करते हैं, यह हमारे शरीर को जाक्क्ष्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो कि हमें ठीक ढंग से कार्य करने में सहायता करते हैं। यदि हमें सही पोषक आहार न मिले, तो हमारी पाचन प्रक्रिया और स्वास्थ्य दोनों में गिरावट आ जाती है।
कुछ समय पहले यह समझा जाता था कि केवल वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिज आदि पोषक तत्व ही शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं लेकिन इनके अलावा भी कुछ बायोएक्टिव खाद्य घटक हैं जो हमारे स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रखने व शरीर के सामान्य कार्य करते रहने में महत्वपूर्ण भूमिका नभाते हैं, जिन्हें हम 'फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स' कहते १। ये फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स स्वास्थ्य रक्षा प्रणाली तर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं और रोगों व विभिन्न शारीरिक विकारों के उपचार और रोकथाम में लाभदायक हैं।
खाद्य पदार्थ, जो पेड़-पौधों व वनस्पतियों से प्राप्त होते हैं, वे प्राकृतिक रूप से फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स या फाइटोकैमिकल्स से परिपूर्ण होते हैं। फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स न केषण-पेड़-पौधों को रोगाणु, फंफूद, कीट आदि से सुरक्षित रखते हैं, अपितु इनके सेवन से मनुष्य के शरीर को ऐसे जरूरी न्यूट्रीएन्ट्स भी मिलते हैं जो हमरे शरीर को रोग मुक्त रखने में सहायक हैं। 25,000 से भी अधिक प्रकार के फाइटोन्यूट्रीएन्क्ष पाये जाते हैं परन्तु कुछ मुख्य प्रकार के फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स निम्न हैं: • कैरोटिनॉइड्स; • फ्लैवेनॉइड्स; • इलैजिक एसिड; • रेस्बेरेट्रॉल; • क्रोसाइनोलेट्स; • फाइटोएस्ट्रोजन।
कैरोटिनॉइड्स: यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पोषक तत्य है। वैसे तो 600 से भी अधिक प्रकार के कैरोटिनॉइड्स होते हैं परन्तु 6 सबसे महत्वपूर्ण कैरोटिनॉइड्स होते हैं- बीटा कैरोटिनॉइड्स, अल्फा कैरोटिनॉइड्स, लाइकोपीन, बीटा- क्रिप्टोजेन्थिन, ल्यूटीन और जियाजेन्थिन। ये मुख्यतः गाजर, कट्टु, टमाटर, संतरे, पत्तेदार सब्जियों में पाये जाते हैं। ये प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने व हृदय रोग, आंखों से संबंधित रोगों और कैंसर जैसी बीमारियों के होने की संभावना को कम करने में लाभकारी होते हैं। अल्फा व थीटा कैरोटिन और बीटा-क्रिप्टोजेन्थिन प्रोविटामिन-ए कैरोटिनॉइड्स हैं।
फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स से परिपूर्ण आहार
- लाल, नांरगी व पीले रंग की सब्जियाँ और फल (जैसे- टमाटर, गाजर, मिर्च, स्क्वाश, शकरकंद, आडू, आम, नींबू, तरबूज, खट्टे फल आदि)।
- गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों (जैसे- पालक, गोभी, फूलगोभी, सलाद पत्ते)।
- लहसुन, प्याज व हरा प्याज।
- साबुत अनाज (जैसे- ब्राउन राइस, जई, गेहूँ आदि)।
- अखरोट, बादाम, सूरजमुखी के बीज, तिल आदि।
- चाय, कॉफी, डार्क चॉकलेट
लिए तथा खून में सफेद रक्त निर्माण (WBC) कणिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं। फ्लेवेनॉइड्स ये ज्यादातर खाने को रंग प्रदान करते हैं। इनमें एन्टीऑक्सिडेन्ट्स प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इनके सेवन से हृदय वाहिनियां भी स्वस्थ रहती हैं और ये कैंसर उत्पन्न करने वाले मुक्त मूलकों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये अन्य दीर्घ परिस्थितियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस व मधुमेह के रोकथाम में भी सहायक है कान संब, केला, टमाटर, शकरकंद, मिर्च, रसभरी आदि इसके मुख्य स्रोत हैं।
• इलेजिक एसिड: यह स्ट्रॉबेरी अखरोट आदि में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं यह कैंसर होने की संभावना को भी कम करते हैं क्योंकि ये शरीर में ज्यादा समय तक अवशोषित नहीं हो पाते हैं और लगातार इनका शरीर से निष्कासन होता रहता है। अतः इनका समय-समय में सेवन करना बहुत आवश्यक है।
• रेस्बेरेट्रॉल: यह एक सम्भव पॉलीफिनॉल तथा कवकरोधी रसायन है जो अंगूर व रेड वाइन में एक बायोएक्टिव के रूप में पाया जाता है। यह एन्टी ऐजिंग के एक मुख्य कारक के रूप में भी जाना जाता है। यह कैंसर, मोटापे, हृदय रोग य मधुमेह की रोकथाम के लिए भी उपयोगी है।
• ग्लूकोसाइनोलेट्स: यह क्रूसीफर (Crucifer) आदि पौधों में पाये जाते हैं, जैसे गोभी, सरसों, हॉसरेडिश, शलगम, मूली। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं व कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को एपोप्टोसिस प्रक्रिया द्वारा मार देते हैं।
• फाइटोएस्ट्रोजन: ये प्राकृतिक रूप से पौधों से मिलने वाले पोषक तत्व हैं और ये शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) जैसी भूमिका निभाते हैं। ये मुख्यतः सोयाबीन, साबुत अनाज, नट्स और कई प्रकार की जड़ी बूटियों में भी पाये जाते हैं।
फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स के लाभ
- ये पेड़-पौधों को कीटों व यू.वी किरणों से बचाते हैं।
- इनमें एन्टीऑक्सिडेन्ट व एन्टीइन्फ्लेमेट्री गुण भी पाये जाते हैं।
- ये इम्यूनिटी व अन्तरकोशिकीय संचार को बढ़ाने में मदद करते हैं इसी के साथ डीएनए क्षति को भी बचाते हैं जो विषैले तत्वों के संपर्क में आने के कारण हो जाती है।
- इसके सेवन से हदय रोग, नेत्र रोग व कैंसर के होने की संभावना भी कम होती है