खड़े रहने का सही तरीका Publish Date : 01/12/2024
खड़े रहने का सही तरीका
खड़े रहने के सही तरीके को समस्थिति कहते हैं। हममें से अधिकतर लोग खड़े होने के सही स्थिति पर ध्यान नही नही देते हैं और कुछ एड़ी के बल, कई लोग पंजों पर, कई दाएं तो कई बार बाएं पैर और कई लोग पैर को घमाकर खड़े होते हैं। इस प्रकार से असंतुलित तरीके से खड़े होने के चलते रीढ़ की हड्ड़ी का लचीलापन भी कम हो जाता है।
इस तरीके से खड़े होने पर एड़ी, पिंड़ली और घुटनों आदि में भी दर्द हो सकता है। एड़ी पर अधिक वजन देकर खड़े होने से व्यक्ति के नितंब ढ़ीले पड़ जाते हैं और उसका पेट बाहर निकल आता है। लगातार इस प्रकार से ही खड़े होने से हमारी रीढ़ की हड्ड़ी पर भी दबाव बनने से जल्द ही थकान का अनुभव होने लगता है और इसके साथ ही मन भी सुस्त हो जाता है।
अधिकतर लोग जब खड़े होते हैं तो वह अपनी एड़ी को थोड़ा अंदर की ओर तथा पंजे को थोड़ा बाहर की ओर फैलकर ‘‘वी’’ की आकृति को बनाते हुए खड़े होते हैं, जबकि खड़ा होने का सही तरीका एड़ी और पंजों को सीधा रखकर और उन पर एकसमान भार देकर खड़ा होना होता है। वहीं उल्टे ‘‘वी’’ का आकार बनाते हुए खड़े होने की आदत को सुधारने के लिए हमें शुरूआत में इसके विपरीत उल्टा ‘‘वी’’ बनाते हुए अर्थात पुजे अंदर की ओर तथा एड़ी थोड़ा बाहर की ओर खड़ा होना चाहिए।
इस स्थिति में खड़े होने से हमारे शरीर का भार समान रूप से एड़ियों एवं पंजों पर बट जाता है जिससे हमारे नितंब तन जाते हैं। इससे पेट अंदर की ओर खिंचकर सीना बाहर की ओर आ जाता है और हमारी रीढ़ की हड्ड़ी भी सीधी हो जाती है। इससे हमारे तन एवं मन में स्फूर्ति का संचार होता है।
हमारे शरीर का भार, हमारे दोनों पैरों की एड़ियों और पंजों पर संतुलित रूप से नही रहता है और हमारे शरीर का एलाइनमेंट बिगड़ जाता है। ऐसा होने से हमें विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इस प्रकार हमें खड़ा होने का सही तरीका अपनाकर अपने उत्तम स्वास्थ्य की ओर अपना पहला कदम बढ़ाना चाहिए।