उत्तम स्वास्थ्य के लिए गुनगुना पानी सेवन करने के लाभ      Publish Date : 28/11/2024

        उत्तम स्वास्थ्य के लिए गुनगुना पानी सेवन करने के लाभ

                                                                                                                                                          डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

निशिचर नोक्टुरिया का मतलब है कि रात में पेशाब करना मूत्राशय का नहीं बल्कि हृदय की विफलता का लक्षण है। डॉ. दिव्यांशु सेंगर बताते हैं कि नॉक्टुरिया वास्तव में हृदय और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में रुकावट का एक लक्षण होता है। वयस्कों और बुजुर्ग लोगों को यह परेशानी सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि उन्हें रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता है।

                                                                    

नींद में खलल पड़ने के डर से बुजुर्ग रात को सोने से पहले पानी पीने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि अगर आप पानी पिएंगे तो उनको बार-बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ेगा। लेकिन वह यह नहीं जानते कि सोने से पहले या रात में पेशाब करने के बाद पानी न पीना वयस्कों और बुजुर्ग लोगों में सुबह-सुबह दिल के दौरे या स्ट्रोक का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है।

दरअसल, नॉक्टुरिया यानी बार-बार पेशाब आना, मूत्राशय की शिथिलता की समस्या नहीं है। ऐसा उम्र के साथ बुजुर्गों में हृदय की कार्यक्षमता में कमी के कारण होता है, क्योंकि हृदय अब शरीर के निचले हिस्से से रक्त प्रवाह को सुचारू बनाने में सक्षम नहीं होता है। ऐसे में दिन के समय जब हम खड़े होने की स्थिति में होते हैं तो रक्त का प्रवाह नीचे की ओर अधिक होता है।

                                                         

हृदय कमजोर होने पर हृदय में रक्त की मात्रा अपर्याप्त हो जाती है और शरीर के निचले हिस्से पर दबाव बढ़ जाता है। इसीलिए वयस्कों और बुजुर्गों को दिन के समय शरीर के निचले हिस्से में सूजन हो जाती है। इस प्रकार जब वह रात में लेटते हैं तो शरीर के निचले हिस्से को दबाव से राहत मिलती है और इस प्रकार ऊतकों में बहुत सारा पानी जमा हो जाता है। यह पानी वापस खून में आ जाता है।

यदि बहुत अधिक पानी है, तो किडनी को पानी को अलग करने और मूत्राशय से बाहर निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह नॉक्टुरिया के मुख्य कारणों में से एक है। इसलिए जब आप सोने के लिए लेटते हैं और पहली बार शौचालय जाते हैं तब के बीच आमतौर पर लगभग तीन या चार घंटे का समय लगता हैं। इसके बाद जब खून में पानी की मात्रा दोबारा बढ़ने लगती है तो तीन घंटे बाद दोबारा टॉयलेट जाना पड़ता है।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक का अहम कारण क्यों हो सकता है? इसका उत्तर यह है कि दो या तीन बार पेशाब करने के बाद खून में पानी बहुत कम रह जाता है। सांस लेने से भी शरीर का पानी कम हो जाता है। इससे खून गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है और नींद के दौरान हृदय गति धीमी हो जाती है। गाढ़े रक्त और धीमे रक्त प्रवाह के कारण संकुचित रक्त वाहिका आसानी से अवरुद्ध हो जाती है।

                                                                         

यही कारण है कि वयस्कों और बुजुर्ग लोगों को हमेशा सुबह 5-6 बजे के आसपास दिल का दौरा या पक्षाघात का अटैक होता पाया जाता है। ऐसे में कई बार तो उनकी नींद में ही मौत भी हो जाती है। पहली बात जो सभी को बतानी है वह यह है कि नॉक्टुरिया मूत्राशय की खराबी नहीं है, यह उम्र बढ़ने से सम्बन्ण्ति एक समस्या है। एक और बात जो सभी को बतानी है वह यह है कि आपको बिस्तर पर जाने से पहले और रात में पेशाब करने के लिए उठने के बाद गुनगुना पानी पीना चाहिए।

इस रात्रिचर से डरो मत. खूब पानी पिएं, क्योंकि पानी न पीने से आपकी जान जा सकती है। तीसरी बात यह है कि हृदय की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आपको सामान्य समय में अधिक व्यायाम करना चाहिए। मानव शरीर कोई मशीन नहीं है जिसका अधिक उपयोग करने पर वह खराब हो जायेगा, बल्कि इसके विपरीत जितना अधिक इसका उपयोग किया जायेगा यह उतना ही अधिक मजबूत होगा। अस्वास्थ्यकर भोजन, विशेष रूप से उच्च स्टार्च और तले हुए खाद्य पदार्थ न खाएं।

अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि इस लेख को अपने वयस्क और बुजुर्ग मित्रों के साथ साझा करें। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चूँकि यह विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, इसलिए कृपया इसकी उपेक्षा न करें। इसे पढ़ें और उन लोगों के साथ साझा करें जिन्हें इसकी आवश्यकता हो, क्योकि सबके भले में ही अपना भला होता है और अपना स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए लगातार गुनगुना पानी पीते रहे।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।