स्मोकी इफेक्ट वाले फूड का सेवन करने से बचे      Publish Date : 20/10/2024

                स्मोकी इफेक्ट वाले फूड का सेवन करने से बचे

                                                                                                                                               डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

आजकल हर चीज ट्रेंडी होने के साथ-साथ अब खाना भी रेडीमेड होने लगा है। दरअसल आजकल रेस्तरां और होटल में खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ उसे कूल और स्टाइलिश बनाने के लिए उसमें स्मोकी इफेक्ट डाला जाने रिवाज चल रहा है, जिससे कि खाना अधिक स्वादिष्ट और देखने पर अच्छा नजर आने लगे।

                                                                        

असल में स्मोकी फूड वह खाद्य पदार्थ होते हैं, जिनमें धुएं का स्वाद और खुशबू मिक्स होता है। यह स्वाद और खुशबू युक्त भोजन को धुएं में पकाने या स्मोकिंग थीम के दौरान आती है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी या नुकसानदायक है इसके बारे में जान लेना भी बहुत जरूरी होता है।

क्या है स्मोकी इफेक्ट

                                                                 

इस स्मोकिंग या फंगी इफेक्ट के लिए आमतौर पर भोजन में लकड़ी के धुएं प्रयोग किया जाता है। यह स्मोक कई प्रकार का होता है, जैसे हॉट स्मोक और कोल्ड स्मोक जो कि खाने के स्वाद को बढ़ा देती है। वहीं ड्राई आइस के साथ लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल करके भी इसे उत्पन्न किया जा सकता है। यह एक तरह का केमिकल होता है और इसका तापमान 196 डिग्री सेल्सियस तक होता है।

किसी प्रकार से अगर यह केमिकल हमारी त्वचा के संपर्क में आ जाए तो इससे स्किन की सेल्स को नुकसान पहुंच सकता है। वही लिक्विड नाइट्रोजन तेजी से फैलती है जो हमारे शरीर के अंदरूनी अंगों के लिए भी खतरनाक हो सकती है और इनकी अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचा सकती है।

विशेष रूप से यह हमारी पाचन क्रिया के साथ पेट की सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह भी साबित हो सकती है। वहीं अगर इसे गलत तरीके से प्रयोग जाए तो यह हमारे टिशु और अंग को भी नुकसान पहुंचा सकता है। केवल इतना ही नहीं इसके कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं।

फेफड़े और सांस की परेशानी

                                                                

यह धुआं सीधा आपकी श्वसन प्रणाली और फेफड़ों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है और धुएं में मौजूद छोटे कण सांस के माध्यम से शरीर के अंदर जा सकते हैं और इससे एलर्जी, अस्थमा और सांस की अन्य परेशानियां हो सकती हैं। वही स्मॉक्ड खाना नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का स्तर बढ़ जाता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक बढ़ सकता है।

सोडियम का अत्यधिक सेवन

स्मोकिंग की प्रक्रिया में अत्यधिक तापमान और धुएं का इस्तेमाल करने से खाने में मौजूद कई पोषक तत्व नष्ट हो सकते है, जिससे खाने की गुणवत्ता भी कम हो जाती है। स्मोक इफेक्ट वाले खाद्य पदार्थों में आमतौर पर अधिक मात्रा में नमक और प्रिजर्वेटिव्स का प्रयोग किया जाता है जिससे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और किडनी रोग आदि की समस्या भी बढ़ सकती है।

पाचन क्रिया पर डालता है असर स्मोक्ड फूड

                                                                

धुएं और उच्च ताप के संपर्क से बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में पॉलीसिस्टिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन और हेटेरोसाइक्लिक अमीनों अम्ल जैसे हानिकारक कार्बनिक योगिकों की मात्रा अधिक होती है। यह भोजन में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण पोषक तत्वों जैसे कि विटामिन और खनिज पदार्थों को नष्ट कर देते हैं और स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएं जैसे लीवर और गुर्दे में मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के खतरों को बढ़ावा देते हैं।

यह दोनों रसायन कैंसर कारक माने जाते हैं, विशेषरूप से जब लंबे समय तक इस तरह के भोजन का सेवन किया जाता है। पोषक तत्व गर्मी के प्रति सहनशील होते हैं और स्मोकी प्रक्रिया के दौरान भोजन से बाहर निकल जाते हैं।

ऐसे में तैयार भोजन में प्रोटीन की भी विकृति हो जाती है और यह इसकी संरचना को भी बदल सकता है। इस कारण उसे पचा पाने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है और यह खाना हमारे पाचन की प्रक्रिया पर बुरा असर डालता है। इसलिए स्मोकी इफेक्ट वाले फूड्स से यथा सम्भव बचा जाना ही चाहिए। इस तरह से आप लम्बे समय तक स्वरूथ रह सकते हैं।

कैसे करें बचाव

अतः आपको सलाह दी जाती है कि जितना हो सके आप स्मोकी फूड से दूरी बनाएं और ग्रिल बैक या स्टीम फूड का सेवन करें। भोजन के तापमान को नियंत्रित रखें, ताकि खाना ज्यादा देर तक धुएं के सम्पर्क में न रह सके। इस प्रकार यदि आप स्मोकिंग इफेक्ट वाले फूड से उचित दूरी बना लेंगे तो आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और आपकी पाचन क्रिया भी अच्छी बनी रहेगी।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।