आंख में मोतियाबिंद की समस्या Publish Date : 06/10/2024
आंख में मोतियाबिंद की समस्या
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
मोतियाबिंद रोग के कारण आपकी आंख की आंतरिक परत धुंधली हो जाती है और यह परेशानी आमतौर पर आपकी उम्र बढ़ने के साथ होती है। सूरज की यूीव किरणें आंखों के लिए हानिकारक होती है और यह मोतियाबिंद का एक कारण भी बन सकती है। अतः हमें अपनी आंखों को यूवी किरणों के प्रभाव से बचाना जरूरी है। इसके लिए आप जब भी अपने घर से बाहर निकलें, धूप का चश्मा पहनकर ही निकलें।
क्योंकि ऐसी कई स्वास्थ्य स्थितियां होती हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारी आंखों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं और मोतियाबिंद होने के खतरे को बढ़ा सकती हैं। मोतियाबिंद के संभावित खतरे को रोकने के लिए अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों की पहचान करना और फिर उन्हें प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है।
पौष्टिक आहार आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पालक और केल जैसी पत्तेदार साग के साथ संतरे और जामुन के जैसे रंगीन फलों को अपने भोजन में शामिल करने का प्रयास करें, जो विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। व्यायाम करना हमारे रक्त परिसंचरण में व्यापक सुधार करता है, जो स्वस्थ आंख की रोशनी को बढ़ाता है।
आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए नियमित आंखों की जांच करवाना भी बहत जरूरी होता है। इसलिए साल में कम से कम एक बार अपना नेत्र परीक्षण अवश्य ही कराएं। धूम्रपान और नशा आदि व्यवसन छोड़ देने से भी मोतियाबिंद के खतरे को रोकने में काफी मदद मिल सकती है।
वृद्धावस्था में दृष्टि हानि हो ही जाती है। इसके लिए कोई आईड्रॉप या चिकित्सकीय थेरेपी काम नहीं करती है। मोतियाबिंद का एकमात्र उपचार सर्जरी होता है, हालांकि कई बार होम्योपैथी चिकित्सा पद्वति के द्वारा भी इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। अतः जब भी आंख संबंधी किसी समस्या का सामना करें तो आप अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।