नमक का कम सेवन करेंगे तो उम्र बढ़ेगी और सेहत भी बनी रहेगी Publish Date : 19/09/2024
नमक का कम सेवन करेंगे तो उम्र बढ़ेगी और सेहत भी बनी रहेगी
डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
वर्तमान की भागदौड़ से भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत का कम ख्याल रख पा रहे हैं, हालांकि, जो लोग सजग रहते हुए अपनी सेहत पर ध्यान देते हैं तो निश्चित रूप से उनका स्वास्थ्य भी ठीक ही बना रहता है। ऐसे ही जब आप रोजाना के अपने भोजन में औसत से अधिक नमक का सेवन करने लगते हैं तो आपको गोली यानी दवा खाने की जरूरत पड़ सकती है।
भोजन में अधिक नमक का सेवन करना, दुनिया भर में बीमारी की जड़ बनता जा रहा है। आप चाहे स्वाद अनुसार नमक ले अथवा इससे कुछ ज्यादा तो आप जाने अनजाने में कई बीमारियों को न्यौता दे रहे होते हैं। शायद आप लोग विश्वास ना करें, लेकिन भोजन में ज्यादा नमक का सेवन करने की वजह से सिर्फ भारत में ही हर साल हजारों लोग और समय मौत के आगोश में समा जाते हैं। दुनिया भर में सबसे ज्यादा नमक का उपयोग भारत के लोगों द्वारा ही किया जाता है।
भोजन में ज्यादा नमक ही नहीं बल्कि स्वाद अनुसार नमक की मात्रा भी नुकसान पहुंचती है। इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नमक की मात्रा को कम करना चाहिए।
नमक कई समस्याओं की जड़ बनता है
नमक कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जड़ बनता है, जिनमें सर के बाल झड़ना, किडनी में सूजन आना या खराबी आना, हृदय संबंधी अनेक बीमारियां, शरीर में लकवा हो जाना, हृदय घात, उच्च रक्तचाप, खून की कमी, मोटापा और अधिक गुस्सा आना जैसी अनेक ढेर सारी बीमारियों की मुख्य वजह भोजन में अधिक नमक का सेवन करना ही होता है।
ज्यादा नमक सेवन से ऑस्टिोपोरेसिस नामक बीमारी जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और कई बार अचानक और आसानी से टूट भी जाती है, हो जाती हैं।
भौगोलिक स्थिति का प्रभाव
भारत की भौगोलिक स्थिति के अनुसार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के लोग ज्यादा गुस्सैल होते हैं, जिसकी एक अहम वजह ज्यादा नमक का सेवन करना भी होता है। इन क्षेत्रों के लोग भोजन में नमक का इस्तेमाल अधिक मात्रा में करते हैं। अधिक नमक सेवन करने से प्यास अधिक लगती है जिसे बुझाने के लिए वह अधिक मात्रा में पानी का सेवन करते हैं।
अधिक मात्रा में पानी का सेवन करने के कारण् किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है और किडनी को अपनी क्षमता से ज्यादा कार्य करना पड़ता है और लगातार ऐसा होने से धीरे-धीरे किडनी फेल होने लगती है। इसलिए सभी लोगों को प्रयास करना चाहिए कि वह कम से कम नमक का सेवन करें।
रोजाना 3 ग्राम से कम नमक का सेवन करें
नमक का सेवन करने के कई नुकसान होते है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप डर की वजह से नमक का सेवन करना ही छोड़ दें। अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको कब्ज, मितली, उल्टी, पेचिश, दस्त और मरोड़ जैसी अनेक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाएगा और दिमाग में सूजन की वजह से भ्रम की स्थिति पैदा होने लगेगी।
इससे आपको न्यून रक्तचाप की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हर रोज लगभग 3 ग्राम से कम नमक का सेवन अवश्य करना चाहिए, इससे अधिक नमक लेंगे तो आपके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
कम नमक का सेवन करने से बच सकती है आपकी जान
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक व्यक्ति जो व्यस्त होता है, उसको रोजाना 5 ग्राम नमक का सेवन करना चाहिए। लेकिन नए शोध बताते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को हर रोज तीन ग्राम से कम नमक सेवन ही करना चाहिए, ताकि सेहत को लंबे समय तक दुरूस्त रखा जा सके। अगर भोजन में केवल नमक की खपत को कम कर दिया जाए तो दुनिया में कई लाख लोगों को असमय मौत से बचाया जा सकता है।
सेंधा नमक भी स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं
आमतौर पर लोग समझते हैं कि सेंधा नमक का सेवन करना सुरक्षित होता है तो यह धारणा गलत है क्योंकि केवल समुद्री नमक ही एक ऐसा नमक है जिसका ज्यादा सेवन भी नुकसानदायक नहीं होता है, हालांकि इसका भी अधिक मात्रा में सेवन करना अच्छा नहीं होता है। आप चाहे कोई भी नमक खाएं फिर चाहे वह लाल नमक हो, सेंधा नमक हो, काला नमक हो, सादा नमक हो या फिर समुद्री नमक औषधि से ज्यादा नमक का सेवन करना हमेशा ही नुकसान शरीर को पहुंचने वाला होता है।
संतुलित मात्रा में नमक का सेवन करने के फायदे
नमक का सेवन अगर निश्चित और संतुलित मात्रा में किया जाए तो यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। नमक कोशिकाओं के अंदर और बाहर जल को नियंत्रित करके डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाव करता है। नमक में मौजूद सोडियम दिमाग की कोशिकाओं के बीच तालमेल बिठाकर याददास्त को तेज करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। नमक का सेवन सही मात्रा में सेवन करना तनाव को नियंत्रित करने में भी मदद करता है जिससे अवसाद जैसी घातक बीमारी से बचाव होता है।
नमक में एंटीमाइक्रोबॉयल गुण होता है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। नमक शरीर में थाइरॉएड हार्माेस को भी कंट्रोल करता है और इसके पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे सोने और जागने के चक्र में शामिल हारमोंस न्यूरो ट्रांसमीटर को नियंत्रित करने में सहयोग करते हैं। निश्चित मात्रा में नमक के सेवन से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।