मधुमेह (डायबिटीज) के सम्बन्ध में जानकारी      Publish Date : 08/09/2024

              मधुमेह (डायबिटीज) के सम्बन्ध में जानकारी

                                                                                                                                   डॉ0 दिव्यांशु सेगर एवं मुकेश शर्मा

डायबिटीज का पता लगाने के लिए ब्लड में ग्लूकोज लेवल की जांच की जाती है। ऐसे में मन में सवाल आता है कि ब्लड में कितना ग्लूकोज लेवल को नॉर्मल माना जा सकता है और डायबिटीज का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट सबसे बेस्ट है और कितना होना चाहिए नॉर्मल शुगर लेवल

Test for Diabetes: डायबिटीज का पता लगाने के लिए ब्लड में ग्लूकोज लेवल की जांच की जाती है। डायबिटीज मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और भारत में फिलहाल 10 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। डायबिटीज का पता लगाने के लिए ब्लड में ग्लूकोज लेवल की जांच की जाती है। अगर टेस्ट में आपके खून में ग्लूकोज लेवल तय सीमा से अधिक पाया जाता है तो इसका मतलब यह है कि आपको डायबिटीज की बीमारी है। अब सवाल यह उठता है कि ब्लड में ग्लूकोज की कितनी मात्रा को सामान्य माना जा सकता है। आखिर नॉर्मल शुगर लेवल कितना होता है?

इसके अलावा यह भी कंफ्यूजन रहता है कि डायबिटीज का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट सबसे बेस्ट होता है। कितना होना चाहिए नॉर्मल शुगर लेवल?

कितना होता है नार्मल शुगर लेवल?

                        60 और 140 mg/dL के बीच होना चाहिए

खाली पेट में अगर आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल 100 से कम है तो यह नॉर्मल रेंज में आता है। वहीं खाने के दो घंटे बाद 140 से कम ब्लड ग्लूकोज लेवल रहने का मतलब है कि आपको डायबिटीज की बीमारी नहीं है।

डायबिटीज के लिए टेस्ट

                                                                    

विशेषज्ञ बताते हैं कि डायबिटीज का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं। खाली पेट और खाने के दो घंटे बाद ब्लड शुगर की जांच कराई जाती है। इसके अलावा एचबीएवनसी (HbA1c) टेस्ट के जरिए पिछले तीन महीने का औसत ब्लड ग्लूकोज लेवल के बारे में पता लगाया जा सकता है। ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस (ओजीटी) टेस्ट के माध्यम से भी डायबिटीज की बीमारी का पता लगाया जाता है।

खाली पेट शुगर टेस्ट-

                                                         

डायबिटीज का पता लगाने के लिए खाली पेट में ब्लड टेस्ट कराया जा सकता है। इस टेस्ट में अगर किसी व्यक्ति का ब्लड ग्लूकोज लेवल 100 से कम है तो उसे डायबिटीज नहीं है। वहीं 100 से 125 शुगर लेवल वालों को प्रीडायबिटीज की श्रेणी और 126 से ज्यादा वाले लोग डायबिटीज का शिकार होते हैं।

ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (ओजीटी)

                                                                

इस टेस्ट में व्यक्ति को ज्यादा मात्रा में ग्लूकोज पिलाकर शरीर को उसे मैनेज करने की क्षमता का पता लगाया जाता है। करीब 75 ग्राम ग्लूकोज पिलाने के दो घंटे बाद ब्लड सैंपल लेकर खून में ग्लूकोज लेवल की जांच की जाती है। इस टेस्ट में 140 से कम ब्लड ग्लूकोज लेवल को नॉर्मल माना जाता है तो वहीं 140-199 के बीच ब्लड ग्लूकोज रहने पर व्यक्ति को प्रीडायबिटिक माना जाता है। डायबिटीज से ग्रसित लोगों का ब्लड शुगर लेवल इस टेस्ट में 200 से ज्यादा रहता है।

एचबीएवनसी (HbA1c) टेस्ट

                                                          

इस टेस्ट के माध्यम से पिछले तीन महीने के औसत ब्लड ग्लूकोज लेवल का पता चल जाता है। इस टेस्ट में 5.7 प्रतिशत से कम ब्लड ग्लूकोज लेवल को नॉर्मल माना जाता है तो वहीं 5.7 से 6.4 प्रतिशत के रेंज में प्रीडायबिटिक लोग आते हैं। इस टेस्ट में डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति का ब्लड ग्लूकोज लेवल 6.5 प्रतिशत से ज्यादा आता है। इन बिटवीन रेंज में ब्लड ग्लूकोज लेवल आने पर डॉक्टर्स टेस्ट रिपीट करने की सलाह देते हैं।

कौन सा टेस्ट सबसे बेस्ट होता है?

                                                 

डायबिटीज का पता लगाने के लिए सबसे बेस्ट टेस्ट के बारे में करें तो डॉक्टर्स ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (ओजीटीटी) की सलाह देते हैं। हालांकि, डॉक्टर्स तीनों टेस्ट करवाना सबसे बेस्ट बताते हैं, जिससे मरीज को खाली पेट से लेकर खाने के बाद और तीन महीने के औसत ब्लड ग्लूकोज लेवल के बारे में उन्हें पूरी जानकारी मिल सके।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।