महिलाओं का स्वास्थ्य      Publish Date : 30/08/2024

                                 महिलाओं का स्वास्थ्य

                                                                                                                 Dr. Divyanshu Sengar and Mukesh Sharma

महिलाएं हमारे समाज का एक अभिन्न अंग हैं इसलिए महिलाओं की चिंता सभी को होनी चाहिए। पर अक्सर देखा गया है कि घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच महिलाएं अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देती है। जब कि पुरुषों की तुलना महिलाओं की स्वास्थ्य (womens health) से जुड़ी परेशानियां काफी जटिल होती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों (women health issues) की बात करें, तो पुरुषों की तुलना में ये काफी भिन्न होती है। इसकी वजह महिलाओं और पुरुषों के शरीर में पाई जानी वाली जैविक और लिंग संबंधी भिन्नताएं हैं। इसी के आधार पर हम महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों (common womens health issues) को कई तरह से समझ सकते हैं। जैसे कि- 

स्तन कैंसर - Breast Cancer

                                                                

स्तन कैंसर महिलाओं में बड़ी तेजी से फैल रहा है। ये एक पूरी वैश्विक महिला आबादी को प्रभावित कर रहा है और ये स्थिति दिन पर दिन और खराब होती जा रही है।  स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं में विकसित होता है। ये आमतौर पर कैंसर लोब्यूल्स या स्तन के नलिकाओं में बनता है, जो एक दूध का उत्पादन करती हैं। स्तन कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि आपको इसके लक्षणों के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए जिससे की आप इसके लक्षणों को तुरंत पहचान कर समय पर इलाज करा सकें। कई महिलाओं को इसे लेकर जागरूकता की कमी होती है ऐसे में जरूरी है कि महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों से वाकिफ करवाया जाए।

यूटरस कैंसर- Uterus Cancer

                                                                  

यूटरस कैंसर निचले गर्भाशय में होता है और इसकी शुरुआत फैलोपियन ट्यूब से होती है । इसके कारण महिलाओं को गर्भाशय का कैंसर होने पर अनियमित ब्लीडिंग और डिस्चार्ज के साथ पेड़ू या पेल्विक (जननांग से ऊपर का हिस्सा) में दर्द भी हो सकता है। 

पीरियड्स और मेनोपॉज - Periods and Menopause

                                                          

पीरियड्स और मेनोपॉज दोनों ही स्थितियां महिलाओं के स्वास्थ्य का सबसे गंभीर मुद्दा है। पीडियड्स का दर्द, पीरियड्स क्रैंप्स (period cramps) और असंतुलित पीरियड्स ज्यादातर महिलाओं को परेशान करती है। इसके अलावा पीरियड्स का अंत यानी कि मेनोपॉज में भी महिलाओं को काफी परेशानी हो सकती है।

यौन समस्याएं - Sexually Transmitted Diseases

योनि के मुद्दे भी यौन समस्याओं (एसटीडी) या प्रजनन पथ के कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का संकेत दे सकते हैं। ऐसे में जरूरी ये है कि महिलाएं अपने वैजाइनल हेल्थ (vaginal health) का खास ख्याल रखें और किसी भी तरह के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

गर्भावस्था से जुड़े मुद्दे - Pregnancy

                                                          

गर्भावस्था महिलाओं के स्वास्थ्य से बड़ी गहराई से जुड़ा हुआ है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और पहले से मौजूद स्थिति खराब हो सकती है, जिससे एक मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। इसी तरह अस्थमा, डायबिटीज (gestational diabetes) और अवसाद (depression in pregnancy) गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इस दौरान इन चीजों का भी ध्यान रखें। इसके अलावा महिलाओं को एनीमिया की परेशानी  (anemia in pregnancy) भी हो सकती है। 

दिल की बीमारी - Heart Disease in Women

                                                          

हृदय रोग महिलाओं में हर चार में से एक मौत का कारण बनता है। हालांकि, लोगों का मानना है कि हृदय रोग सिर्फ पुरुषों का ज्यादा होता है, तो ऐसा नहीं है। यह स्थिति पुरुषों और महिलाओं को लगभग समान रूप से प्रभावित करती है। फिर भी, 54 प्रतिशत महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण देखी जाती हैं। इनमें हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल या धुएं के कारण होने वाले दिल से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं। साथ ही पीरियड्स के खत्म हो जाने के बाद यानी कि मेनोपॉज में भी महिलाओं को दिल से जुड़ी बीमारियों (heart problems in menopause) का खतरा होता है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।