खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए बाजरा      Publish Date : 30/08/2024

खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए बाजरा 
“मानीवय पोषण में उपयुक्त किसी भी पोषक तत्व की कमी कुपोषण की स्थिति पैदा करती है। देश में लगभग 43 प्रतिशत तथा राजस्थान में 51 प्रतिशत कुपोषण की स्थिति व्याप्त है। कुपोषण को दूर करने के लिए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के साथ-साथ आय के स्रोत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। मोटें अनाजो में बजारा में बाजरा इस समस्या के लिए बेहतरीन विकल्प है। बाजरा में प्रोटीन, ऊर्जा, विटामिन एवं खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। इसका नियमित सेवन कुपोषण, एनिमिया, कब्ज, मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप को नियन्त्रित करने में लाभकारी है। इसके साथ ही इसके मुल्य सवंर्धित उत्पाद बना कर इसको अधिक लोकप्रिय बनाने की भी जरूरत है। अपने आहार में बाजरा के अलग-अलग उत्पाद शामिल करके लौह तत्व की कमी को दूर किया जा सकता है।” 
भारत, बाजरा  का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश में की जाती है। इसे कम सूखे क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। बाजरा में उच्च तापमान झेलने की क्षमता होती है। यह सभी प्रकार की मृदा में उगाया जा सकता है।  इस फसल को पकने में कम समय लगता है और 65 दिनों में यह तैयार हो जाती है। इसका भड़ारण यदि ठीक से किया जाए, तो बीज को दो-तीन वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। भारत में इसके दाने का प्रयोग मानव आहार के रूप मे किया जाता है। फसल के बचे भाग का प्रयोग चारा, ईंधन तथा निर्माण कार्याें में किया जाता है। यद्यपि बाजरा को मोटा अनाज कहा जाता है, लेकिन पोषक तत्वों से समृद्ध होने के कारण इस अनाज को न्यूट्री मिलेट/ न्यूट्री सीरियल की संज्ञा दी गयी है। यदि बाजरा के मूल्य सवंर्धित उत्पाद घर व बाजार में आसानी से उपलब्ध होने लग जाए, तो पोषण की दृष्टि से बाजरा को आहार में मुख्य स्थान दिया जा सकता है। पंरपरागत तरीके से ग्रमीण क्षेत्रों में बाजरा के कुछ ही व्यंजन बनाये जाते है। जैसे-रोटी, चूरमा, राबड. इत्यादि। इसके साथ ही इसके मूल्य सवंर्धित उत्पाद आय सृजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 
  बाजरा के मूल्य सवंर्धित उत्पाद 

बाजरा बिस्किट 
सामग्रीः बाजरा आटा-100 ग्राम, गेहूं आटा-100 ग्राम, घी-80 ग्राम, चीनी (पिसी हुई)-50 ग्राम, नमक-3.5 ग्राम, दूध-लगभग 40-100मि.ली., बेकर्स अमोनिया-2 ग्राम,मीठा सोडा-2 ग्राम, बेकिंग पाउडर-1 ग्राम
विधिः बाजरा, आटा एवं गेहूं के आटे में नमक, बेकर्स अमोनिया, मीठा सोडा, बेकिंग पाउडर डालकर दो-तीन बार अच्छी तरह छान लेते है। घी एवं चीनी को हल्का होने एवं  फुलावट आने तक फेंटंे। इस फेंटंे हुए मिश्रण में आटे का मिश्रण मिलाकर दूध के साथ नरम आटा गूंथ लें। इसे आधा इंच मोटी तह के रूप में काट लें। पहले से गरम किये हुए ओवन में 160 डिग्री सेल्सियस पर 25-35 मिनट तक भूरा होने तक बेक कर लें।
पोषक तत्व/100 ग्राम 
ऊर्जाः 348 किलो  कैलोरी
प्रोटीनः 3.95 प्रतिशत 
लौह तत्वः 3.2 मि.ग्रा.  
 
सारणीः बाजरा के पोषक तत्व
नमी    8.97 प्रतिशत
प्रोटीन    10.96 प्रतिशत
खनिज लवण    1.37 प्रतिशत
वसा    5.43 प्रतिशत
रेशा     11.49 प्रतिशत
कार्बोहइड्रेटस    61.78 प्रतिशत
ऊर्जा    1456 जूल
फॉलेट    36.11 माइक्रोग्राम
आयरन    6.42 मि.ग्रा.
कैल्शियम    27.35 मि.ग्रा.

  बाजरा नमकीन 
सामग्रीः बाजरा दाना-100 ग्राम, नमक-100 ग्राम, चाट मसाला-5 ग्राम,
विधिः कड़ाही में नमक को तेज आंच पर गर्म करें। इसके बाद इसमें बाजरा दाना डालकर चलायें। लगातार दो मिनट चलाकर छानकर इसे प्लेट में निकाल लें। फुले हुए बाजरा दाने को ठड़ा करके चाट मसाला मिलाकर वायुरोधी डिब्बे में संरक्षित करें 
पोषक तत्व/100 ग्राम 
ऊर्जाः 109 किलो  कैलोरी
प्रोटीनः 9.1 प्रतिशत 
लौह तत्वः 5.2 मि.ग्रा.  

बाजरा टिक्की
   सामग्रीः बाजरा आटा-300 ग्राम, गुड़-200 ग्राम, नारियल बुरादा-30 ग्राम, तिल-50 ग्राम, इलायची पाउडर-2 ग्राम, पानी-100 मि.ली. (आट गूथने के लिए) तेल तलने के लिए 
 
विधिः गुड़ को पानी में घोल लें। बाजरा आटा, नारियल बुरादा, तिल  एवं इलायची पाउडर को मिलाकर गुड़ वाले पानी से सख्त आटा गूंथ लें। इसके बाद आटे कि छोटी-छोटी  लोइयां बना लें हथेली पर तेल लगाकर लोई को हल्के हाथों से दबाकर  पतला कर लें। तेल गरम करके धीमी आंच पर भूरा होने तक सेंक लें। ठंड़ा करके हवाबन्द डिब्बे में संरक्षित करें। 
पोषक तत्व/100 ग्राम 
ऊर्जाः 439 किलो  कैलोरी
प्रोटीनः 4.2 प्रतिशत 
लौह तत्वः 4.8 मि.ग्रा.