WHO ने डाइट को लेकर जारी की गाइडलाइन      Publish Date : 27/08/2024

                 WHO ने डाइट को लेकर जारी की गाइडलाइन

                                                                                                                                        डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

 

बताया कि सेहत को अच्छी बनाए रखने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

                                                                     

WHO Food Guidelines: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक सेहत को अच्छी बनाए रखने के लिए खास तरह की डाइट को फॉलो करना चाहिए।

‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ के मुताबिक हेल्दी डाइट से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और डाइट अच्छी रखने से ही नॉनकम्यूनिकेबल बीमारियों का खतरा कम होता है। जैसे-  हेल्दी डाइट लेने पर शरीर में किसी तरह के पोषक तत्व की कमी नहीं होती है, साथ ही नॉनकम्यूनिकेबल बीमारियां जैसे डायबिटीज, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी बीमारियां भी कम होती हैं।  व्यक्ति का लाइफस्टाइस अगर अच्छा न हो तो उन्हें कई सारी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में WHO ने फूड गाइलाइंस जारी की है. इसमें बताया कि एक व्यक्ति को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

WHO के अनुसार हेल्दी डाइट चार्ट

                                                      

WHO ने फूड गाइडलाइंस जारी की है जिसमें एक वयस्क इंसान का खानपान, फल, सब्जियां, दाल और सूखे मेवे और मोटा अनाज चाहिए.

खानपान में रोजाना सब्जी खाना चाहिए. इसके साथ-साथ कच्ची सब्जियां और स्नैक्स खाना चाहिए. सीजनल मौसमी फल खाना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि कौन सी सब्जियां खाना चाहिए.

पूरे दिन में एक चम्मच नमक खाना चाहिए. खाने में आयोडाइज्ड नमक होना चाहिए.

खानपान में ट्रांस फैट्स खाने से बचना चाहिए. ट्रांस फैट्स मीट, बेक्ड और तली-भुनी चीजों, पहले से पैक किए हुए फूड्स जैसे फ्रोजन पिज्जा, पाई, कुकीज, बिस्कुट और वेफर्स वगैरह कम खाना चाहिए.

जिन चीजों को स्टीम और फ्राई करके खाया जाता है उन्हें ज्यादा फ्राई नहीं करना चाहिए. इससे सेहत को नुकसान पहुंचता है.

मक्शन और घी की जगह पर पॉलीसैचुरेटेड फैट्स वाले तेल का इस्तेमाल करना चाहिए. जैसे सोयाबीन, कनोला, कॉर्न और सूरजमुखी का तेल. इन तेलों को हेल्दी डाइड का हिस्सा बनाना चाहिए.

डॉनट्स और केक सेहत के लिए है नुकसानदायक

जरूरत से ज्यादा शुगर डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है.  साथ ही मोटापा भी बढ़ने लगता है. शुगर इनटेक को कम से कम करना चाहिए. इसके लिए कार्बाेनेटेड ड्रिंक्स, स्पॉर्ट्स ड्रिंक्स, रेडी टू ड्रिंक चाय और फ्लेवर्ड मिल्क का कम इस्तेमाल करना चाहिए.

डाइट में अनाज की मात्रा सीमित होनी चाहिए

                                                             

दूसरा बड़ा हिस्सा अनाज और बाजरा का है. इसके बाद दालें, मांस वाले खाद्य पदार्थ, अंडे, मेवे, तिलहन और दूध या दही आते हैं. एक थाली में 45 प्रतिशत तक अनाज होना चाहिए.  जबकि दालों, अंडे और मांस खाद्य पदार्थों के लिए, कुल ऊर्जा प्रतिशत लगभग 14 से 15% होना चाहिए।

30 प्रतिशत एनर्जी के लिए फैट होना चाहिए.  जबकि नट्स, तिलहन, दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स प्रति दिन कुल एनर्जी का 8-10 प्रतिशत होना चाहिए. हर रोज के डाइट में चीनी, नमक और फैट को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खानी चाहिए। खासकर प्रेग्नेंट महिला और जो महिलाएं ब्रेस्ट फ्रीडिंग करवाती है उन्हें ज्यादा से ज्यादा दूध, अंडे और मांस खाने की सलाह दी गई है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।