स्ट्रेसलैक्सिंग’ के कारण और बचाव      Publish Date : 25/08/2024

                      ‘स्ट्रेसलैक्सिंग’ के कारण और बचाव

                                                                                                                                                           डॉ0 आर. एस. सेंगर

वर्तंमान समय की दौड़ती भागती जिंदगी में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे किसी प्रकार का तनाव न हो। आज लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी कारण से तनाव में है। यदि कोई अपनी नौकरी को लेकर परेशान है, कोई अपने करिअर से दुखी है, तो कोई किसी अन्य कारण से तनाव में है। हालांकि कई बार लोग अपने आपको स्ट्रेस फ्री रखने की चाहत में और अधिक स्ट्रेस ले लेते हैं। चिकित्सा विज्ञान की भाषा में इसी स्थिति को ‘स्ट्रेसलेक्सिंग’ कहते है।

                                                        

तनाव को दूर करने के लिए शरीर को आराम की जरूरत होती है, लेकिन कई बार हम आराम करने के विभिन्न तरीके अपनाकर पहले से अधिक तनावग्रस्त हो जाते हैं। यह स्थिति हमारी चिता को बढ़ा देती है और तनाव कम होने के बजाय बढ़ जाता है। इसका हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और हम चिंता, तनाव और अवसाद के मकड़जाल में फंसते चले जाते हैं।

हम इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं। हम तनाव को दूर करने के लिए ऑफिस से छुट्टी लेते हैं या फिर खुद को किसी मनोरंजन के कार्यक्रम या गतिविधि में व्यस्त कर लेते हैं। क्योंकि हम सोचते हैं कि यदि हम व्यस्त रहेंगे तो तनाव हमसे दूर रहेगा। लेकिन दूसरी गतिविधियों में खुद को लगाने से रोजमर्रा के कामकाज न हो पाने की चिंता मन को सताने लगती है या ऑफिस से बेवजह ‘छुट्टी लेने से काम पेंडिंग होने का ख्याल आते ही तनाव होने लगता है। इस तरह से हम अपने आपको स्ट्रेस फ्री नहीं होने देते हैं। नतीजतन, हम पहले से ज्यादा तनाव में आ जाते हैं। यही स्ट्रेसलैक्सिंग की स्थिति होती है। इस स्थिति में हम जितना स्ट्रेस फ्री रहने का प्रयास करते हैं, उतना ही स्ट्रेसलैक्सिंग का शिकार होते जाते हैं।

हालांकि इस स्थिति से बचना मुश्किल नहीं है। इस तरह की समस्या से ग्रस्त लोग अगर कुछ खास तरीकों को अपनाएं तो वे अपने तनाव को कम कर सकते हैं। अगर हम अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच एक सामंजस्य बनाकर रखें तो ऐसी समस्या कम हो सकती है। जब आप किसी काम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा देते हैं तो पर्सनल स्पेस में किसी तरह का स्ट्रेस फ्रील नही करते हैं।

                                                                

निकालें खुद के लिए थोड़ा-सा वक्त

हम खुद को बस इसलिए आराम नहीं पहुंचा पाते, क्योंकि हमें हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि हमने जो काम छोड़ा है, वह कैसे होगा। खुद को आराम पहुंचाने के लिए हमे कुछ समय अपने साथ व्यतीत करना चाहिए।

24 घंटे आराम करना

                                                             

यह कभी संभव नहीं है, इसलिए अपने लिए अगर आप लिए बस एक या दो घंटे का भी वक्त निकालते हैं तो आप खुद को आराम पहुंचा सकते हैं और इसके लिए आपको अपने काम को भूलने की भी कोई जरूरत नहीं है। आप अपने काम को करते वक्त भी खुद को आराम पहुंचा सकते हैं।

फील नहीं करते हैं। इसलिए जब आप छुट्टी पर हों तो ऑफिस के काम के बारे में न सोचें। तनावमुक्त रहना है तो कुछ समय के लिए वही बातें सोचें, जिनसे आपको खुशी मिलती है। खुद को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए रोजमर्रा के काम या ऑफिस के काम को पहले ही निपटा लें। अगर बहुत जरूरी न हो तो आगे के लिए टाल दें, ताकि आप अपने लिए पर्याप्त समय निकाल सकें। मेडिटेशन से भी तनाव कम होता है, ऐसे में पूरे दिन में इसके लिए भी समय जरूर निकालें।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।