अपने बच्चे को कैसे रखें स्वस्थ्य और सेहतमंद Publish Date : 24/08/2024
अपने बच्चे को कैसे रखें स्वस्थ्य और सेहतमंद
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मां
छोटे बच्चों के लिए प्रत्येक मां-बाप परेशान रहते है और खासतौर पर बच्चे की मां अधिक परेशान रहती है कि किस तरह से उसका बच्चा सेहतमंद बने। मां का दूध शिशु के लिए आदर्श भोजन कहा जाता है, यह संतुलित स्वच्छ और सुरक्षित होता है। इसमें वह एंटीबायोटिक पाए जाते हैं जो समान रूप से बच्चों में होने वाली बीमारियों से उनकी रक्षा करते हैं। यह जीवन के प्रारंभिक माह ही नहीं, बल्कि आगे भी बच्चों की सेहत के लिए रक्षा कवच बनता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो मां का दूध बच्चों के जन्म के पहले वर्ष की दूसरी छमाही में पोषण जरूरत का आधा या अधिक और जीवन के दूसरे वर्ष के दौरान एक तिहाई तक पूरा करता है, इसलिए बच्चों के स्वस्थ और जीवन को सुनिश्चित करने के लिए स्तनपान कराना बहुत जरूरी है।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
- स्तनपान करने वाली महिलाओं में स्तन और डंप ग्रंथि के कैंसर का जोखिम भी कम होता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्तनपान करने वाले बच्चों की बुद्धिमता अच्छी होती है और वह आगे चलकर बेहतर प्रदर्शन करते हैं। ऐसे बच्चों में वजन बढ़ाने या मोटापे की आशंका भी कम होती है और उनमें भविष्य में मधुमेह रेाग से ग्रस्त होने की आशंका भी कम रहती है।
जबकि स्तनपान नहीं करने वाले बच्चों में भविष में मोटापा बढ़ने की आशंका इसलिए भी अधिक होती है क्योंकि उन्हें बाहर से उपलब्ध होने वाला बसायुक्त दूध, चीनी मिलाकर दिया जाता है, जबकि 1 वर्ष तक बच्चों को चीनी नहीं देनी चाहिए।
इस बात पर ध्यान दें की जन्म से एक वर्ष तक बच्चों को अलग से मीठा या नमक नहीं देना चाहिए। यदि मीठा बाहर से देना हो तो आप उन्हें मुनक्के का पानी दे सकते हैं, पर चीनी तो कतई भी न दें।
मां का दूध कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित होता है क्योंकि बच्चा उसे आसानी से पचा पाता है। यदि जन्म के समय से ही बच्चा कमजोर है और उसे बाहरी दूध दिया जाता है तो वह उसे पचा नहीं पता और बच्चे मे कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है।
स्तनपान से बच्चों को संतुलित पोषण मिलता है। यह कुपोषण से उसका बचाव करता है परन्तु डब्लयू एच ओ की सिफारिश के विपरीत 6 महीने से कम उम्र के आधे से भी कम शिशुओं को स्तनपान कराया जाता है, यह एक चिंता का विषय है।
स्तन में दूध की उचित मात्रा बनती रहे इसके लिए माता को संतुलित भोजन के साथ उचित मात्रा में द्रव का सेवन भी करते रहना चाहिए।
यदि जन्म के बाद मां के स्तन में दूध कम आ रहा है या बच्चा ठीक से स्तनपान नहीं कर पा रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इन समस्याओं का निराकरण कराना चाहिए, क्योंकि एक स्वस्थ शिशु के लिए यह बहुत जरूरी है कि उसकी माँ भी स्वस्थ रहे और शिशु भी सेहतमंद बना रहे।
लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां जिला अस्पताल मेरठ के मेडिकल ऑफिसर हैं।