बरसात के मौसम में शरीर में फंगल इन्फेक्शन को कैसे करें नियंत्रित Publish Date : 08/08/2024
बरसात के मौसम में शरीर में फंगल इन्फेक्शन को कैसे करें नियंत्रित
डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मां
बरसात के मौसम में अक्सर पैरों में फंगल इन्फेक्शन, त्वचा और नाखून की शिकायत हो जाती है। इस मौसम में फंगस के पनपने का एक बड़ा कारण है वातावरण में मौजूद नमी और पानी की वजह से फंगल इंफेक्शन ज्यादा बढ़ता है। फंगल नाखून इन्फेक्शन यानी आर्मीकोमाइटोसिस होने पर नाखूनों का रंग भूरा, पीला या सफेद पड़ जाता है जिससे उनकी चमक कम हो जाती है और वह कमजोर होकर टूटने लगते हैं।
बरसात के दिनों में सड़कों पर जल भराव और कीचड़ रहती है, गंदे पानी में पैरों के भींगने पर इंफेक्शन हो सकता है। पैरों की त्वचा का इन्फेक्शन यानी एथलीट फुट एक तरह का स्किन इन्फेक्शन ही होता है जिससे बहुत से लोग पीड़ित होते हैं। इससे पैरों में खुजली और जलन के साथ दाने भी हो जाते हैं तथा साथ ही त्वचा पर पपड़ी आने लगती है। यह इंफेक्शन होने पर पैरों से दुर्गंध भी आती है और अगर इंफेक्शन पर के नाखूनो तक फैल जाए तो नाखूनों के आसपास सूजन आने से दर्द होता है।
इसका सही समय पर इलाज न कराया जाए तो यह गंभीर बीमारी बन सकती है। इसकी वजह से पैरों में गलन, खुजली, लाल दाने और फोड़े फुंसी होने लगते हैं। जिन लोगों का घर से बाहर निकलना आवश्यक है उन्हें पैरों को फंगल इंफेक्शन से बचाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में वह पैरों को भीगने से बचाने के लिए बंद जूते पहनते हैं। जूते भीगने से उनके मौजे भी भीग जाते हैं। जब पर लंबे समय तक गीले मौजे या जूते के संपर्क में रहते हैं तो उनकी त्वचा बहुत मुलायम हो जाती है जो इन्फेक्शन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है।
इससे मैकेरशन भी हो सकता है, जिससे पैरों की त्वचा पर झुर्रियां पढ़ सकती हैं या वह पीली हो सकती है साथ ही कमजोर होकर टूटने लगती हैं। इस स्थिति में बैक्टीरिया और फंगल का खतरा बढ़ जाता है। अगर पहले से ही पैरों पर खुले घाव या कट या छाले हैं तो इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है।
फंगल इंफेक्शन से कैसे करें बचाव
पैरों को रोजाना साफ पानी और एंटी बैक्टीरियल साबुन से धोएं और धोने के बाद पैरों को अच्छी तरह सुखाएं। उंगलियों के बीच नामी नहीं रहनी चाहिए क्योंकि वहां फंगस और बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं। फंगस, नाखून के अंदर भी जम सकता है इसलिए नाखूनों को छोटा और साफ रखना चाहिए। बरसात में पैर गीले हो जाए तो जितनी जल्दी हो सके जूते और मौजे बदलें।
इस मौसम में बंद जूते के बजाय सैंडल या स्लिप फ्लॉप पहने, यह पैरों पर आने वाले पसीने और नमी को रोकने में मदद करते हैं। इसके अलावा इन जूते से पानी भी आसानी से बाहर निकल जाता है जिससे फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है।
पैरों को सुखाकर लगाये नारियल का तेल
डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर मेडिकल ऑफिसर ने बताया पैरों की त्वचा में दो सुरक्षात्मक परतें होती हैं। इनमें एक फिजिकल सुरक्षा परत है जिसमें डेड सेल की परत होती है, यह परत फंगस और बैक्टीरिया को त्वचा में अंदर जाने से रोकती है तथा दूसरी परत केमिकल सुरक्षा परत है इसमें त्वचा के अंदर नेचुरल ऑयल होते हैं जो एक परत बनाकर इन्फेक्शन को रोकते हैं।
पैरों की त्वचा जब देर तक गीली रहती है तो डेड सेल और नेचुरल ऑयल दोनों खत्म हो जाते हैं जिससे इंफेक्शन हो सकता है। इससे बचने के लिए आप पैरों पर नारियल तेल लगा सकते हैं। इससे पैर अधिक गीले होने से बचेंगे साथ ही इंफेक्शन होने पर इसका उपचार जल्द ही कराना चाहिए। क्योंकि यह शरीर के अन्य अंगों तक भी फैल सकता है। इसलिए ज्यादा लापरवाही ठीक नहीं होती समय से आप अपना इलाज कराकर फंगल इन्फेक्शन को नियंत्रित कर सकते हैं।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।