आज के दौर की एक गम्भीर समस्या हाई ब्लड प्रेशर      Publish Date : 07/08/2024

                 आज के दौर की एक गम्भीर समस्या हाई ब्लड प्रेशर

                                                                                                                                                                      डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मां

आज जिसे देखो वह 'हाई ब्लड प्रेशर' की दवा ले रहा है। 'क्या पुरुष क्या 'स्त्री' यहां तक कि बच्चों में भी ये रोग पाया जाने लगा है। यह आधुनिक जीवनशैली की देन है। आज पैसा है, ऐशोआराम है, तेज गति का जीवन है। सुविधाओं का अंत नहीं, आंखें चुधियाती चकाचौंध है, गलाकाट प्रतियोगिताओं की मारामारी और है प्रकृति के नियमों का अविवेकपूर्ण उल्लंघन। ऐसे में सुकून ही एक ऐसी नागाव वस्तु है जिसकी चाह हर एक को है लेकिन यह जीवन से लुप्त हो चला है।

                                                                                

मशहूर हृदयरोग विशेषज्ञ डॉक्टर विमल इन्जर के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण स्ट्रेस है। जैसे ही व्यक्ति सुकून से भरा होता है, लड प्रेशर नीचे आ जाता है। कम कार्य हो, समय का दबाव न हो एक सुखी संतुष्ट पारिवारिक जीवन हो, निन्यानवे का फेर न हो, व्यक्ति अहम् से बौराया न हो और ईश्वर में आस्था हो, वहीं हाई ब्लड प्रेशर के लिये सबसे अच्छा यानी कि बेस्ट प्रेस्क्रिप्शन है।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण

                                                        

असमंजसता, कनफ्यूजन और मकान, उल्टी जैसी फीलिंग और पेट की गड़बड़ी, दृष्टि में बदलाव या समस्या अत्यधिक पसीना आना, पीलापन या ललाई नाक से खून आना, बेचैनी (नर्वसनेस), धड़कन का तेज वा असामान्य होना, कानों में घंटी सी बजना, इम्पोटेंस, सिरदर्द, सिर घूमना, चक्कर से आना आदि।

एक पोषक डायट

                                                       

एक पोषक डायट का मतलब है, डायटरी एप्रोचेज टू स्टॉप हाइपरटेंशन, यानी कि हाई ब्लड प्रेशर को रोकने के लिए अपनी डायट को ठीक रखना। इसमें जो डायट का सुझाव दिया जाता है वह है अनाज, दाल, फल, सब्जी और कम वसायुक्त डेयरी प्रॉडक्ट्स, डबल टोन्ड मिल्क या चिकनाई हटाकर दूध से बनी चीजें। पोषक डायट लेने से आपका ब्लड प्रेशर मेंटेन रहेगा और आपका कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लाइसेरिड लेवल मेंटेन रहेगा।

आपके शरीर का वजन मेंटेन रखने में ये सहायक होगा और आपके रक्त में ग्लूकोज लेवल मेटिन रहेगा। अस्थियों के रोग से बचाव होगा। फ्रेश डायट में कम वसायुक्त डेयरी प्रॉडक्ट्स जो कैल्शियम युक्त होते हैं, शामिल हैं। ये हाई ब्लड प्रेशर को कम करते हैं। विभिन्न स्टडीज से पता चलता है कि भरपूर कैल्शियम लेने से हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है।

ब्लड प्रेशर नॉर्मल रखने के लिए ध्यान रखें

                                                               

  • सर्वप्रथम खाने में नमक की मात्र कम कर दें। दाल या सब्जी में अतिरिक्त नमक न डालें। सलाद में नमक की बिलकुल जरूरत नहीं होती। पापड़, अचार, चटनी, प्रोसेस्ड फूड आदि से परहेज करें।
  • जैसा कि ऊपर लिखा गया है हाई ब्लड प्रेशर में कैल्शियम मुफीद है, इसलिए कम से कम 800 मिलीग्राम कैल्शियम अवश्य लें। यह तीन कप दूध से प्राप्त हो जाता है।
  • लहसुन की 3-4 कलियां प्रतिदिन लेने से भी ब्लड प्रेशर ठीक रहता है।
  • प्रतिदिन 20 ग्राम फाइवर लेने से कोलेस्ट्रॉल में भी कमी आती है और बी पी भी घटता है। आहार में फाइबर, चोकर वाले आटे की रोटी, दाल, फल जैसे सेब, आम, केले, आडू इत्यादि तथा ओटमील दलिया कॉर्न से प्राप्त हो सकता है। अपने आहार में विटामिन सी की मात्र बढ़ाएं। यह अमरुद, आंवला, हरी मिर्च, टमाटर तथा खट्टे फलों में पाया जाता है। बीपी कम करने के लिए विटामिन सी की टेबलेट भी ली जा सकती है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।