हार्ट अटैक से जान बचाने में नई डिवाइस करेगी मदद Publish Date : 03/08/2024
हार्ट अटैक से जान बचाने में नई डिवाइस करेगी मदद
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मां
आईआईटी कानपुर के इंजीनियरिंग और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के जीएम लखनऊ के चिकित्सकों ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो हार्ट अटैक की स्थिति में कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन सीपीआर देने में सहायता करती है। इसकी मदद से जाना जा सकता है कि हृदय पर सीपीआर का कितना असर हो रहा है कितना अधिक या कम दबाव देने की जरूरत कितनी देर तक है। डिवाइस की मदद से सीपीआर देने का तरीका भी सीख जा सकता है।
यह डिवाइस जल्दी तय करेगी कि कौन कंपनी इसका उत्पादन करेगी। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल बायो डिजाइन सिनजाइर्जिंग हेल्थ केयर इन्नोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप एस आई बी शाइन ने हृदय रोगियों को ध्यान में रखकर सीपीआर डिवाइस तैयार की है। इसकी मदद से हृदय रोगियों को आघात की स्थिति में उनके पास शिकायत कर सकते हैं। हृदय घात के मामले में शुरुआती डेढ़ मिनट सबसे अहम होते हैं। जब सीपीआर देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है।
सब साइन के फेलो सदस्य आदित्य राज भाटिया के अनुसार हार्ट अटैक के मरीज के मामले में अक्सर देखा गया है कि सीपीआर देने का तरीका ठीक नहीं होता है, जिससे मरीज को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए डिवाइस की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में सीपीआर की सुविधा हासिल हो सकेगी। पैरामेडिकल क्षेत्र के साथ ही स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों को भी इसके प्रयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे आकस्मिक हालत में तुरंत रोगियों का उपचार किया जा सके। इस तरह की कोई अन्य डिवाइस अभी बाजार में उपलब्ध नहीं है।
उपकरण की क्या है विशेषता
रियल टाइम फीडबैक सही दबाव गहराई सुनिश्चित करता है। विशिष्ट प्रशिक्षण साधन सीपीआर सीखना सरल बनता है। तकनीकी एकीकरण अर्थात उन्नत सेंसर और ऑडियो मार्गदर्शन की सुविधा भी उपलब्ध है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में सीपीआर डिवाइस के प्रयोग की डिजिटल इमेज जो दिखाई गई है, उससे आने वाले समय में हार्ट अटैक से जान बचाने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां जिला अस्पताल, मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।