व्यायाम से कम होती है तंत्रिकाओं की क्षति      Publish Date : 04/07/2024

                     व्यायाम से कम होती है तंत्रिकाओं की क्षति

                                                                                                                                              Dr. Diyanshu Sengar and Mukesh Sharma

कैंसर उपचार के कारण होने वाली तांत्रिक क्षति के चलते प्राय: ऐसे लक्षण पैदा होते हैं जो जीवन भर बने रहते हैं। कुछ परिस्थितियों में दवाएं भी काम नहीं करती। शोधकर्ताओं ने पाया है कि तंत्रिका क्षति को सरल शारीरिक व्यायाम से रोका जा सकता है शोध का निष्कर्ष के ए एम ए इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। इस शोध का निष्कर्ष जेएएमए इंटर्नल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। इसे बेसल यूनिवर्सिटी के एक खेल वैज्ञानिक डॉक्टर फियोना स्ट्रेकमैन के नेतृत्व में जर्मन टीम द्वारा किया गया।

                                                                  

समय के साथ कैंसर चिकित्सा में भी प्रगति हुई है। कैंसर से ठीक होने के बाद केवल जीवित रहने के बारे में नहीं सोचा जा सकता, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से कीमोथेरेपी से लेकर आधुनिक इम्यूनोथेरेपी तक कई कैंसर उपचार ट्यूमर कोशिकाओं को लक्षित करने के साथ तंत्रिकाओं पर भी हमला करते हैं। ओक्सालिप्लेटिन या विंका अल्कालाइड्स जैसे कुछ उपचार में 70 से 90% रोगी दर्द, संतुलन संबंधी समस्याओं या सुन्नता, जलन या झुनझुनी की शिकायत करते हैं। यह लक्षण रोगी को काफी दुर्बल कर सकते हैं।

                                                              

यह बाद के कैंसर उपचार से गायब हो सकते हैं, लेकिन करीब 50% रोगियों में क्रॉनिक हो सकते हैं। विशेषज्ञ इसे कीमोथेरेपी प्रेरित पेरीफेरल न्यूरोपैथी अथवा शॉर्ट में CPIEN कहते हैं। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में 158 Cancer मरीजों को शामिल किया। जिसमें पुरुष और महिला दोनों थे, जिन्होंने ओक्सालिप्लेटिन या विंका अल्कालाइड्स में से कोई एक दवा ली थी। कीमोथेरेपी के दौरान इसमें से दो समूह के लोगों ने सप्ताह में दो व्यायाम सत्र में भाग लिया, जो 15 से 30 मिनट का था। जबकि तीसरे समूह ने केवल मानक उपचार लिया।

शोधकर्ताओं ने 5 वर्ष के परीक्षण में पाया कि जिन्होंने व्यायाम नहीं किया उनकी अपेक्षा व्यायाम करने वाले समूह के लोगों में तंत्रिका क्षति 50 से 70% कम हुई।

Writer: Dr. Divyanshu Sengar, medical officer of Hans Hospital Meeurt.