नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी की पहचान एवं संकेत

                         नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी की पहचान एवं संकेत

                                                                                                                                                                           डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

हम शरीर के बहुत से संकेत को अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं। हालांकि, यह खतरनाक भी साबित हो सकता है। यदि किसी को अनिद्रा, एकाग्रता में कमी, मांसपेशियों में तनाव और कमजोरी जैसी समस्या है तो उसे इसका समय रहते ही उपचार करा लेना चाहिए, अन्यथा यह समस्या उग्र रूप भी धारण कर सकती है।

शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए तंत्रिका तंत्र नर्वस सिस्टम का सुदृढ़ होना बहुत ज़रूरी है। तंत्रिका तंत्र शरीर के लगभग सभी कार्यों जैसे सांस लेना, हिलना-डुलना और याददाश्त आदि के लिए ज़िम्मेदार होता है। इसके अलावा यह शरीर के विभिन्न भागों के बीच संकेतों और सूचनाओं के आदान-प्रदान का भी कार्य भी करता है। लंबे समय तक तनाव और नींद की कमी तंत्रिका तंत्र को खराब कर सकती हैं। खराब या असंतुलित तंत्रिका तंत्र के कई मानसिक और शारीरिक लक्षण हो सकते हैं।

                                                             

असंतुलित तंत्रिका तंत्र के लक्षण -

1. एकाग्रता की कमी होना

तांत्रिक तंत्र असन्तुलित होने की स्थिति में आपका दिमाग हमेशा अपने आपको थका हुआ महसूस करता है और आपको उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है, जिनमे पहले आपकी रुचि थी। जिसके चलते आपके लिए निर्णय लेना या स्पष्ट रूप से सोचना मुश्किल हो जाता है।

2. नींद में कमी आना

एक स्वस्थ शरीर के लिए कम से कम 7 से 9 घंटे नींद जरूरी होती है। यदि आप पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो यह आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। नींद की यह कमी आपकी थकान को बढ़ाने का करती है।

3. मांसपेषियों में तनाव और कमजोरी

यदि आपको लगता है कि आपकी मांसपेषियाँ थकी हुई हैं और आपके षारीरिक मूवमेंट करने में परेषानी हो रही है या हाथों की उंगलियों और पैरों में सुन्नपन महसूस होता है, तो समझ जाइए कि आपके तंत्रिका तंत्र में कुछ समस्या है।

4. चिड़चिड़ापन

यदि आप अपने आपको अक्सर चिड़चिड़ा महसूस करते हैं। अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में परेशानी होती हैं। बिना किसी कारण के उदास और चिंतित रहते हैं। शरीर में हमेशा बेचैनी बनी रहती है। जिसके चलते आपको लगातार कुछ न कुछ करने की ज़रूरत महसूस होती है। आपको स्थिर नहीं बैठ पाते।

5. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

तंत्रिका तंत्र के असंतुलित होने पर व्यक्ति को अक्सर दोहरी दृष्टि का अनुभव होता है। दृष्टि धुंधली हो जाती है। किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने में व्यक्ति को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

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6. पाचन संबंधी समस्याएं

तंत्रिका तंत्र असंतुलित होने पर कब्ज और दस्त जैसी पाचन सम्बन्धित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा आपको पेट फूलने का भी अनुभव भी हो सकता है। स्वस्थ तंत्रिका तंत्र पाचन और मल त्याग को विनियमित करता है। तंत्रिका तंत्र के अव्यवस्थित होने पर व्यक्ति को पेट की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।

असंतुलित तंत्रिका तंत्र के उपचार के तरीके

असंतुलित तंत्रिका तंत्र के उपचार के कई तरीके प्रचलन में हैं। जैसे नियमित ध्यान, उचित नींद लेना और व्यायाम करना। योग और मालिश करवाने से भी लोगों को अपने शरीर के साथ तालमेल महसूस करने में मदद मिलती है। हालाँकि, अगर आप लंबे समय तक सुन्नपन और दोहरी दृष्टि जैसे गंभीर शारीरिक लक्षणों से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं बिना देरी किये।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, हंस हॉस्पिटल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।