यदि आप रात में नींद से उठकर खाते हैं तो ऐसा ना करें

                  यदि आप रात में नींद से उठकर खाते हैं तो ऐसा ना करें

                                                                                                                                                                              डॉ0 दिव्यांशु सेंगर

हमारे आसपास के कई लोगों की ऐसी आदत होती है कि वह रात में नींद से उठते हैं और कुछ खाते हैं और फिर से सो जाते हैं। आमतौर पर रात में खाने के इस आदत को लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह कोई सामान्य स्थिति नहीं है। इसके सम्बन्ध में मेडिकल साइंस कहता है कि यह आदत, एक विकार है जिसे नाइट ईटिंग सिंड्रोम कहा जाता है।

                                                                                   

नाइट ईटिंग सिंड्रोम के विकार से ग्रसित लोगों को वजन बढ़ाने के साथ ही साथ मोटापा डायबिटीज और हार्ट डिजीज होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इस विकार में मीठी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीज खाने का मन लगातार बना रहता है और लोग काफी मात्रा में इसको खाते भी है। अगर कोई व्यक्ति नाइट ईटिंग सिंड्रोम विकार से ग्रस्त है तो उसे ऐसा लग सकता है कि अगर वह खाना नहीं खाएगा तो वह सो नहीं पाएगा।

आधी रात को खाने की इच्छा पर उसका कोई नियंत्रण नहीं रहता है। नाइट ईटिंग सिंड्रोम विकार से पीड़ित कई लोगों में अवसाद के लक्षण भी विकिसत हो जाते हैं। ऐसा देखा गया है कि अगर परिवार में पहले भी कोई सदस्य इस विकार से पीड़ित है तो यह समस्या आगे चलकर दूसरों में भी हो सकती है यानी कि यह एक आनुवांशिक विकार है। औसतन देखा जाए तो लगभग 100 में से एक व्यक्ति को नाइट ईटिंग सिंड्रोम होता है।

                                                                      

साामान्य तौर पर इससे बचने के लिए अपने बेडरूम के तापमान को आरामदायक रखें और हर दिन एक ही नियत समय पर सोने की कोशिश करें। सोने से पहले कैफीन और इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल उपकरणों से बचकर रहे क्योंकि यदि आप इनका उपयोग ज्यादा करेंगे तो निश्चित रूप से आपके शरीर को नुकसान होगा और स्थिति गंभीर हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें और नाइट ईटिंग सिंड्रोम से बचकर रहें।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, हंस हॉस्पिटल मेरठ के मेडिकल ऑफिसर हैं।