फालसा खाने से कई रोग हो सकते हैं दूर      Publish Date : 06/06/2024

                    फालसा खाने से कई रोग हो सकते हैं दूर

                                                                                                                                                                                 डॉ0 आर. एस. सेंगर

                                                                                

फालसा में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ बीमारियों से भी हमारा बचाव करते हैं। गेहरा बैंगनी और लाल रंग का फल फालसा दिखने में बैर के जैसा होता है। भले ही यह बहुत छोटा हो लेकिन इस फल के कई बड़े-बड़े फायदे होते हैं। इस फल का इस्तेमाल पूर्ण औषधीय रूप में किया जाता है, इस फल का सेवन करने से प्रोटीन, अमीनो एसिड, विभिन्न विटामिन और खनिज आदि कें जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता की पूर्ती होती है।

फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण फलसा पाचन तंत्र को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में मददगार होता है। इसकी अतिरिक्त इसमें एंथोसाइएनिन फिनोलेक्स और फ्लेवरेट जैसे याेिगक होते हैं, जो कई मेटाबॉलिक बीमारियों से हमार बचाव करते हैं। इसके साथ ही यह हृदय से जुड़ी कई समस्याओं से भी निजात दिलाने में मदद करते हैं।

                                                                          

फालसा में विटामिन सी और अन्य महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट्स उपलब्ध होते हैं, जो एंटी एलर्जिक सब्सट्रेट की तरह कार्य कर त्वचा को निरोगी बनाने में सहायता करते हैं। यह तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाते हैं। फालसा में एनालॉग एनाल्जेसिक और सूजन रोधी गुण पाए जाते हैं, जिससे आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों में राहत मिलती है। फालसा में लो ग्लिसमिक इंडेक्स होने के कारण यह डायबिटीज रोगों के लिए भी काफी लाभदायक साबित होता है।

फालसा का शरबत पीना गर्मियों में एक पौष्टिक पेय माना जाता है। फालसा का यह शरबत हृदय को दुरुस्त रखता है, जिससे हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। इसलिए इसे हृदय का शरबत टॉनिक भी कहा जाता है। वैसे इस फल को लोग ज्यादा सेवन करना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन जब इसके गुणों की तरफ जाते हैं तो यह काफी लोगों के लिए लाभकारी साबित हुआ है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।