गर्मियों के दिनों में लू से कैसे करें अपना बचाव Publish Date : 04/06/2024
गर्मियों के दिनों में लू से कैसे करें अपना बचाव
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
जैसे ही बाहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर और आद्रता 75 प्रतिशत से अधिक होती है तो हमारे शरीर की तापमान नियंत्रित करने की स्वाभाविक प्रक्रिया बाधित होने लगती है। इसके बाद बहुत प्रयास के बाद भी तापमान नीचे नहीं आता है तो ऐसे में शरीर में विभिन्न प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं जैसे तेज बुखार, बार-बार मुंह का सूखना, जी घबराना और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का प्रभावित होना आदि के लक्षण दिखाई देने लगते है।
दरअसल इस प्रक्रिया को ही आम भाषा में लू लग जाना कहा जाता है। लू लग जाने से उल्टी, शरीर में अचानक दर्द या ऐंठन होना, बहुत अधिक कमजोरी महसूस होना आदि लू लगने के सामान्य एवं कॉमन लक्षण होते हैं।
प्रबंधन है गर्मी की एक बड़ी चुनौती
ऐसा देखा जाता है कि लू लगने पर लोग प्राथमिक उपचार तो करते हैं पर मरीज की वास्तविक स्थिति को समझ नहीं पाते कई बार अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन रास्ते में ही उनके साथ अनहोनी हो जाती है। इसलिए हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि लू लगने पर यदि पसीना नहीं आ रहा है और मरीज यदि अचेत होता जा रहा है, बुखार अनियंत्रित है तो प्रभावित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाएं और अस्पताल ले जाते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जिस वाहन या एंबुलेंस में रोगी को लेकर जा रहे हैं वह वत अनुकूलित होना चाहिए। लू का मरीज जब अधिक तापमान के संपर्क में लंबे समय तक रहता है तो यह स्थिति उसके लिए जोखिम भरी भी हो सकती है।
हाइड्रेशन होती है एक बड़ी चुनौती
इस मौसम में शरीर को हाइड्रेट रखना यानी पानी की कमी न होने देने की सबसे बड़ी चुनौती होती है, इसलिए घर से बाहर निकलते समय अपने साथ पानी की बोतल हमेशा रखें और प्यास ना लगी हो तो भी पानी अवश्य पीते रहे। प्रयास यह रहे की इलेक्ट्रोलाइट ले यदि पसीना अधिक आ रहा है तो उसकी भरपाई के लिए नमक एवं चीनी का घोल या ओआरएस आदि का सेवन करते रहना चाहिए।
बच्चों व बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान
जब तापमान 40 डिग्री से अधिक पहुंचने लगता है और तेज गर्मी पड़ने लगती है तथा ऐसे समय लू लगने का जोखिम बच्चों और बुजुर्गों को बढ़ जाता है। ऐसे में प्रयास किया जाना चाहिए कि वह घर पर ही रहे। ऐसे लोगों के खान-पान को संतुलित और पोषण युक्त बनाए रखें, ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनी रहे।
इसके लिए फल सब्जियों का जूस का सेवन करें। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि लोग घर पर हैं और लू वाले लक्षण जैसे सरदर्द, चक्कर, ऐंठन महसूस कर रहे होते हैं यह ध्यान रखें कि यह पानी की कमी यानी कि हाइड्रेशन के कारण भी हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- गर्मियों के दिनों में सूती एवं ढीले कपड़े पहनें ताकि शरीर पर उच्च ताप का सीधा संपर्क न हो सके और इससे पसीने से शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है।
- इस मौसम में नमक एवं पानी की कमी शरीर में नहीं होने दे।
- ओआरएस का घोल सभी को लेना चाहिए, यह आवश्यक नहीं कि आप सामान्य है तो आप खान-पान से ही भी नमक की आपूर्ति कर सकते हैं।
- गर्मियों के मौसम में चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें और इसके स्थान पर घर का बना ठंडा शरबत सेवन करें।
- लंबे समय तक धूप में खड़े वाहनों में बैठते समय भी अपेक्षित सावधानी बरतें।
- दोपहर 12:00 से शाम 4:00 बजे तक बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें।
- अचानक ठंडे स्थान से गर्म वातावरण में निकलना भी आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
- बाहर निकालना पड़े तो तालिया से सर ढके और अपनी आंखों का भी बचाव करें।
- लू लगने पर कई बार पसीना नहीं आता और यूरिन आना भी बंद हो सकता र्ह या फिर यह कम आ सकता है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।