कम खाने पर भी वजन बढ़ता है तो हो जाएं सावधान

                कम खाने पर भी वजन बढ़ता है तो हो जाएं सावधान

                                                                                                                                                                    डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

अपनी दिनचर्या को सुधारें, फैटी फूड्स से दूर रहें

                                                                           

यदि कम उम्र में ही हमेशा थकान बनी रहे और कम खाने के बावजूद भी वजन तेजी से बढ़ रहा है। कम आयु में ही बुढ़ापे के लक्षण नजर आने लगे तो तो समझ लीजिए कुछ ठीक नहीं है। बाल गिरना, त्वचा शुष्क होना, हमेशा चिड़चिड़े बने रहने के जैसे संकेत भी दिखाई दे रहे हैं तो समझ लें कि आप साइलेंट किलर थायराइड के शिकार हो गए हैं। थायराइड के मरीजों को अपनी दिनचर्या और खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है। विशेष रूप से फैटी फूड्स से तो जल्द से जल्द ही दूरी बनानें में ही समझदारी है।

लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ही विश्व थायराइड दिवस प्रत्येक वर्ष 25 मई को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य थायराइड के महत्व और रोग की रोकथाम व उपचार के बारे में जागरूक करना है। वास्तव में, पुरुषों के मुकाबले महिलाएं थाइराइड की समस्या का सामना अधिक करती हैं।

मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में हर माह थायराइड के एक हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं। देश में लगभग प्रत्येक 10वां इंसान थायराइड की बीमारी से जूझ रहा है। इसकी स्थापना यूरोपियन थायराइड एसोसिएशन और अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन ने 25 मई 2008 को की थी। विशेषज्ञों के अनुसार 35 साल की उम्र से थायराइड की जांच करानी शुरू कर देनी चाहिए और हर पांच साल बाद इसकी जांच नियमित तौर पर करानी चाहिए। यह बात महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए समान रूप से लागू होती है।

थायराइड के लक्षणः-    

                                                       

हाइपरथायराइडिज्म       हाइपोथायराइडिज्म

वजन का कम होना       वजन का बढ़ना

घबराहट होना            थकान होना

थकान होना             अवसाद होना

सांस फूलना             मानसिक तनाव होना

कम नींद आना          बालों का झड़ना

अधिक प्यास लगना      त्वचा का रूखा और पतला होना

क्या है थायराइड:

                                                                             

हमारे गलें में थायराइड, तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है। यह सांस की नली के ऊपर स्थित होता है। थायराइड ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का एक हार्मोन बनाती है। यह हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को भी कंट्रोल करता है। थायराइड हार्मोन में कमी होने से हाइपोथायरायडिज्म होता है और थायराइड हार्माेन के बढ़ जाने से हाइपरथायरायडिज्म होता है।

मेरठ के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ0 तनुराज सिरोही का कहना है कि थायराइड के मरीजों को ग्लूटेन का सेवन कम करना चाहिए। ग्लूटेन वाली चीजों का अधिक सेवन करने से छोटी आंत में जलन पैदा कर सकता है और जो लोग थायराइड हार्माेन की दवा का सेवन कर रहें है, यह उसका असर भी कम कर देती हैं। इसलिए अपनी डाइट में चावल, पास्ता, ब्रेड आदि कम मात्रा में ही शामिल करें।

वरिष्ठ फिजिशयन डॉ. संदीप जैन ने बताया कि अधिक फैटी फूड्स का सेवन थायराइड हार्माेन के उत्पादन को कम कर सकता है। इसलिए ऐसे लोग अपनी डाइट में मक्खन, मेयोनीज और मीट जैसे वसायुक्त भोजन को कम मात्रा में ही लेना चाहिए। अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन थायराइड के मरीजों को इसका सेवन भी कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेंरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।