गर्मी के मौसम में डायरिया तथा पेट की अन्य समस्याओं के चलते सेहत बिगड़ रही है Publish Date : 29/05/2024
गर्मी के मौसम में डायरिया तथा पेट की अन्य समस्याओं के चलते सेहत बिगड़ रही है
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
सावधान रहकर तथा दिनचर्या को बदलकर बच सकते हैं डायरिया से
नौतपा के चलते लगातार वातावरण में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है जिसके कारण मानव जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अधिक तापमान लोगों के लिए कई समस्याएं लेकर आ रहा है और अधिक तापमान पेट संबंधी अनेक समस्याएं जैसे दस्त, गैस बनना, अपच और कब्ज संबंधी बीमारियां काफी बढ़ रही है। इस मौसम में अधिक गर्मी के कारण हमारी पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है और शरीर भी जल्दी थक थक सा महसूस करने लगता है।
अधिक समय तक धूप में रहने के करण हीट स्ट्रॉक भी हो सकता है, जिसका असर पेट और हाथ की कार्य प्रणाली पर पड़ता है। ज्यादा तापमान होने पर शरीर से पसीना अधिक निकलता है जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। इससे रोगों से लड़ने की शक्ति कमजोर हो जाती है। गर्मी के इस वातावरण में भोजन भी जल्दी खराब हो जाता है, जिसका सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग की समस्या भी हो सकती है।
कई बार पेट में गर्मी बढ़ जाती है जिस कारण छाती या सीने में जलन, सांस लेने में दिक्कत, खट्टी डकारें आना, पेट का फूलना और पेट में गैस बनने के जैसी समस्याएं होने लगती है। दूषित पानी के पीने से डायरिया और हृदय जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावा हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी जैसे वायरस के फैलने का भी जोखिम बढ़ जाता है, जो लीवर को खराब कर सकते हैं।
प्रायः देखा गया है कि गर्मी से बचने के लिए लोग शुगर युक्त या सौड़ा वाली सॉाफ्ट ड्रिंक अधिक पीते हैं। इन पेय पदार्थों का नियमित सेवन हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इसे फाइब्रोसिस, सिरोसिस और क्रॉनिक लिवर इन्फ्लेमेशन, लंबे समय तक सूजन होना आदि के जैसी बीमारियों को खतरा बढ़ जाता है।
अगर आप मीठे पेय पदार्थ का अधिक सेवन करते हैं तो इससे ब्लड ग्लूकोस का स्तर तेजी से बढ़ जाता है, जिससे इन्सुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जो लिवर कैंसर और लीवर रोग का बड़ा कारण भी बन सकता है। कार्बाेनेटेड ड्रिंक्स और सोड़ा ड्रिंक में मौजूद आर्टिफिशियल शुगर बहुत हानिकारक होती है। इस मौसम में पेट ठीक रखने के लिए बहुत ही सावधानी रखने की जरूरत है, तभी आप हीट स्ट्रॉक से बच सकेंगे।
सेहत ना बिगड़े इसके लिए इन सावधानियां को अपनाए
- पर्याप्त मात्रा में नॉर्मल पानी पीते रहे।
- भोजन करने का समय निश्चित करें।
- घर में बना ताजा भोजन ही खाएं रात के बासी भोजन को ना खाएं।
- पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए फाइबर युक्त आहार जैसे कि साबुत अनाज, फल, सब्जियां, दाल और बीन्स का अधिक सेवन करें।
- शुगर युक्त या सोड़ा वाली सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से दूर रहे।
- मदिरा के सेवन से बचें।
- खाली पेट रहने से गैस की समस्या हो सकती है इसलिए सुबह का नाश्ता समय से करें।
- दूध ठंडा करके पिए ऐसा करने से दूध में मौजूद कैल्शियम पेट के एसिड को आसानी से खत्म कर देता है।
- डिब्बा बंद जूस के बजाय ताजा फल का जूस पिए या फिर फलों को अधिक से खाएं।
- हल्का भोजन करें क्योंकि इससे पाचन तंत्र पर बोझ कम पड़ता है।
- नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें, इससे आपका शरीर एक्टिव बना रहेगा और भोजन को पचाने में भी मदद मिलती है।
- गर्मी के मौसम में दही या छाछ का नियमित रूप से सेवन करें, क्योंकि इसके सेवन से पेट में ठंडक बनी रहती है।
- भारी मसालेदार और तले भुने खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखें।
- ठंडा नारियल का पानी पीने से पेट की गर्मी शांत रहती है और पेट की बीमारियों से दूर रखता है।
- डायरिया तथा पेट संबंधी कोई भी समस्या कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। अपने मन से दवाइयां को किए सेवन करने से बचें।
गमियों में इन बातों का रखें ख्याल
- अपने रक्त शर्करा के स्तर की नियमित जांच करें, जिससे नियंत्रित में रहने के उपाय समय के रहते किए जा सके।
- मौसमी सब्जियां व फलों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें, इनमें उपस्थित प्राकृतिक तत्व पानी की कमी नहीं होने देते हैं।
- नींबू पानी ले रहे हैं तो उसमें चीनी या नमक तभी डालें जब आपका रक्तचाप या डायबिटीज नियंत्रण में हो अन्यथा केवल नींबू पानी ही पीते रहें।
- अत्यधिक कमजोरी महसूस कर रहे हैं तो प्रयास करें कि सत्तू का सेवन करें परन्तु इसमें नमक ना डालें यदि रक्तचाप के रोगी हैं तो नमक का अधिक सेवन करने से बचें।
- गर्मी में टमाटर का उपयोग भी हितकर होता है, हालांकि किडनी संबंधी परेशानी है तो इससे दूरी बनाकर भी रखी जा सकती हैं।
लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाला शर्मा जिला चिकित्सालय, मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।