सिजोफ्रेनिया रोग की पहचान एवं उसके लक्षण और देखभाल

         सिजोफ्रेनिया रोग की पहचान एवं उसके लक्षण और देखभाल

                                                                                                                                                                         डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

यदि आपके आसपास कोई सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति है तो आप इन तरीकों से कर सकते हैं पीड़ित की देखभालः-

                                                                  

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति समाज और वास्तविकता से अलग होकर एक काल्पनिक दुनिया में रहने लगता है। ऐसे व्यक्ति की मदद करने के लिए एक्सपर्ट के द्वारा बताए गए इन खास टिप्स को फॉलो किया जाना चाहिए -

सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक विकार होता है, जिसमें रोगी अक्सर भ्रम की स्थिति में रहता है। इस बीमारी में व्यक्ति वास्तविकता को स्वीकार नहीं करता है और स्वयं को दूसरों से अलग कर लेता है। सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति को सोच, भावना और व्यवहार में असामान्य बदलाव आ जाते हैं, जिसके कारण उसका दैनिक जीवन प्रभावित होता है। परिवार और समाज के साथ तालमेल ना बैठा पाने के कारण सिजोफ्रेनिया का मरीज अक्सर अपनी जिंदगी से निराश हो जाते हैं। ऐसे में, उन्हें अधिक देखभाल और ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर आपके परिवार या आसपास कोई सिजोफ्रेनिया का रोगी है, तो आपका सहयोग उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।

हर साल दुनियाभर में 24 मई को विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य, लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है। इस बार विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस पर हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि सिजोफ्रेनिया के मरीजों की देखभाल कैसे करें?

                                                                   

इस विषय पर आपको पूरी जानकारी प्रदान कर रहें हैं हमारे डॉ0 दिव्यांशु सेंगर। आजके इस लेख में हम आपको सिजोफ्रेनिया के मरीजों की देखभाल करने के सम्बन्ध कुछ विशेष टिप्स बताने जा रहे हैं -

क्या आपके आसपास कोई सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है? तो इन तरीकों से कर सकते हैं उनकी देखभाल-

सिजोफ्रेनिया रोग से पीड़ित व्यक्ति समाज और वास्तविकता से अलग होकर अपनी एक अलग ही काल्पनिक दुनिया में जीने लगता है। ऐसे व्यक्ति की मदद करने के लिए एक्सपर्ट के बताए इन टिप्स को फॉलो करें -

सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसमें रोगी अक्सर भ्रम की स्थिति में रहता है। इस बीमारी में व्यक्ति वास्तविकता को स्वीकार नहीं करता है और खुद को दूसरों से अलग कर लेता है। सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति को सोच, भावना और व्यवहार में असामान्य बदलाव आ जाते हैं, जिसके कारण उसका दैनिक जीवन प्रभावित होता है। परिवार और समाज के साथ तालमेल ना बैठा पाने के कारण सिजोफ्रेनिया के मरीज अक्सर अपनी जिंदगी से निराश हो जाते हैं। ऐसे में, उन्हें अधिक देखभाल और ध्यान की जरूरत होती है। अगर आपके परिवार या आसपास कोई सिजोफ्रेनिया का रोगी है, तो आपका सहयोग उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।

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  • पीड़ित व्यक्ति को किसी से बातचीत करना पसंद नहीं होता
  • सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति हर समय उदास रहता है
  • व्यक्ति अक्सर भ्रम की स्थिति में रहता है
  • सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति का व्यवहार असामान्य होता है
  • व्यक्ति आम लोगों की तरह सुख दुख महसूस नहीं कर पाता
  • सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति भूख-प्यास का ख्याल नहीं रख पाता

सिजोफ्रेनिया के मरीज की देखभाल कैसे करें -

1. सिजोफ्रेनिया के बारे में जितना हो सके उतना जानें। इससे आपको इस विकार को समझने और इसके लक्षणों को पहचानने में मदद मिलेगी।

2. सिजोफ्रेनिया के मरीज की देखभाल करने के लिए सबसे पहले आपको इस रोग के बारे में जानना जरूरी है। इससे आपको इस बीमारी को समझने और इसके लक्षणों को पहचानने में मदद मिलेगी।

3. सिजोफ्रेनिया के मरीज का व्यवहार असामान्य होता है। वह अक्सर किसी से बातचीत करना पसंद नहीं करता है और अपनी ही दुनिया में मग्न रहता है। ऐसा हो सकता है कि वे आपकी बातों या भावनाओं को न समझ पाए। ऐसे में, मरीज के साथ धैर्य और सहानुभूति से पेश आएं। उनके अनुभवों और भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उनकी बातों को ध्यान से सुनें और उन्हें यह महसूस कराएं कि आप उनके साथ हैं।

4. सिजोफ्रेनिया के मरीज को डॉक्टर से नियमित परामर्श लेना जरूरी है। ऐसे में, सुनिश्चित करें कि मरीज नियमित रूप से दवा का सेवन करे और डॉक्टर की सलाह का पालन करे। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं को बंद करना या बदलना नहीं चाहिए।

5. सिजोफ्रेनिया के मरीजों में जीवन के प्रति बहुत कम प्रेरणा होती है। ऐसे व्यक्ति हर समय उदास रहते हैं और अवसाद का शिकार हो सकते हैं। इसलिए आप उनकी बातों को ध्यान से सुनें और उनके जीवन में पॉजिटिविटी लाने का प्रयास करें।

6. सिजोफ्रेनिया के मरीजों के लिए एक शांत और स्थिर वातावरण बनाएं। उन्हें तनावपूर्ण और उथल-पुथल भरे माहौल से बचाएं। सिजोफ्रेनिया के रोगी के लिए पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधियां जरूरी है। यह उनके लिए काफी मददगार हो सकता है।

7. आप मरीज को सपोर्ट ग्रुप्स में शामिल करवा सकते हैं। अन्य लोगों से मिलने और उनके अनुभव जानने से मरीज को थोड़ा सकारात्मक सोच में मदद मिलेगी। इसके लिए आप मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों या सामुदायिक संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं।

8. अगर मरीज के लक्षण गंभीर हो जाएं या वह अपने जीवन को समाप्त करने की बात कर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाला शर्मा जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर हैं।