एक वरदान है जीन थेरेपी कैंसर की रोकथाम करने में

           एक वरदान है जीन थेरेपी कैंसर की रोकथाम करने में

                                                                                                                                                                 डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

‘‘शोध के दौरान कैंसर की नई उपचार विधि के सफल होने की संभावना को मिला बल‘‘

                                                                         

एक समय था जब कैंसर रोग का नाम सुनते ही रोगग्रस्त व्यक्ति और उसके परिवार के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ जाना लाजमी था। क्योंकि इस बेहद घातक और जानलेवा बीमारी के निदान को लेकर जहां एक ओर परंपरागत विधियो, जिनमें कीमियो थेरेपी और रेडियोथेरेपी का प्रचलन बढ़ा है, वहीं भविष्य में जीन थैरिपी के माध्यम रोग की जटिलता को बढ़ने से रोकने के लिये प्रयास जारी हैं। इसके सुखद परिणाम भविष्य में रोग के निदान के नई दिशा देने का काम करेंगे और अब ऐसी संभावनायें जताई जाने लगी हैं।

सूक्ष्म जीव विज्ञान के अनुसार हमारे शरीर का निर्माण कोशिकाओं से होता में और हर कोशिका में डीएनए (डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) नामक आनुवंशिक पदार्थ होता है। यह शरीर के निर्माण और कार्यों के लिए निर्देशों का एक खाका है। जीन डीएनए के विशिष्ट खंड होते हैं, जिनमें विशिष्ट प्रोटीन बनाने के निर्देश होते हैं। ये प्रोटीन हमारे शरीर के हर कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कुछ बीमारिया आनुवंशिक विकारों के कारण होती हैं, जहां जीनों में असामान्यताएं होती हैं। ये असामान्यताएं या तो गलत निर्देश दे सकती है या कोई निर्देश नहीं दे सकती है, जिसके परिणामस्वरूप आवश्यक प्रोटीन का उत्पादन नहीं होता है या गलत प्रोटीन बनता है। जीन थेरेपी का उद्देश्य इन असामान्य जीनों को ठीक करना या उन जोनों को जोड़ना है जो शरीर में अनुपस्थित हैं।

इसकी शुरुआत ऐसे हुई

जीन थेरेपी की शुरुआत विज्ञानियों के लिए एक सपना था, जो कि अब साकार हो रहा है। विभिन्न रोगों के उपचार में जीन थेरेपी पद्धति आनुवंशिक सामग्री (डीएनए वा आरएनए) को एक वेक्टर के माध्यम से लक्ष्य तक पहुंचाया जाता है जो मेजबान कोशिका तक आनुवंशिक सामग्री की डिलीवरी की सुविधा प्रदान करता है। जीन थेरेपी का उद्देश्य मूल रूप से एक घायल जीन वा जौन की एक प्रतिप्रदान करना, रोग को प्रभावित करने वाले चिकित्सीय जीन की अभिव्यक्ति को बढ़ाना या घायल जीन अभिव्यक्ति को रोकना है।

इन तरीकों से होता है निदानः

                                                                    

  • वायरल वेक्टर वायरस।

  • नॉन-वायरल वेक्टर।

  • एक्स-विवो जीन थेरेपी।

यह है इस रोग की जटिलता

                                                                      

ग्रेड, पूर्वानुमान और व्यक्ति के अनुसार निर्धारित किया जाता है। कीमोथेरेपी, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, हार्माेन उपचार, फोटो डायनामिक थेरेपी, हाइपरथर्मिया इम्यूनोथेरेपी, स्टेम सेल प्रत्यारोपण और लक्षित थेरेपी जीन थेरेपी का उपयोग कैंसर और अन्य जटिल रोगों के इलाज में बड़े परिवर्तन का कारण बन रहा है। क्योंकि इसे कई दुष्प्रभावों के बिना लागू किया जा सकता है। यह अस्थिर जीनों को ठीक करने, स्वास्थ्यपूर्ण जीनों को बढ़ावा देने और कैंसर को नष्ट करने के लिए शरीर के रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने के साथ ही कैंसर में जीन थेरेपी रणनीतियों को आत्मघाती जीनथेरेपी, ट्यूमर दमन जीन सक्रियण, इम्यूनोथेरेपी, ऑन्कोजीन सक्रियण का निषेध और एंटीजेनोजेनिक जीन थेरेपी के रूप में वगीकृत किया जा सकता है।

आरंभिक चरण में मिल रहे सुखद संकेत

सीसीएस यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायलॉजी विभाग से लक्ष्मण नागर का कहना है कि जीन थेरेपी कैंसर के इलाज के लिए एक क्रांतिकारी और आशाजनक क्षेत्र है। यह तकनीक कैंसर के जटिल कारणों को लक्षित करने और बीमारी के मूल में परिवर्तन करने की क्षमता रखती है। हालांकि, जीन थेरेपी अब भी अपने विकास के प्रारंभिक चरण में है। सुरक्षा, नैतिकता, लागत और प्रभावशीलता के जैसे मुद्दों पर अब भी अधिक शोध की आवश्यकता है। कैंसर की रोकथाम प्राथमिक लक्ष्य तय करना जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और नियमित कैंसर जांच करवाना आदि कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

माइक्रोबॉलोजिस्ट कहिन

                                                               

माइक्रो बॉयोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र कुमार के अनुसार आनुवंशिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति के साथ, जीन थेरेपी नामक एक नया उपचार विधि सामने आया है। जीन थेरेपी एक विज्ञान है जो मानव रोगों के उपचार के लिए जीनों का परिवर्तन करती है। यह एक उत्कृष्ट तकनीक है जो रोगों के लक्षणों को कम करने या समाप्त करने में मदद करती है और अस्थायी या स्थायी रूप से बीमारियों का इलाज भी कर सकती है।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल र्श्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।