एसी से निकल तुरंत धूप में जाने से बचें Publish Date : 11/05/2024
एसी से निकल तुरंत धूप में जाने से बचें
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
बीपी, शुगर से पीड़ित 50 से 60 साल के लोगों को हो रही परेशानी
गर्मी बढ़ने से जमशेदपुर में ब्रेन हैमरेज के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। 72 घंटे में टीएमएच ब्रह्मानंद हृदयालय हॉस्पिटल (बीएनएच) में ब्रेन हैमरेज के 29 मरीज आए। इन 29 मरीजों में 17 की उम्र करीब 50 वर्ष के आसपास है और ये सभी मरीज बीपी, शुगर से पीड़ित हैं। इन मरीजों को यह परेशानी एसी से बाहर निकलने 15 मिनट के बाद हुई है। इनमें तीन मरीज ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 साल के करीब है और वे एसी का उपयोग नहीं करते हैं। 26 मरीज ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 से 60 साल के बीच है। फिजिशियन डॉ. बलराम झा ने कहा कि अभी प्रचंड गर्मी है। ऐसे में एसी से निकलकर तुरंत धूप में ना जाएं या फिर धूप से तुरंत एसी में ना बैठें।
यह हे प्रमुख लक्षण है
- शरीर के एक हिस्से, चेहरे, और समझने में मुश्किल, हाथ, टांग में सुन्नपन, बोलने एक या दोनों आंखों से साफ न दिखना।
- जी मिचलाना, शरीर के किसी तेज सिर दर्द, उल्टी होना, भी हिस्से में अकड़न के साथ उसमें दर्द का पता न चलना ।
दो तरह के ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज्यादा
बीएनएच के न्यूरो फिजिशियन डॉ अरुण कुमार ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं। पहला सिस्मिक स्ट्रोक होता है। इसमें दिमाग की नसों में रक्त प्रवाह कुछ कारणों से रुक जाता है। इसकी वजह से दिमाग की नसों में खून थक्का जम जाता है। इससे ब्रेन हेमरेज होने की संभावना 99 प्रतिशत हो जाती है। जबकि दूसरा हेमरेजिक स्ट्रोक होता है। इसमें दिमाग की नसें फटने से ब्लड का प्रवाह तेज हो जाता है। इसमें मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से में लकवा मार सकता है। ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला घंटा ही बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। देखने, सुनने और समझने की क्षमता प्रभावित हो रही है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएँ।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।