लगातार बढ़ रही है गर्मी सतर्क रहकर करें अपना बचाव Publish Date : 06/05/2024
लगातार बढ़ रही है गर्मी सतर्क रहकर करें अपना बचाव
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
गर्मी इस बार भी लगातार बढ़ती चली जा रही है और इसी कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार कहीं तापमान 48 डिग्री सेंटीग्रेड से भी ऊपर ना पहुंच जाए। वही देश भर में कई स्थानों पर पर सामान्य से चार से पांच डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा है। बढ़ती गर्मी में हमें स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता उपायों को लेकर जागरूक रहने की आवश्यकता है, तभी हम अपने को इस हीट वेव से बचाकर रख सकेंगे।
देश के विभिन्न हिस्सों में हीट वेव का प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है, हालांकि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में अभी उतनी तेजी से गर्मी नहीं पड़ रही है, लेकिन आगामी कुछ दिनों में गर्मी और अधिक बढ़ने की संभावना है। लू और गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए हमें तीन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पहले अपने मुँह और सर को कपड़े से पूरी तरह से ढककर और पूरी बाजू के वस्त्र पहनकर ही घर से बाहर निकले और दूसरा तेज धूप के सीधे सम्पर्क में आने से बचें और तीसरा अपने शरीर को हाइड्रेट रखें यानी पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
खानपान में क्या रखें सावधानी
इस मौसम में पानी और भोजन से संक्रमण होना एक आम बात होती है, इसलिए बाहर की चीजों को कम खाएं औैर यदि खाएं भी तो साफ सुथरी जगह से लेकर ही खाएं। कोई भी बासी और रखी हुई चीज ना खाएं। गर्मी में शरीर में तेजी से पानी की कमी होती है अतः इस बात का ध्यान रखें। यह मौसम सर्दी के मुकाबले बैक्टीरिया के पनपने के लिए अधिक अनुकूल होता है, इससे भोजन जल्दी खराब हो जाता है।
इसलिए रखे हुए भोजन का दूसरे दिन सेवन कदापि न करें क्योंकि इस प्रकार से रखे हुए भोजन में बैक्टीरिया पैदा होने की संभावना भी अधिक रहती है।
घर नसे बाहर निकलते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर काम के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं तो सीधे धूपके सर्म्पक में आने से बचें। दोपहर के बजाय सुबह जल्दी ही अपने काम निपटाने का प्रयास करें। गांवों में लोग प्रातकाल जल्दी अपना काम पूरा कर लेते हैं और तेज धूप में निकलने से बचते हैं। लेकिन इसके उलट शहरों में यह संभव नहीं हो पाता है और लोगों को सुबह 9.00 से शाम 600 बजे के बीच ही घर से बाहर निकलना ही होता है।
खासकर मजदूर, डिलीवरी बॉय, आशा वर्कर और रिपोर्टर को तो पूरे दिन फील्ड में जाना ही पड़ता है। अतः इस प्रकार के लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। ऐसे लोगों के काम के घंाटंे में थोड़ा परिवर्तन कर देना चाहिए, यदि धूप में निकलना ही पड़े तो कोशिश करें कि अपने सर को गमछे आदि कपड़ों की सहायता से ढक कर ही बाहर निकले।
इन दिनों बुजुर्ग रखें अपना विशेष ध्यान
अब आगे आने वाले दिनों में लू का प्रकोप भी बढ़ेगा और लू से बुजुर्गों को बड़ा खतरा होता है। वह हल्का सा दस्त और उल्टी भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। बुजुर्गों या जिन्हें पहले से ही कोई सेहत संबंधी तकलीफ चल रही है उनका इस मौसम में विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही स्वयं के स्तर पर भी सतर्क रहना चाहिए। वही अस्पतालों में हीटवेव वाले वार्ड बनाने की जरूरत है, क्योंकि इसका उपचार थोड़ा अलग तरीके से होता है।
इन बातों को लेकर रखें सावधानी
अधिक ठंडा पीने से बचे
कोल्ड ड्रिंक या किसी ठंडा पेय पदार्थ को लेते समय उसकी मात्रा और तापमान पर ध्यान अवश्य ही रखें क्योंकि अधिक ठंडा पेय सेवन करने से डिहाइड्रेशन बढ़ता है। अतः किसी भी पेय का तापमान सामान्य करके ही एसका सेवन करें।
शरीर में न हो नमक की कमी
अधिक गर्मी के कारण पसीना निकलता है, जिससे हमारे शरीर में नमक की कमी होने लगती है। इसके उचार के लिए ओआरएस या नमक चीनी मिलाकर नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं।
हीट स्ट्रोक से करें अपना उचित बचाव
अधिक गर्मी लगने या तेज धूप में लंबे समय तक रहने के कारण हीट स्ट्रोक हो जाता है। ऐसी स्थिति में पसीना भी नहीं निकलता है और यह हीट स्ट्रोक कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है। अतः धूप या गर्मी से परेशानी होने पर तुरंत इससे प्रभावित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। उन्हें इन फ्रूट लगाने की जरूरत होती है, तुरंत उपचार मिलने से शरीर को राहत मिल जाती है।
तेज गर्मी लगने पर क्या करें
अक्सरर देखा जाता है कि कुछ लोग काम करते हुए बेहोश हो जाते हैं, ऐसा होने पर उन्हें तुरंत ही छाया में ले जाएं तथा ठंडे पानी में भीगे कपड़े से हाथ पांव को पौंछें, ताकि शरीर की गर्मी कम हो सके। शरीर का पसीना मेकैनिज्म होता है, अधिक गर्मी लगने पर शरीर से पसीना निकलता है। लेकिन जब शरीर का मेकैनिज्म असंतुलित हो जाता है तो स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसी दशा में पीड़ित को तुरंत ही अस्पताल ले जाना चाहिए। मरीज को पानी पिलाना चाहिए यदि संभव हो तो उसे औआरएस का घोल अर्थात थोड़ा नमक, चीनी एवं नींबू पानी का घोल पिलाते रहना चाहिए। यात्रा करते समय भी पानी की बोतल हमेशा अपने पास रखें।
इसके साथ ही संतुलित, हल्का एवं नियमित भोजन करते रहना चाहिए और अधिक लम्बे समय तक बिना भोजन के नही रहना खहिए। खाना बनाते समय रसोई की खिड़की और दरवाजे तथा रात्री के खिड़कियां खुली रखें। साथ ही जिन खिड़कियों और दरवाजा से गर्म हवा अन्दर आती है उन पर रिफ्लेक्टर जैसे एल्यूमीनियम की पन्नी, पत्ते या पर्दे अवश्य लगाए। वृद्धो, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त करते रहें और तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति हमेशा सतर्क रहें।
घर से बाहर निकलते समय गमछा, टोपी चश्मा एवं छाते का प्रयोग करें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने और कड़ी धूप में जाने से बचें। पर्याप्त मात्रा में तरल पर पदार्थ जैसे छाछ, नमक और चीनी का घोल, नींबू पानी एवं आम के पानी का सेवन करते रहें। प्यास नहीं लगने पर भी बार-बार पानी पीते रहें और निर्जलीकरण से बचने के लिए ओआरएस के घोल का प्रयोग करें।
लू लगने वाले लक्षणों को कैसे पहचाने
जिन लोगों को लू लग जाती है, उन्हें अपने शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है और यदि इसके साथ ही सरदर्द और उल्टी महसूस हो, मांसपेशियों में ऐंठन हो और चक्कर आए तो तुरंत पास के चिकित्सक को दिखाएं। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटा कर सूती गीले कपड़ों से उसके शरीर को पौंछें या पीड़ित शरीर के ऊपर पानी का स्प्रे करें। आराम न मिलने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर ले जाएं।
आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण ले। जानवरों को छाया में बाँधें और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं। दोपहर के समय उनको नहला दें तो वह भी इस गर्मी के तेवर से अपने आपको बचा सकेंगे।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ के मेडिकल ऑफिर हैं।