कस्तूरी मेथी एवं उसके लाभ      Publish Date : 28/04/2024

                                      कस्तूरी मेथी एवं उसके लाभ

                                                                                                                                                         डॉ0 आर. एस. सेगर एवं सरिता सेंगर

                                                                             

क्या आप जानते हैं कसूरी मेथी में क्या है ‘कसूरी’ का मतलब? घर में सुखाकर नहीं बनती ये,

अक्सर महिलाएं सर्दियों के मौसम में सस्ती मिलने वाली मेथी के पत्तों को घर में सुखा लेती हैं। ये सूखी हुई मेथी आराम से सालभर स्टोर की जा सकती है। कई लोग ये मानते हैं कि यही कसूरी मेथी होती है। क्या आप भी ऐसा ही समझती हैं? अगर आप भी ऐसा समझती हैं तो ये गलत है। इतना ही नहीं घर-घर में इस्तेमाल होने के बाद भी कई लोगों को नहीं पता कि ‘कसूरी मेथी’ को कसूरी मेथी क्यों कहते हैं। रसोई के इस खुशबूदार मसाले के बारे में विस्तार से आज की पोस्ट में बता रही हैं, श्रीमति सरिता सेंगर-

सबसे पहले तो जितने भी लोग ये मानते हैं कि मेथी को सुखाकर उससे कसूरी मेथी बनती है या इसे ही कसूरी मेथी कहते हैं तो ये गलत है। कसूरी मेथी में ये शब्द आया है पाकिस्तान के शहर ‘कसौर’ से. दरअसल कसौर भारत का ही एक शहर था, लेकिन बंटवारे के बाद कसौर पाकिस्तान में चला गया। मेथी यूं तो पंजाब के कई इलाकों और राजस्थान में भी उगाई जाती है, लेकिन बंटवारे से पहले कसौर में उगने वाली मेथी की किस्म दुनिया की सबसे बेहतरीन मेथी मानी जाती है, क्योंकि मेथी की यह वैरायटी कसौर जिले में उगाई जाती थी, इसलिए इसे ‘कसूरी मेथी’ कहा जाने लगा।

बंटवारे के बाद कसौर से आने वाली ये मेथी देश में नहीं मिलती थी। ऐसे में पंजाब के मलेरकोटला और राजस्थान के नागौर में मेथी की यही वैरायटी उगाई जाने लगी। इतने सालों में हमारी कृषि के उन्नत संसाधनों के चलते आज हमारे देश के दुनिया की सबसे अच्छी और सुगंधित कसूरी मेथी उगाई जाती है। इतना ही नहीं, आज राजस्थान देश का सबसे बड़ा कसूरी मेथी का उत्पादक बन चुका है तो वहीं भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा मेथी का उत्पादन किया जाता है।

कसूरी मेथी है विभिन्न लाभ

                                                       

कसूरी मेथी में फाइबर की मात्रा काफी ज्यादा होती है. इसे वजन कंट्रोल करने में भी सहायक माना जाता है। साथ ही कसूरी मेथी का फाइबर ओवर ईटिंग को भी रोकने में मदद करता है। कसूरी मेथी, शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करती है। इसके अलावा ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए भी कसूरी मेथी खाने की सलाह दी जाती है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।